लखनऊः औद्योगिक विकास मंत्री महाना ने मंगलवार को एक विभागीय कार्यक्रम में कहा कि कोराना महामारी के कारण उत्पन्न चुनौती के बावजूद भी चित्रकूट रोड से दिल्ली के मध्य एक्सप्रेस हाईवे का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है. इसका 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया की रक्षा संरचना विकास तथा उत्पादन में कॉमन फैसिलिटेशन केंद्रों तथा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
सशस्त्र सेनाओं के स्वदेशी करण से मिलेगा उद्योगों को बल
सतीश महाना ने कहा कि सशत्र सेनाओं में बढ़ते स्वदेशीकरण के परिणाम स्वरूप अधीनस्थ उद्योग जैसे की खाद्यान्न, अधोरचना, टेक्सटाइल आदि को भी बल मिलेगा. कहा की प्रदेश सरकार एचएएल, डीआरडीओ, ओईएफ तथा बीईएल जैसी संस्थाओं के साथ सम्मिलित रूप से इस परियोजना को सफल बनाने में कार्यरत है.
अगस्त में हो जाएगा डिफेंस कॉरिडोर का शिलान्यास
अपर मुख्य सचिव गृह तथा सीईओ यूपीडा अवनीश अवस्थी ने कहा कि डिफेन्स कॉरिडोर का विकास कार्य उद्योग मंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री एवं रक्षा मंत्री के निरीक्षण में प्रगति पर है. यूपीडा निरंतर प्रयासरत है कि उद्यमियों को उनकी आवश्यकता अनुसार भूमि प्रदान कराई जा सके. कॉरिडोर के नोड्स के सन्दर्भ में अवगत करते हुए अवस्थी ने बताया की अलीगढ़ नोड अगस्त में शिलान्यास के लिए पूर्ण रूप से तैयार है. वहीं कानपुर सितम्बर में तथा झांसी अक्टूबर में शिलान्यास के लिए तैयार हो जाएगा. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया की लाइसेंस हेतु सिंगल विंडो क्लीयरेंस के दिए गए सुझाव को प्राधिकरण गंभीरता से लेगा और जल्द ही उसके क्रियान्वन पर भी कार्य करेगा.
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यूपी में हैं 9 आयुध कारखाने
सीआईआई उत्तरी क्षेत्र डिफेन्स एण्ड एयरो स्पेस समिति के अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में नौ आयुध कारखाने हैं. यह देश में सूक्ष्म तथा मध्यम वर्गीय उद्योगों की आधारशिला है. सही दिशा एवं दशा प्राप्त होने पर यह देश में रक्षा उत्पादों के सन्दर्भ में प्रमुख गढ़ होगा. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में उच्च कौशल की आवश्यकता होती है.
डिफेंस कॉरिडोर में हो मॉडल करियर केंद्रों की स्थापना
मनोज गुप्ता ने मंत्री से निवेदन किया कि इस कॉरिडोर में मॉडल करियर केन्द्रों की भी स्थापना की जाए. जिसका क्रियान्वन गोको (गवर्नमेंट ओन्ड तथा कंपनी ऑपरेटेड) मॉडल पर किया जाए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में रक्षा उद्योग इस समय प्रगति पर है. उन्होंने विदेशी ओईएम, लोक तथा निजी कंपनियों के सम्मिलित रूप से कार्य करने के परिणाम स्वरूप उत्पन्न होने वाले नए निवेशों तथा रोजगारों की महत्ता को भी बताया.