लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर यूपी पुलिसकर्मियों की स्थानांतरण नीति जारी कर दी गई है. इसके तहत 31 मई 2024 तक 3 वर्ष पूरे कर चुके पुलिस कर्मियों का तबादला होगा. इतना ही नहीं 31 मई 2022 से पूर्व विधानसभा चुनाव क्षेत्र में नियुक्त रह चुके पुलिसकर्मियों का भी तबादला होगा. पुलिस मुख्यालय ने फैसला किया है कि इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर जो किसी न किसी राजनीतिक दल का पक्षपात करते हैं या फिर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं उन्हे भी हटाया जायेगा.
पुलिसकर्मियों का होगा तबादला
लोक सभा चुनाव 2024 से पहले यूपी के हर जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण नीति शनिवार को जारी की गई है. इसके तहत ऐसे एडिशनल एसपी, डिप्टी एसपी, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के ट्रांसफर किए जायेंगे, जिन्होंने जिले में 3 वर्ष पूरे कर लिए हैं या फिर जिनके खिलाफ कोई जांच चल रही है. मुख्यालय से 7 दिनों के अंदर उनके नाम मांगे गए है. इसे लेकर एडीजी स्थापना संजय सिंघल ने आदेश जारी कर दिया है. आदेश के अनुसार इन पुलिसकर्मियों का तबादला किया जाएगा.
गृह जनपद वाले जिलों से होगा स्थानांतरण
निर्वाचन कार्य में लगा कोई भी इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर पुलिस अपने गृह जनपद में तैनात हो तो उसे जिले से स्थानांतरित किया जाएगा. जो इंस्पेक्टर 31 मई 2024 तक विगत 4 वर्षों में 3 वर्ष की अवधि पूर्ण कर रहे हैं. उस भी जिले से अन्य जिले में स्थानांतरित किया जाना है. जो इंस्पेक्टर 31 मई 2022 से पहले उस विधान सभा क्षेत्र में हुए सामान्य या उप निर्वाचन में तैनात रहे हैं या लगातार नियुक्त हैं, उन्हे भी उस जिले से अन्य जिले में स्थानान्तरित किया जायेगा. जो सब इंस्पेक्टर पिछले 4 वर्षों में 3 वर्ष की अवधि कट आफ डेट 31 मई 2024 तक उस पुलिस सब डिवीजन में पूर्ण कर रहे है. उनका स्थानान्तरण उस पुलिस सब डिवीजन से दूसरे पुलिस सब डिवीजन में किया जाना है. अगर जिले के छोटे क्षेत्र की वजह से यह किया जाना संभव न हो तो उसे जनपद से बाहर स्थानान्तरित किया जाए.
रिटायर होने वाले तबादला नीति से होंगे बाहर
पुलिस मुख्यालय के आदेशानुसार सब इंस्पेक्टर 31 मई 2024 से पहले उस विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में हुए सामान्य उपनिर्वाचन में नियुक्त रहे हैं या लगातार नियुक्त हैं. उन सभी का स्थानांतरण उस पुलिस सब डिवीजन से अन्य विधान सभा क्षेत्र में किया जाएगा. इसके अलावा 3 वर्ष की अवधि में इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर की उस जिले में पदोन्नति से पूर्व की नियुक्ति अवधि को भी जोड़ा जायेगा. इस आदेश में ऐसे इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर जो अगले 6 माह में रिटायर होने वाले हैं, उन्हें इस तबादला नीति से अलग रखा जायेगा. हालांकि उनसे चुनावी कार्य नहीं काराया जाएगा. साथ ही यदि किसी कर्मी के विरूद्ध विगत चुनाव में शिकायत के आधार पर अन्यन्त्र स्थानान्तरित किया गया था अथवा उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी थी तो उससे निर्वाचन सम्बन्धी कार्य नहीं लिया जाएगा.
राजनैतिक दल के प्रति पूर्वाग्रह या पक्षपात
कोई भी इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर इस संबंध में कोई विशिष्ट शिकायत या किसी राजनैतिक दल के प्रति पूर्वाग्रह या पक्षपात की शिकायत की है तो उसे अन्यत्र स्थानान्तरित किया जाए. यदि प्रकरण गंभीर है और जोन कमिश्नरेट में समायोजन संभव नहीं है तो प्रकरण आवश्यक कार्यवाही हेतु इस मुख्यालय को बताया जाए. कोई भी इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर जो जिला की पुलिस में कार्य हेतु उपयुक्त नहीं है तो उसके संबंध में प्रस्ताव कारण सहित इस मुख्यालय को संदर्भित किया जाए.
गृह विभाग ने स्क्रीनिंग कमेटी का किया था गठन
इससे पहले प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए ऐसे एएसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर की स्क्रीनिंग करने के आदेश दिए थे. जिनकी सेवाएं एक जिले में 3 वर्ष पूरी हो चुकी हैं या 31 मार्च 2024 तक 3 वर्ष पूरी हो जाएंगी या फिर उनके विरुद्ध कोई जांच चल रही है. ऐसे पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग करने के लिए कमेटी भी गठित की गई थी.
स्क्रीनिंग कमेटी फॉर ट्रांसफर
उत्तर प्रदश शासन ने पुलिस विभाग में तबादलों के लिए दो अलग-अलग स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर दी है. एएसपी और डीएसपी के तबादलों के लिए गठित पहली स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार होंगे और एडीजी प्रशासन नीरा रावत और गृह सचिव डॉ. संजीव गुप्ता को सदस्य बनाया गया. वहीं इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के तबादले के लिए बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष एडीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण और एडीजी स्थापना संजय सिंघल और सचिव गृह एवी राजामौली को सदस्य बनाया था.
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