ETV Bharat / state

यूपी में छात्रवृत्ति घोटाला: हाइजिया एजुकेशन ग्रुप के संचालकों ने कई अधिकारियों के नाम किये उजागर - हाइजिया एजुकेशन ग्रुप

यूपी में छात्रवृत्ति घोटाला (Scholarship scam in UP) को लेकर हो रही पूछताछ में बड़े खुलासे हो रहे हैं. हाइजिया एजुकेशन ग्रुप के संचालकों (Hygia Education Group Directors) से पूछताछ के बाद कई विभाग के बड़े अधिकारियों पर शिकंजा कसना तय माना जा रहा है.

scholarship scam in up  हाइजिया एजुकेशन ग्रुप  यूपी में छात्रवृत्ति घोटाला  हाइजिया एजुकेशन ग्रुप  Hygia Education Group
scholarship scam in up हाइजिया एजुकेशन ग्रुप यूपी में छात्रवृत्ति घोटाला हाइजिया एजुकेशन ग्रुप Hygia Education Group
author img

By

Published : May 1, 2023, 7:42 AM IST

लखनऊः प्रदेश में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में गिरफ्तार हाइजिया एजुकेशन ग्रुप के संचालकों ने पूछताछ के दौरान कई बड़े अधिकारियों के नाम लिए हैं. प्रवर्तन निदेशालय के जांच में सामने आया है कि इस घोटाले में कई आईएएस व पीसीएस अधिकारी शामिल रहे हैं. इसमें अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण और दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता की बात सामने आई है. आरोपियों ने कबूल किया है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले की रकम का एक हिस्सा इन अधिकारियों को भी दिया जाता है.

केंद्र सरकार की तरफ से गरीबों, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति-जनजाति और दिव्यांग छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति हड़पने वाले कॉलेजों के संचालकों ईडी ने पूछताछ शुरू की, तब कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. प्रवर्तन निदेशालय को पूछताछ में पता चला है कि घोटाले की रकम का बड़ा हिस्सा अफसरों को भी पहुंचाया जा रहा है. जांच अधिकारी रामचंदर की तरफ से इन सभी अधिकारियों को समन भेजना शुरू किया गया है. ईडी के बार-बार अनुरोध पर भी इन विभागों के अधिकारी छात्रवृत्ति से जुड़ी जानकारियां साझा नहीं कर रहे थे. सूत्रों की मानें तो बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिले हैं.

रिक्शा चालक के नाम से भी खुलवाए गए थे खाते: प्रवर्तन निदेशालय के जांच में सामने आया है कि छात्रवृत्ति घोटाले में छात्रवृत्ति की रकम हड़पने के लिए हाइजिया के संचालकों ने पुराने लखनऊ के रहने वाले रिक्शा चालक अजय लाल का भी बैंक खाता खोला था. वह किसी छात्र को कॉलेज छोड़ने आया करता था. उसे केंद्र सरकार की योजना का लाभ दिलाने का लालच देकर उससे अंगूठा लगवा कर बैंक खाते खोले गए थे.

बाद में फिनो बैंक अकाउंट के एजेंट ने उसका बतौर छात्र खाता खोला था. इसी तरह लखनऊ निवासी बीपीओ कर्मी पूर्णिमा वर्मा, गुडंबा के दिव्यांग अरविंद कुमार का फर्जी बैंक खाता खोलकर छात्रवृत्ति ली गयी. जांच में सामने आया है कि चौक निवासी मीना देवी का हाइजिया के संचालकों ने बैंक खाता खुलवाया था. जबकि 80 साल की उम्र में 12 साल पहले ही उनका निधन हो चुका है.

छात्रवृत्ति घोटाले में 20 से अधिक नए कॉलेजों के नाम सामने आए: गिरफ्तार संचालकों ने 20 से ज्यादा ऐसे कॉलेजों के नाम बताए हैं. जहां पर छात्रवृत्ति हड़पने के लिए फर्जी बैंक खाते खोले गए. इन कालेजों के छात्रों के बैंक खाते से जुड़े कुछ दस्तावेज छापों के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को बरामद हुए हैं. इन दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की गई तो रिमांड पर लिए गए संचालकों ने बताया कि उन्होंने ही इन कॉलेजों का खाता फिनो बैंक एजेंट के जरिए खुलवाया था.

इतना ही नहीं हाइजिया कॉलेज के संचालकों ने पूछताछ में बताया कि गुवाहाटी में उनके द्वारा एक कॉलेज का निर्माण कराया जा रहा है. इसके अलावा नेपाल, लखनऊ, नोएडा समेत एक दर्जन से ज्यादा शहरों में बेशकीमती संपत्तियों की भी जानकारी मिली है. ईडी ने हाइजिया के दोनों संचालकों इजहार हुसैन जाफरी, अली अब्बास जाफरी और कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को सोमवार को सीबीआई अदालत में पेश करके रिमांड अवधि बढ़ाने की अनुरोध करने जा रहा है.

ये भी पढ़ें- प्रेमी ने शादी का झांसा देकर बनाए शारीरिक संबंध, युवती का अश्लील वीडियो भेजकर तुड़वा दिया रिश्ता

लखनऊः प्रदेश में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में गिरफ्तार हाइजिया एजुकेशन ग्रुप के संचालकों ने पूछताछ के दौरान कई बड़े अधिकारियों के नाम लिए हैं. प्रवर्तन निदेशालय के जांच में सामने आया है कि इस घोटाले में कई आईएएस व पीसीएस अधिकारी शामिल रहे हैं. इसमें अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण और दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता की बात सामने आई है. आरोपियों ने कबूल किया है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले की रकम का एक हिस्सा इन अधिकारियों को भी दिया जाता है.

केंद्र सरकार की तरफ से गरीबों, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति-जनजाति और दिव्यांग छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति हड़पने वाले कॉलेजों के संचालकों ईडी ने पूछताछ शुरू की, तब कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. प्रवर्तन निदेशालय को पूछताछ में पता चला है कि घोटाले की रकम का बड़ा हिस्सा अफसरों को भी पहुंचाया जा रहा है. जांच अधिकारी रामचंदर की तरफ से इन सभी अधिकारियों को समन भेजना शुरू किया गया है. ईडी के बार-बार अनुरोध पर भी इन विभागों के अधिकारी छात्रवृत्ति से जुड़ी जानकारियां साझा नहीं कर रहे थे. सूत्रों की मानें तो बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिले हैं.

रिक्शा चालक के नाम से भी खुलवाए गए थे खाते: प्रवर्तन निदेशालय के जांच में सामने आया है कि छात्रवृत्ति घोटाले में छात्रवृत्ति की रकम हड़पने के लिए हाइजिया के संचालकों ने पुराने लखनऊ के रहने वाले रिक्शा चालक अजय लाल का भी बैंक खाता खोला था. वह किसी छात्र को कॉलेज छोड़ने आया करता था. उसे केंद्र सरकार की योजना का लाभ दिलाने का लालच देकर उससे अंगूठा लगवा कर बैंक खाते खोले गए थे.

बाद में फिनो बैंक अकाउंट के एजेंट ने उसका बतौर छात्र खाता खोला था. इसी तरह लखनऊ निवासी बीपीओ कर्मी पूर्णिमा वर्मा, गुडंबा के दिव्यांग अरविंद कुमार का फर्जी बैंक खाता खोलकर छात्रवृत्ति ली गयी. जांच में सामने आया है कि चौक निवासी मीना देवी का हाइजिया के संचालकों ने बैंक खाता खुलवाया था. जबकि 80 साल की उम्र में 12 साल पहले ही उनका निधन हो चुका है.

छात्रवृत्ति घोटाले में 20 से अधिक नए कॉलेजों के नाम सामने आए: गिरफ्तार संचालकों ने 20 से ज्यादा ऐसे कॉलेजों के नाम बताए हैं. जहां पर छात्रवृत्ति हड़पने के लिए फर्जी बैंक खाते खोले गए. इन कालेजों के छात्रों के बैंक खाते से जुड़े कुछ दस्तावेज छापों के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को बरामद हुए हैं. इन दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की गई तो रिमांड पर लिए गए संचालकों ने बताया कि उन्होंने ही इन कॉलेजों का खाता फिनो बैंक एजेंट के जरिए खुलवाया था.

इतना ही नहीं हाइजिया कॉलेज के संचालकों ने पूछताछ में बताया कि गुवाहाटी में उनके द्वारा एक कॉलेज का निर्माण कराया जा रहा है. इसके अलावा नेपाल, लखनऊ, नोएडा समेत एक दर्जन से ज्यादा शहरों में बेशकीमती संपत्तियों की भी जानकारी मिली है. ईडी ने हाइजिया के दोनों संचालकों इजहार हुसैन जाफरी, अली अब्बास जाफरी और कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को सोमवार को सीबीआई अदालत में पेश करके रिमांड अवधि बढ़ाने की अनुरोध करने जा रहा है.

ये भी पढ़ें- प्रेमी ने शादी का झांसा देकर बनाए शारीरिक संबंध, युवती का अश्लील वीडियो भेजकर तुड़वा दिया रिश्ता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.