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Scrap Policy of UP : सरकारी वाहन ले रहे स्क्रैप का डिपॉजिट सर्टिफिकेट, इन विभागों को मिली छूट

स्क्रैप पॉलिसी के तहत 31 मार्च तक उत्तर प्रदेश के हजारों सरकारी वाहन (जो अपने आयु 15 साल पूरी कर चुके हैं या अगले साल तक पूरी करेंगे) को स्क्रैप करना है. ऐसे वाहनों को स्क्रैप करने की दिशा में परिवहन विभाग काम कर रहा है.

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Published : Mar 29, 2023, 3:09 PM IST

लखनऊ : स्क्रैप पॉलिसी के तहत 31 मार्च तक सरकारी वाहनों को स्क्रैप करना है. ऐसे वाहनों को स्क्रैप करने की दिशा में परिवहन विभाग काम कर रहा है. अब तक 410 वाहनों में से 350 वाहन स्क्रैप हो चुके हैं. बाकी सभी सरकारी वाहन डिपॉजिट सर्टिफिकेट ले रहे हैं. सभी तरह के सरकारी वाहनों को स्क्रैप होना है. लिहाजा परिवहन विभाग की तरफ से सभी विभागों को नोटिस भेजा जा रहा है. एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का कहना है कि वाहनों का डिपॉजिट सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है. स्क्रैप बाद में भी होते रहेंगे. उनका कहना है कि सेना के बख्तरबंद वाहन, फायर विभाग की फायर ब्रिगेड और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखकर पुलिस विभाग की गाड़ियां जो 15 साल पुरानी हो चुकी हैं उनको स्क्रैप पालिसी के दायरे से छूट दी गई है. उन्हें स्क्रैप नहीं किया जाएगा.


लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में हजारों ऐसे सरकारी वाहन हैं जो अपने आयु 15 साल पूरी कर चुके हैं या अगले साल तक पूरी कर रहे हैं. ऐसे वाहनों को सरकार ने कबाड़ घोषित किया है और सड़क पर संचालित होने पर रोक लगाई है. अगले साल तक हरहाल में इन सभी वाहनों को सड़क से हटा दिया जाएगा. हालांकि सरकार ने लॉ एंड ऑर्डर को ध्यान में रखते हुए कई तरह के सरकारी वाहनों को स्क्रैप पॉलिसी में छूट भी दी है. इनमें सेना से जुड़े बख्तर बंद वाहन हैं तो कानून व्यवस्था से जुड़े पुलिस के वाहन शामिल हैं. इसके अलावा आपातकालीन सेवा के तौर पर फायर विभाग की जो गाड़ियां हैं उन्हें भी स्क्रैप से छूट दी गई है. इन वाहनों को स्क्रेपिंग के दायरे में नहीं रखा गया है.


15 साल पूरे होने के बावजूद इन तीनों श्रेणी के वाहन कबाड़ घोषित नहीं किए जाएंगे. 15 साल की आयु पूरी होने के बाद इन वाहनों को पांच साल के लिए रिन्यूअल किया जाएगा. जो ऐसे सरकारी वाहन स्क्रैप पालिसी के दायरे में आते हैं और 15 साल पूरे होने से पहले ही रीरजिस्ट्रेशन करा लिया है तो उनका रजिस्ट्रेशन 15 साल जिस दिन पूरा होगा उसी अवधि तक माना जाएगा, न कि पांच साल के लिए. यानी रजिस्ट्रेशन की अवधि 15 साल पूरा होने में अगर माह भर रह गई है और पहले रजिस्ट्रेशन करा लिया है तो इसे पांच साल तक मान्य नहीं किया गया है, बल्कि यह उसी अवधि पर कबाड़ घोषित होगा.

अब तक 350 से ऊपर स्क्रैप : वाहनों को स्क्रैप करने में परिवहन विभाग ने तेजी दिखानी शुरू कर दी है. इस साल 31 मार्च तक प्रदेश में कुल 410 वाहनों को स्क्रैप करना है. जिनमें अब तक साढ़े तीन सौ से ऊपर वाहनों की स्क्रेपिंग की जा चुकी है. शेष सभी वाहनों को 31 मार्च तक स्क्रैप किया जाएगा. 31 मार्च 2024 तक हर हाल में 15 साल पूरी कर चुके सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने का लक्ष्य सरकार ने तय किया है.

लखनऊ जोन में 10 हजार से ज्यादा सरकारी वाहन कबाड़ : केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 15 साल पुराने सरकारी वाहन सड़कों पर संचालित नहीं होंगे. इन वाहनों पर स्क्रैप पॉलिसी लागू होगी. पुराने वाहनों की जगह नए वाहन लेंगे. देश में ऐसे लाखों सरकारी वाहन हैं. उत्तर प्रदेश की बात करें तो ऐसे सरकारी वाहनों की संख्या हजारों में है. यह सभी वाहन स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में आएंगे और इन्हें हटाया जाएगा.

लखनऊ जोन में कुल 10,088 सरकारी वाहन : लखनऊ 8839, विस्तार पटल कार्यालय लखनऊ 483, उन्नाव 125, रायबरेली 188, सीतापुर 245, हरदोई 68, लखीमपुर 140.
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि जो भी सरकारी वाहन स्क्रैप पालिसी के दायरे में आ रहे हैं उन्हें स्क्रैप करने की कार्रवाई की जा रही है. 31 मार्च तक ऐसे वाहन स्क्रैच किए जाएंगे. अगले साल तक 15 साल उम्र पूरी करने वाले सभी सरकारी वाहन स्क्रैप करने की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी.

एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर राजीव कुमार का कहना है कि इस साल 31 मार्च तक की अवधि में 410 वाहन स्क्रैप के दायरे में आ रहे हैं. जिनमें से साढ़े तीन सौ से ज्यादा वाहन स्क्रैप करने की कार्रवाई पूरी भी हो गई है. दो दिन के अंदर सभी वाहन स्क्रैप हो जाएंगे. सेना के बख्तरबंद वाहनों, पुलिस विभाग और फायर ब्रिगेड के वाहनों को स्क्रेपिंग से छूट दी गई है.

यह भी पढ़ें : कोटा में रुका यूपी पुलिस का काफिला, अतीक अहमद ने मीडिया से कहा- सब ठीक है

लखनऊ : स्क्रैप पॉलिसी के तहत 31 मार्च तक सरकारी वाहनों को स्क्रैप करना है. ऐसे वाहनों को स्क्रैप करने की दिशा में परिवहन विभाग काम कर रहा है. अब तक 410 वाहनों में से 350 वाहन स्क्रैप हो चुके हैं. बाकी सभी सरकारी वाहन डिपॉजिट सर्टिफिकेट ले रहे हैं. सभी तरह के सरकारी वाहनों को स्क्रैप होना है. लिहाजा परिवहन विभाग की तरफ से सभी विभागों को नोटिस भेजा जा रहा है. एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का कहना है कि वाहनों का डिपॉजिट सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है. स्क्रैप बाद में भी होते रहेंगे. उनका कहना है कि सेना के बख्तरबंद वाहन, फायर विभाग की फायर ब्रिगेड और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखकर पुलिस विभाग की गाड़ियां जो 15 साल पुरानी हो चुकी हैं उनको स्क्रैप पालिसी के दायरे से छूट दी गई है. उन्हें स्क्रैप नहीं किया जाएगा.


लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में हजारों ऐसे सरकारी वाहन हैं जो अपने आयु 15 साल पूरी कर चुके हैं या अगले साल तक पूरी कर रहे हैं. ऐसे वाहनों को सरकार ने कबाड़ घोषित किया है और सड़क पर संचालित होने पर रोक लगाई है. अगले साल तक हरहाल में इन सभी वाहनों को सड़क से हटा दिया जाएगा. हालांकि सरकार ने लॉ एंड ऑर्डर को ध्यान में रखते हुए कई तरह के सरकारी वाहनों को स्क्रैप पॉलिसी में छूट भी दी है. इनमें सेना से जुड़े बख्तर बंद वाहन हैं तो कानून व्यवस्था से जुड़े पुलिस के वाहन शामिल हैं. इसके अलावा आपातकालीन सेवा के तौर पर फायर विभाग की जो गाड़ियां हैं उन्हें भी स्क्रैप से छूट दी गई है. इन वाहनों को स्क्रेपिंग के दायरे में नहीं रखा गया है.


15 साल पूरे होने के बावजूद इन तीनों श्रेणी के वाहन कबाड़ घोषित नहीं किए जाएंगे. 15 साल की आयु पूरी होने के बाद इन वाहनों को पांच साल के लिए रिन्यूअल किया जाएगा. जो ऐसे सरकारी वाहन स्क्रैप पालिसी के दायरे में आते हैं और 15 साल पूरे होने से पहले ही रीरजिस्ट्रेशन करा लिया है तो उनका रजिस्ट्रेशन 15 साल जिस दिन पूरा होगा उसी अवधि तक माना जाएगा, न कि पांच साल के लिए. यानी रजिस्ट्रेशन की अवधि 15 साल पूरा होने में अगर माह भर रह गई है और पहले रजिस्ट्रेशन करा लिया है तो इसे पांच साल तक मान्य नहीं किया गया है, बल्कि यह उसी अवधि पर कबाड़ घोषित होगा.

अब तक 350 से ऊपर स्क्रैप : वाहनों को स्क्रैप करने में परिवहन विभाग ने तेजी दिखानी शुरू कर दी है. इस साल 31 मार्च तक प्रदेश में कुल 410 वाहनों को स्क्रैप करना है. जिनमें अब तक साढ़े तीन सौ से ऊपर वाहनों की स्क्रेपिंग की जा चुकी है. शेष सभी वाहनों को 31 मार्च तक स्क्रैप किया जाएगा. 31 मार्च 2024 तक हर हाल में 15 साल पूरी कर चुके सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने का लक्ष्य सरकार ने तय किया है.

लखनऊ जोन में 10 हजार से ज्यादा सरकारी वाहन कबाड़ : केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 15 साल पुराने सरकारी वाहन सड़कों पर संचालित नहीं होंगे. इन वाहनों पर स्क्रैप पॉलिसी लागू होगी. पुराने वाहनों की जगह नए वाहन लेंगे. देश में ऐसे लाखों सरकारी वाहन हैं. उत्तर प्रदेश की बात करें तो ऐसे सरकारी वाहनों की संख्या हजारों में है. यह सभी वाहन स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में आएंगे और इन्हें हटाया जाएगा.

लखनऊ जोन में कुल 10,088 सरकारी वाहन : लखनऊ 8839, विस्तार पटल कार्यालय लखनऊ 483, उन्नाव 125, रायबरेली 188, सीतापुर 245, हरदोई 68, लखीमपुर 140.
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि जो भी सरकारी वाहन स्क्रैप पालिसी के दायरे में आ रहे हैं उन्हें स्क्रैप करने की कार्रवाई की जा रही है. 31 मार्च तक ऐसे वाहन स्क्रैच किए जाएंगे. अगले साल तक 15 साल उम्र पूरी करने वाले सभी सरकारी वाहन स्क्रैप करने की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी.

एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर राजीव कुमार का कहना है कि इस साल 31 मार्च तक की अवधि में 410 वाहन स्क्रैप के दायरे में आ रहे हैं. जिनमें से साढ़े तीन सौ से ज्यादा वाहन स्क्रैप करने की कार्रवाई पूरी भी हो गई है. दो दिन के अंदर सभी वाहन स्क्रैप हो जाएंगे. सेना के बख्तरबंद वाहनों, पुलिस विभाग और फायर ब्रिगेड के वाहनों को स्क्रेपिंग से छूट दी गई है.

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