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यूपी के 11 जिलों में सीरो सर्विलांस के तहत सैंपल लेने का कार्य पूरा

उत्तर प्रदेश के 11 बड़े जिलों में चल रहे सीरो सर्विलांस कार्य के दौरान सैंपल लेने का कार्य पूरा कर लिया गया है. सैंपल की जांच के बाद संक्रमण का प्रतिशत पता चल सकेगा. सैंपल की जांच केजीएमयू में होनी है. यह सारी जानकारी अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने कोरोना बुलेटिन के दौरान दी.

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Published : Sep 9, 2020, 6:30 PM IST

यूपी कोरोना बुलेटिन
यूपी कोरोना बुलेटिन

लखनऊः अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 11 जिलों में सीरो सर्विलांस का कार्य किया जा रहा है. कोविड-19 के लिए सीरो सर्विलांस के सैंपल इकठ्ठा करने का काम पूरा हो गया है. इसके बाद एंटीबॉडीज के लिए टेस्टिंग की जाएगी. इस माह के अंत तक हम बता पाएंगे कि इन बड़े 11 शहरों में संक्रमण का प्रतिशत क्या पाया गया है.

ज्ञात है कि इसके लिए प्रदेश के इन 11 जिलों में मेडिकल स्टॉफ की एक सितंबर को पहली ट्रेनिंग शुरू की गई थी. दूसरे चरण की ट्रेनिंग तीन सितंबर को की गई. चार से छह सितंबर के बीच चयनित समूहों को प्रत्येक जिले से 1080 लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाना था. इस सैंपल की केजीएमयू में जांच की जाएगी.

सर्विलांस का कार्य लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कौशांबी, बागपत, मुरादाबाद, गाजियाबाद और मेरठ जिलों में किया गया है.

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में मौजूदा समय में 64028 कोरोना के एक्टिव केस हैं. इनमें से 33 हजार 731 होम आइसोलेशन में हैं. उत्तर प्रदेश में अब तक दो लाख 16 हजार 901 संक्रमित मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं. कोरोना मरीजों के 76.09 प्रतिशत रिकवरी रेट है. वहीं प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 4112 लोगों की मृत्यु हुई है.

उन्होंने बताया कि मंगलवार को एक लाख 44 हजार 360 सैंपल के टेस्ट किए गए हैं. इस प्रकार से उत्तर प्रदेश में कुल 69 लाख 17 हजार 773 सैंपल टेस्ट किए गए हैं. प्रदेश में अब तक एक लाख 36 हजार 300 कोरोना संक्रमित लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना है. इनमें से एक लाख दो हजार 569 संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन की अवधि पूरी कर चुके हैं.

प्रदेश में अभी तक 64432 कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है. इनके माध्यम से सात लाख 27 हजार 796 लक्षणात्मक व्यक्तियों की पहचान की गई. प्रदेश के उन सभी प्रमुख कार्यालय, प्रमुख प्रतिष्ठानों में जहां 25 से ज्यादा लोग काम करते हैं, वहां कोविड-19 की स्थापना की जाती है.

वहीं अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि अगर कोरोना संक्रमण को रोकना है तो उसके लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को और अच्छा करना है. सीएम योगी ने कहा है कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में आठ से 10 लोगों को शामिल किया जाता है. इसे कम से कम 12 लोगों तक जाना चाहिए. यानी कि संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क के कम से कम 12 लोगों को चिन्हित किया जाना चाहिए. जिन जिलों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का कार्य कम है, उसे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.

लखनऊः अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 11 जिलों में सीरो सर्विलांस का कार्य किया जा रहा है. कोविड-19 के लिए सीरो सर्विलांस के सैंपल इकठ्ठा करने का काम पूरा हो गया है. इसके बाद एंटीबॉडीज के लिए टेस्टिंग की जाएगी. इस माह के अंत तक हम बता पाएंगे कि इन बड़े 11 शहरों में संक्रमण का प्रतिशत क्या पाया गया है.

ज्ञात है कि इसके लिए प्रदेश के इन 11 जिलों में मेडिकल स्टॉफ की एक सितंबर को पहली ट्रेनिंग शुरू की गई थी. दूसरे चरण की ट्रेनिंग तीन सितंबर को की गई. चार से छह सितंबर के बीच चयनित समूहों को प्रत्येक जिले से 1080 लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाना था. इस सैंपल की केजीएमयू में जांच की जाएगी.

सर्विलांस का कार्य लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कौशांबी, बागपत, मुरादाबाद, गाजियाबाद और मेरठ जिलों में किया गया है.

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में मौजूदा समय में 64028 कोरोना के एक्टिव केस हैं. इनमें से 33 हजार 731 होम आइसोलेशन में हैं. उत्तर प्रदेश में अब तक दो लाख 16 हजार 901 संक्रमित मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं. कोरोना मरीजों के 76.09 प्रतिशत रिकवरी रेट है. वहीं प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 4112 लोगों की मृत्यु हुई है.

उन्होंने बताया कि मंगलवार को एक लाख 44 हजार 360 सैंपल के टेस्ट किए गए हैं. इस प्रकार से उत्तर प्रदेश में कुल 69 लाख 17 हजार 773 सैंपल टेस्ट किए गए हैं. प्रदेश में अब तक एक लाख 36 हजार 300 कोरोना संक्रमित लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना है. इनमें से एक लाख दो हजार 569 संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन की अवधि पूरी कर चुके हैं.

प्रदेश में अभी तक 64432 कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है. इनके माध्यम से सात लाख 27 हजार 796 लक्षणात्मक व्यक्तियों की पहचान की गई. प्रदेश के उन सभी प्रमुख कार्यालय, प्रमुख प्रतिष्ठानों में जहां 25 से ज्यादा लोग काम करते हैं, वहां कोविड-19 की स्थापना की जाती है.

वहीं अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि अगर कोरोना संक्रमण को रोकना है तो उसके लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को और अच्छा करना है. सीएम योगी ने कहा है कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में आठ से 10 लोगों को शामिल किया जाता है. इसे कम से कम 12 लोगों तक जाना चाहिए. यानी कि संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क के कम से कम 12 लोगों को चिन्हित किया जाना चाहिए. जिन जिलों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का कार्य कम है, उसे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.

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