लखनऊ : राजधानी में कुख्यात संजीव जीवा हत्याकांड के मामले में जहां एक तरह हत्यारोपी विजय यादव पुलिस को रिमांड के दौरान उलझा रहा है, वहीं दूसरी ओर शासन द्वारा इस मामले में गठित एसआईटी तय समय पर अपनी जांच पूरी नहीं कर सकी है. हालांकि अभी तक एसआईटी को कोर्ट में तैनात पुलिसकर्मियों और सीसीटीवी कैमरों की देख करने वाले अधिकारियों की कमी मिली है. फिलहाल शासन ने एसआईटी को जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए तय सीमा बढ़ाते हुए 22 जून तक का वक्त दिया है. इससे पहले सात दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपनी थी.
सात जून को राजधानी लखनऊ के कोर्ट में हुए संजीव जीवा हत्याकांड की जांच करने के लिए शासन द्वारा गठित एसआईटी अब तक अपनी जांच पूरी नहीं कर सकी है. हालांकि अब तक एसआईटी ने अपनी जांच में कोर्ट परिसर में हुई सनसनीखेज हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही सामने आई है. इसके अलावा कोर्ट परिसर में बंद सीसीटीवी कैमरों को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की कमी पाई गई है. फिलहाल अब भी एसआईटी कई सवालों के जवाब तलाश कर रही है, जिस कारण अब तक शासन को रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है. एसआईटी को जांच पूरी करने के लिए 22 जून तक का और समय दिया गया है.
बता दें, शासन ने कोर्ट परिसर के भीतर पेशी पर आए कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या की वारदात को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था. जिसमें एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर क्राइम नीलाब्जा चौधरी व आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार को शामिल किया गया है. एसआईटी ने घटना के दूसरे दिन वारदात स्थल पर सीन रिक्रेसशन किया था. इसके अलावा कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरों का भी जायजा लिया, जिसमें भरपूर कमी मिली थी.