लखनऊः आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में स्वच्छ जल जीवन मिशन नामक कोई संस्था पंजीकृत ही नहीं है. एक पत्रकार द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना में यह तथ्य सामने आया है. बिना पंजीकरण कराएं स्वच्छ जल जीवन मिशन से हजारों करोड़ के काम करा दिए गए, जबकि हरियाणा सहित कई राज्यों में यह संस्था पंजीकृत है.
सदस्य संजय सिंह, प्रदेश प्रभारी- आप. संजय सिंह ने कहा कि स्वच्छ जल जीवन मिशन के लिए भारत सरकार द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि संस्था का पंजीकरण अनिवार्य है. लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं किया गया. बिना एस्टीमेट बनाए कार्य करा दिए गए. जल निगम के तीन अधिशासी अभियंताओं ने मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर अवगत कराया कि जल जीवन मिशन में 40% अधिकतर पर काम कराया जा रहा है, लेकिन कार्यवाही नहीं की गई. अधिशासी अभियंताओं ने यह भी कहा कि उन्हें 1 करोड़ से अधिक के टेंडर का अधिकार नहीं है. जिस पर उन्हें यह कह दिया गया कि जल जीवन मिशन में जिसकी कोई सीमा नहीं है.संजय सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन में निगरानी संस्था का चयन जिला स्तरीय समिति को करना था. लेकिन संस्था का चयन राज्य स्तर पर करके भेज दिया गया. जल जीवन मिशन में काम करने वाली संस्थाओं के चयन का अधिकार भी जिला स्तरीय समिति को दिया गया था लेकिन संस्था का चयन राज्य स्तर पर कर दिया गया. यह सब कुछ घोटाले और अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया.घोटाले से संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत करते संजय सिंह ने कहा कि अधिशासी अभियंताओं की आपत्ति सुनी ही नहीं गई. इसे भी पढ़ें-सीएम योगी ने 1 महीने में प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दिया लक्ष्य
संजय सिंह ने कहा कि चिकित्सा उपकरणों की खरीद में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले से संबंधित जो आरोप उन्होंने लगाए थे. उनकी पार्टी के प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी और प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हरि शंकर पांडे ने इसकी शिकायत लोकपाल से की थी. लोकपाल ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार को नोटिस जारी कर 23 सितंबर तक जवाब मांगा है. तीन तलाक के संदर्भ में किए गए एक सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि तीन तलाक गलत है. लेकिन यह भी बताया जाना चाहिए कि जिन्होंने बिना तीन तलाक बोले ही अपनी पत्नी को छोड़ दिया उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए.