लखनऊः अमर जवान ज्योति (Amar Jawan jyoti) पर सियासत जारी है. अब आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के सांसद संजय सिंह (MP Sanjay Singh) ने शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने केंद्र सरकार पर जवानों की स्मृति में 50 साल से दिल्ली में जल रही अमर जवान ज्योति को बुझाने के आरोप लगाए हैं. सांसद ने इसे शहीद जवानों का अपमान बताया है.
सांसद संजय सिंह ने कहा कि पिछले 50 सालों से हमारे जवानों के सम्मान में दिल्ली के हृदय में जो अमर जवान ज्योति जल रही है, नरेंद्र मोदी की सरकार ने उस अमर जवान ज्योति को बुझाने का काम किया है. ये देश इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगा. 1971 में हमारे वीर सपूतों की याद में सेना के उन शहीदों की जवानों की याद में पिछले 50 सालों से वो अमर जवान ज्योति जिस स्थान पर जल रही है, उसको बुझाने का काम नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार कर रही है. इससे साफ हो गया है कि ये न किसान के हैं और न जवान के. इन्होंने देश के जवानों और शहीदों का अपमान किया है.
सांसद संजय सिंह ने कहा मैं मोदी जी से कहना चाहता हूं कि अगर आप जवानों की स्मृति में उनकी याद में एक ज्योति जलाने का खर्चा नहीं उठा सकते तो आपको पीएम के पद पर रहने का अधिकार नहीं है. सांसद ने कहा कि आम आदमी पार्टी आज कह रही है कि आप उसका खर्च नहीं उठा सकते तो आम आदमी पार्टी उसका खर्च उठाने को तैयार है. हम लोग उसका खर्च जब तक जिंदा हैं उठाने को तैयार हैं.
ये है विवाद
1971 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना के 3,843 जवान शहीद हुए थे. इन्हीं शहीदों की याद में नई दिल्ली के इंडिया गेट पर एक स्मारक बनाई गई थी. जिसमें अमर जवान लिखा हुआ है. किसी स्मारक में अमर जवान ज्योति स्थापित की गई थी. इस स्मारक का उद्घाटन 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. उसके बाद से स्मारक में एक ज्योति भी जल रही है. 2006 तक इस ज्योति को जलाने के लिए एलपीजी का इस्तेमाल होता था. लेकिन बाद में इसमें सीएनजी का इस्तेमाल होने लगा. विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस ज्योति को बुझाने जा रही है. जबकि सरकार का कहना है कि इंडिया गेट पर स्थापित अमर जवान ज्योति की मशाल की लौ नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ में मिलाई जाएगी.
इसे भी पढ़ें- वॉर मेमोरियल में अमर जवान ज्योति के विलय पर कांग्रेस भड़की, पूर्व सैनिकों ने किया सपोर्ट
हालांकि पूर्व सैनिकों ने केंद्र के फैसले को सही ठहराया है और इस पर राजनेताओं से राजनीति न करने की अपील की है. इसके बावजूद विपक्ष की पार्टियां इस पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रही हैं.