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यूपी रोडवेज की बसों के लोड फैक्टर में घपला: सात कर्मचारी सस्पेंड, चार की जांच जारी - उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम

यूपी रोडवेज की बसों के लोड फैक्टर में घपला (Scam in load factor of UP Roadways buses) करने वाले सात कर्मचारी मंगलवार को सस्पेंड (Seven UPSRTC employees suspended) कर दिया गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 7:26 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) के प्रबंध निदेशक के सख्त निर्देश पर सहारनपुर रीजन के छुटमलपुर डिपो में बसों के लोड फैक्टर में घपला करने वाले सात कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. चार कर्मचारियों को इस मामले में आरोपित करते हुए जांच बिठाई है. 50 फीसदी से कम लोड फैक्टर पर संचालित वाहनों की समीक्षा के दौरान गोपनीय जांच (Scam in load factor of UP Roadways buses) कराई गई थी. इस जांच में सात दिसंबर से वाहनों के किलोमीटर को कम दिखाकर अधिक लोड फैक्टर दर्शाया गया था.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर की सख्ती के बाद सात लोगों को सस्पेंड
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर की सख्ती के बाद सात लोगों को सस्पेंड

भ्रष्टाचार के खिलाफ परिवहन निगम में जीरो टॉलरेंस की नीति लागू है, फिर भी परिवहन निगम के क्षेत्रीय अधिकारी और कर्मचारी निगम को चूना लगाने से बिल्कुल भी बाज नहीं आ रहे हैं. इन्हें भ्रष्टाचार फैलाने में जरा भी डर नहीं लग रहा है. हालांकि ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर की कड़ी कार्रवाई भी जारी है.

सहारनपुर के छुटमलपुर डिपो में हुए घपले से नाराज एमडी मासूम अली सरवर की सख्ती के बाद सात लोगों को सस्पेंड (Seven UPSRTC employees suspended) किया गया है. सहारनपुर के आरएम ने वरिष्ठ लिपिक दिनेश शर्मा, कनिष्ठ लिपिक संजय कुमार, कमल कुमार, रघुवीर सिंह, केंद्र प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह व सुभाष चंद्र और जूनियर फोरमैन राजीव कुमार को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है. इसके अलावा कनिष्ठ लिपिक लक्ष्मण सिंह, सुबेदार राम, प्रीतम सिंह और सुशील दीक्षित को भी आरोपित करते हुए जांच के आदेश दिये हैं. जीएम कार्मिक अशोक कुमार ने ऐसे प्रकरणों में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

भ्रष्टाचार के खिलाफ परिवहन निगम में जीरो टॉलरेंस की नीति लागू
भ्रष्टाचार के खिलाफ परिवहन निगम में जीरो टॉलरेंस की नीति लागू

बता दें कि कम लोड फैक्टर के बावजूद बसों के संचालन के मामले में तो कार्रवाई हुई ही है. डीजल चोरी के प्रकरणों में भी अब तक परिवहन निगम के अधिकारियों की तरफ से जांच कर कई मामलों में कार्रवाई की गई है. डिपो में भी बसों के कम लोड फैक्टर के बावजूद संचालन को लेकर लोड फैक्टर की समीक्षा की जा रही है और जांच भी जारी है. छुटमलपुर डिपो की तरह ही अगर अन्य डिपो के भी ऐसे मामले आएंगे, तो उन पर भी कड़ी कार्रवाई होगी.

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ये भी पढ़ें- कोर्ट परिसर में वकील भी नहीं रख सकते शस्त्र, उनका लाइसेंस निरस्त करके FIR दर्ज करें: हाईकोर्ट

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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर की सख्ती के बाद सात लोगों को सस्पेंड
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर की सख्ती के बाद सात लोगों को सस्पेंड

भ्रष्टाचार के खिलाफ परिवहन निगम में जीरो टॉलरेंस की नीति लागू है, फिर भी परिवहन निगम के क्षेत्रीय अधिकारी और कर्मचारी निगम को चूना लगाने से बिल्कुल भी बाज नहीं आ रहे हैं. इन्हें भ्रष्टाचार फैलाने में जरा भी डर नहीं लग रहा है. हालांकि ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर की कड़ी कार्रवाई भी जारी है.

सहारनपुर के छुटमलपुर डिपो में हुए घपले से नाराज एमडी मासूम अली सरवर की सख्ती के बाद सात लोगों को सस्पेंड (Seven UPSRTC employees suspended) किया गया है. सहारनपुर के आरएम ने वरिष्ठ लिपिक दिनेश शर्मा, कनिष्ठ लिपिक संजय कुमार, कमल कुमार, रघुवीर सिंह, केंद्र प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह व सुभाष चंद्र और जूनियर फोरमैन राजीव कुमार को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है. इसके अलावा कनिष्ठ लिपिक लक्ष्मण सिंह, सुबेदार राम, प्रीतम सिंह और सुशील दीक्षित को भी आरोपित करते हुए जांच के आदेश दिये हैं. जीएम कार्मिक अशोक कुमार ने ऐसे प्रकरणों में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

भ्रष्टाचार के खिलाफ परिवहन निगम में जीरो टॉलरेंस की नीति लागू
भ्रष्टाचार के खिलाफ परिवहन निगम में जीरो टॉलरेंस की नीति लागू

बता दें कि कम लोड फैक्टर के बावजूद बसों के संचालन के मामले में तो कार्रवाई हुई ही है. डीजल चोरी के प्रकरणों में भी अब तक परिवहन निगम के अधिकारियों की तरफ से जांच कर कई मामलों में कार्रवाई की गई है. डिपो में भी बसों के कम लोड फैक्टर के बावजूद संचालन को लेकर लोड फैक्टर की समीक्षा की जा रही है और जांच भी जारी है. छुटमलपुर डिपो की तरह ही अगर अन्य डिपो के भी ऐसे मामले आएंगे, तो उन पर भी कड़ी कार्रवाई होगी.

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