लखनऊ: 2021 की आखिरी दिन भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी का बड़ा विकेट गिरा दिया. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण पर प्रधानमंत्री को बधाई देने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ एमएलसी शतरुद्र प्रकाश भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और ज्वाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई की मौजूदगी में शतरुद्र ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. वाराणसी से लेकर उत्तर प्रदेश तक की राजनीति में शतरुद्र प्रकाश का अहम योगदान रहा है. शतरुद्र प्रकाश मुलायम सिंह यादव, जनेश्वर मिश्र, राज नारायण जैसे समाजवादी के बड़े नेताओं के करीबी रह चुके हैं.
एमएलसी शतरुद्र प्रकाश के भाजपा में शामिल होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पार्टी अब और मजबूत होगी. स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि शतरुद्र प्रकाश के पार्टी में आने से हमारी ताकत वाराणसी सहित पूरे उत्तर प्रदेश में मजबूत हुई है. जिसका 2022 विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में बहुत लाभ मिलेगा और हम पिछली बार से ज्यादा बड़ी जीत दर्ज करेंगे.
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से शतरुद्र प्रकाश भाजपा में शामिल हुए हैं. आमतौर से भारतीय जनता पार्टी में दूसरे दलों के लोग जब शामिल होते हैं, तो उनके साथ कई अन्य नेता भी पार्टी की सदस्यता लेते हैं. लेकिन शतरुद्र प्रकाश ने अकेले ही भाजपा की सदस्यता ली है. इस दौरान उन्होंने भाजपा के साथ हमेशा जुड़े रहने और पार्टी को विधानसभा चुनाव 2022 में जबरदस्त जीत दिलाने के लिए प्रयासरत रहने का आश्वासन भी दिया. उल्लेखनीय है कि शतरुद्र प्रकाश का एमएलसी का कार्यकाल अगले वर्ष पूरा हो रहा है. माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी में उनको अहम स्थान दिया जा सकता है.
भाजपा में शामिल होने के बाद शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जिसको नरेंद्र मोदी ने पूरा किया. काशी पर आक्रांताओं के हमले से जो स्वाभिमान टूटा था उस अस्मिता की रक्षा प्रधानमंत्री ने 13 दिसंबर 2021 को की. इसलिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है. उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल होने के पीछे कोई भी स्वार्थ नहीं छिपा है. भारतीय जनता पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देगी मैं उसको पूरा करूंगा.
ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि मुझे अपने एमएलसी पद का कोई स्वार्थ नहीं है और न ही मुझे समाजवादी पार्टी से कोई शिकायत. मुझे बस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण से अपार हर्ष हुआ है. लंबे समय से हम जो बदलाव बनारस में देखना चाहते थे, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. जो हमारे वीर राजा बनारस को लेकर स्वप्न देखा करते थे वह स्वप्न 13 दिसंबर 2021 को पूरा हुआ है. इसलिए वह अब भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं.
विधानसभा चुनाव 2022 में टिकट पाने के सवाल पर शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि ऐसा नहीं है. वह टिकट की इच्छा लेकर बीजेपी में नहीं आए हैं. पार्टी उनको जो भी जिम्मेदारी देगी, वह उसको पूरा करेंगे उनका कोई विशेष प्लान नहीं है. न कोई ऐसा लक्ष्य है. एक सवाल के जवाब में शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि समाजवादी पार्टी से कोई भी नाराजगी नहीं थी न ही वह अखिलेश यादव या मुलायम सिंह यादव के प्रति कोई रोष रखते हैं. उनके मन में विचार था कि वह भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन करें, इसलिए उन्होंने पार्टी का दामन थामा है.
गौरतलब है कि शतरुद्र प्रकाश चार बार के विधायक रह चुके हैं. 1989 में वे उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे. छात्र जीवन से लेकर राजनीतिक जीवन में कई आंदोलनों में भाग लिया और 20 बार जेल भी गए. एक बार तो राष्ट्रपति भवन तक आंदोलन करने की वजह से शतरुद्र प्रकाश को तिहाड़ जेल में बंद किया गया था. उन्होंने वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा किसानों की जमीन लिए जाने के खिलाफ 5 दिन तक प्राधिकरण दफ्तर पर घेरा डालो आंदोलन किया था.