लखनऊ: शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2020 का आम बजट पेश किया है. पीलीभीत में सपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह बजट मध्यम वर्ग के लोगों को मारने वाला बजट है. यह पूंजीपतियों का बजट है, जिसे पूंजीपतियों को खुश करने के लिए बनाया गया है.
बजट में वित्त मंत्री ने तकनीकी और स्किल डेवलेपमेंट की बात रखने के साथ साथ चिकित्सा शिक्षा में कई नए पीपीपी मॉडल के केई मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही है. प्रयागराज में इस बजट को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर धनंजय चोपड़ा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीएस बाजपेयी ने कहा कि इस बजट में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं.
वहीं बजट में किसानों के लिए कई योजनाओं का शामिल किए जाने से कृषि विशेषज्ञ इसे किसानों के लिए लाभकारी मान रहे हैं. बजट में कृषि विकास के लिए 16 प्वाइंट बताए गए हैं, जिन्हें लेकर मेरठ के किसान आर्थिक विकास में बढ़ोतरी का दावा कर रहे हैं.
पीलीभीत में पूर्व कैबिनेट मंत्री ने बजट पर केंद्र सरकार को घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद करीबी और समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद ने भाजपा सरकार के इस बजट पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद ने कहा कि जुमलों वाली सरकार ने एक बार फिर से यह बजट जुमले की तरह निकाला है. मोदी सरकार अपनी दूसरी पारी का छठवां बजट पेश कर रही है. पिछले 5 बजटों की तरह या छठवां बजट भी देश की जनता के लिए जुमला है.
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पूंजीपतियों के लिए बना है बजट
यह बजट किसान विरोधी, अल्पसंख्यक विरोधी, दलित विरोधी और पिछड़ा वर्ग विरोधी है. यह बजट पेश करके बीजेपी सरकार झूठी शोहरत तो हासिल करना चाहती है, लेकिन असली बजट जनता के हित में नहीं देना चाहती. आज का बजट पूंजीपतियों का बजट है. यह बजट पूंजीपतियों को खुश करने के लिए और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है. यह बजट जहां गरीबों को तकलीफ देने वाली है तो वहीं मध्यम वर्गीय लोगों को मारने के लिए बनाया गया है.
प्रयागराज में इविवि के प्रोफेसर से बातचीत
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में कई घोषणाएं की. उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी और स्किल डेवलपमेंट की बात रखी और चिकित्सा शिक्षा में नए पीपीपी मॉडल के कई मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए बात की. साथ ही ऑनलाइन शिक्षा में बढ़ोतरी करने की बात कही. वहीं आम बजट 2020 को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. डॉक्टर धन्यजय चोपड़ा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीएस बाजपेयी ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा कदम बताया.
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शिक्षा के क्षेत्र होगा सुधार और विस्तार
इविवि के प्रो. डॉ. धन्यजय चोपड़ा ने कहा कि आम बजट 2020 में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. शिक्षा के क्षेत्र में कुल 99, 300 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. इस बजट में शिक्षा को लेकर सरकार ने अपनी मंशा जाहिर की है कि आगामी 10 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में क्या होने वाला है.
पिछले बजट से 4 हजार करोड़ अधिक
प्रो. धनंजय चोपड़ा ने कहा कि पिछले बजट से 4,000 करोड़ अधिक का धनराशि इस बार के बजट में पेश हुआ है. इस बजट में फोरेंसिक, पुलिस और सिंधु विश्वविद्यालय की खोले जाने के बात कही गई है. ऐसे विश्वविद्यालय के खोले जाने से शिक्षा क्षेत्र में एक नया सुधार देखने को मिलेगा. इस बजट से पता चल रहा है कि देश की शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार होगा.
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हर वर्ग के छात्र को मिलेगा लाभ
यह बजट हर वर्ग के छात्रों को ध्यान में रखकर पेश किया गया है. गरीब वर्ग के छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा और कम पैसे में शिक्षा पहुंचने का काम करने की बात कहीं गई है. अगर ऐसा होता है तो आने वाले समय में शिक्षित और रोजगार से भरपूर्ण समाज का जो सपना है, वह निश्चित रूप से पूरा होगा.
चिकित्सा के क्षेत्र में होगा सुधार
सीएमओ जीएस बाजपेयी ने कहा कि इस बजट में चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं सामने आई हैं. देश मे अगर पीपीपी मॉडल के अस्पताल खोले जाएंगे तो निश्चित रूप से चमत्कारी साबित होगा. डॉक्टर और स्टॉफ की कमी भी इस बजट से पूरी होगी.
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मेरठ में बजट से किसान हैं खुश
आम बजट में कृषि क्षेत्र में कई योजनाओं के शुरू किए जाने की बात कही गई है. कृषि विकास के लिए 16 बिंदुओं का एक्शन प्वाइंट बनाया गया है, जिससे किसानों के आर्थिक विकास में बढ़ोतरी होने का दावा किया गया है. कृषि क्षेत्र के लिए दी गई प्राथमिकताओं को लेकर कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह बजट किसानों के लिए लाभकारी होगा. किसानों को सोलर पंप का लाभ दिया जाएगा, जिससे कम खर्च पर सिंचाई की व्यवस्था होगी.
मत्स्य उत्पादन से बढ़ेगी आय
मत्स्य उत्पादन बढ़ाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उससे न केवल मत्स्य उत्पादन से किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रो. आरएस सेंगर का कहना है कि यह बजट किसानों के लिए लाभकारी होगा. बंजर भूमि के विकास के लिए वहां सोलर पंप लगाए जाने की बात कही गई है, इसके लिए न केवल बंजर जमीन पर उत्पादन होगा बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी.
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