लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी से आए कई नेताओं को सपा मुखिया अखिलेश यादव (Loksabha Election 2024) ने दलित समीकरण दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं. दलित बस्तियों में जाकर सपा के कद्दावर नेता समाजवादी पार्टी के जाति समीकरण को मजबूत करने का काम करेंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने दलित समाज के वोट बैंक को समाजवादी पार्टी के साथ जोड़ने के लिए एक बड़ी प्लानिंग तैयार की है. इसके अंतर्गत बसपा से आने वाले नेताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है. दलित बस्तियों में संपर्क और संवाद के कार्यक्रम आने वाले कुछ समय में चलाए जाएंगे और सपा अपने इस एजेंट के माध्यम से बसपा से दूर हो रहे दलित समाज की वोट बैंक को साथ लाने की कोशिश करेंगे.
दरअसल, अखिलेश यादव की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी के दलित वोटबैंक को पार्टी के साथ जोड़ा जा सके. इसी रणनीति के अंतर्गत अखिलेश यादव ने दलित बस्तियों में सपा के कार्यक्रम तय किये हैं. सपा के नेता दलित समाज के लोगों को सपा से जोड़ने और वोटबैंक के रूप में पार्टी के साथ लामबंद होने की योजना पर काम तेज कर दिया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने को लेकर नया नारा भी दिया है. पीडीए के साथ भाजपा हराओ. इसी रणनीति के आधार पर सपा ने पिछड़े दलित अल्पसंख्यक समाज के लोगों को जोड़ने के लिए सम्परक और संवाद के कार्यक्रम शुरू कराने की योजना बनाई है. बहुजन समाज पार्टी से सपा में आने वाले प्रमुख नेताओं को दलित समाज के बीच जाने की कार्ययोजना तैयार की गई है. दलित बस्ती में जाकर समाज के लोगों के बीच सपा की रीति नीति बताकर उन्हें जोड़ने की रणनीति पर काम शुरू कराया गया है. घोसी चुनाव में जीत के बाद अखिलेश यादव ने पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अपने साथ जोड़ने और बसपा के वोटबैंक को भी अपने साथ खींचने के लिए प्रयास तेज करने की रणनीति बनाई है. सपा नेतृत्व ने पार्टी के विधायक, प्रदेश पदाधिकारी, राष्ट्रीय पदाधिकारियों को मण्डल व ब्लॉक जिलों में दलित समाज के बीच जाने और अभियान चलाने के दिशा निर्देश दिए हैं.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज यादव कहते हैं कि 'हम समाज के सभी वर्गों के लोगों को जोड़ते हैं. पीडीए के अंतर्गत पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समाज के लोगों के बीच जाने और उनको साथ लाने के लिए सम्पर्क और संवाद किये जाएंगे. इसको लेकर पार्टी द्वारा अभियान चलाया जाएगा.'