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लखनऊ: सपा प्रत्याशी ने EVM पर फोड़ा हार का ठीकरा, लगाया धांधली का आरोप

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Published : Oct 25, 2019, 10:06 AM IST

लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से सपा के प्रत्याशी रिटायर मेजर आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि सही मायने में ये चुनाव हुआ ही नहीं है. यह सिर्फ ईवीएम मैनेजमेंट हुआ है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सपा प्रत्याशी रिटायर मेजर आशीष चतुर्वेदी.

लखनऊ: राजधानी की कैंट विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी रिटायर मेजर आशीष चतुर्वेदी ने चुनाव हारने के बाद प्रशासन पर हार का ठीकरा फोड़ा. आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि यह चुनाव था ही नहीं. यह सिर्फ EVM मैनेजमेंट था और इसी वजह से मैं हारा हूं.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सपा प्रत्याशी रिटायर मेजर आशीष चतुर्वेदी.

चुनाव नहीं सिर्फ EVM मैनेजमेंट हुआ
सपा प्रत्याशी आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि यह चुनाव मैं मानता ही नहीं हूं. यह चुनाव हुआ ही नहीं. यह केवल प्रशासन द्वारा ईवीएम मैनेजमेंट हुआ है. उन्होंने एक छोटा सा उदाहरण दिया कि दिलकुशा का एक बूथ 330 ए है, जिस पर उन्होंने हमें 46 वोट दिखाए हैं. चुनाव के दिन जब मैं वहां पर था तो वहां दो गाड़ियां भरकर फौजियों की आई थी, जिसमें लगभग 50 लोग आए थे. यहां पर आमतौर पर फौजी वोट ज्यादा हैं. उन्होंने मेरे लिए वोट किया. उसके अलावा दिन में तमाम फौजी और डालने आए होंगे और उस बूथ पर मुझे सिर्फ 46 वोट दिखाए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें:-शाहजहांपुर: युवक पर चढ़ा सोशल मीड़िया का जूनून, बना डाला व्हाट्सएपपुर और फेसबुकगंज

भाजपा प्रत्याशी पर लगाया आरोप
उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश चंद्र तिवारी पर आरोप लगाया कि जब उनका इतना विरोध था तो इसके बावजूद मुस्लिम बाहुल्य इलाके में भी उनका जीतना कहीं न कहीं प्रशासन और ईवीएम पर सवाल खड़े करता है. मैं इसे चुनाव नहीं मानता ये सिर्फ ईवीएम मैनेजमेंट था. इसके अलावा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में भी भाजपा प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिले हैं और मुझे कम वोट मिले. हमने वहां पूछा तो 10 लोग भी यह कहते हुए नहीं मिल रहे हैं कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया हो तो ऐसे में सीधे तौर पर ईवीएम मैनेजमेंट किया गया है.

लखनऊ: राजधानी की कैंट विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी रिटायर मेजर आशीष चतुर्वेदी ने चुनाव हारने के बाद प्रशासन पर हार का ठीकरा फोड़ा. आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि यह चुनाव था ही नहीं. यह सिर्फ EVM मैनेजमेंट था और इसी वजह से मैं हारा हूं.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सपा प्रत्याशी रिटायर मेजर आशीष चतुर्वेदी.

चुनाव नहीं सिर्फ EVM मैनेजमेंट हुआ
सपा प्रत्याशी आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि यह चुनाव मैं मानता ही नहीं हूं. यह चुनाव हुआ ही नहीं. यह केवल प्रशासन द्वारा ईवीएम मैनेजमेंट हुआ है. उन्होंने एक छोटा सा उदाहरण दिया कि दिलकुशा का एक बूथ 330 ए है, जिस पर उन्होंने हमें 46 वोट दिखाए हैं. चुनाव के दिन जब मैं वहां पर था तो वहां दो गाड़ियां भरकर फौजियों की आई थी, जिसमें लगभग 50 लोग आए थे. यहां पर आमतौर पर फौजी वोट ज्यादा हैं. उन्होंने मेरे लिए वोट किया. उसके अलावा दिन में तमाम फौजी और डालने आए होंगे और उस बूथ पर मुझे सिर्फ 46 वोट दिखाए जा रहे हैं.

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भाजपा प्रत्याशी पर लगाया आरोप
उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश चंद्र तिवारी पर आरोप लगाया कि जब उनका इतना विरोध था तो इसके बावजूद मुस्लिम बाहुल्य इलाके में भी उनका जीतना कहीं न कहीं प्रशासन और ईवीएम पर सवाल खड़े करता है. मैं इसे चुनाव नहीं मानता ये सिर्फ ईवीएम मैनेजमेंट था. इसके अलावा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में भी भाजपा प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिले हैं और मुझे कम वोट मिले. हमने वहां पूछा तो 10 लोग भी यह कहते हुए नहीं मिल रहे हैं कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया हो तो ऐसे में सीधे तौर पर ईवीएम मैनेजमेंट किया गया है.

Intro:'ईटीवी भारत' से बोले सपा प्रत्याशी (रिटा.) मेजर आशीष चतुर्वेदी: ये चुनाव नहीं हुआ ईवीएम मैनेजमेंट हुआ

लखनऊ। लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी (रिटा.) मेजर आशीष चतुर्वेदी ने चुनाव हारने के बाद प्रशासन पर हार का ठीकरा फोड़ा। 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत में आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि यह चुनाव था ही नहीं सिर्फ ईवीएम मैनेजमेंट था और इसी वजह से मैं हारा। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश चंद्र तिवारी पर आरोप लगाया कि जब उनका इतना विरोध था बावजूद इसके मुस्लिम बाहुल्य इलाके में भी उनका जीतना कहीं न कहीं प्रशासन और ईवीएम पर सवाल खड़े करता है। मैं इसे चुनाव नहीं मानता ये सिर्फ ईवीएम मैनेजमेंट था।



Body:सपा प्रत्याशी आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि यह चुनाव में मानता ही नहीं हूं। यह चुनाव हुआ ही नहीं। यह केवल ईवीएम मैनेजमेंट हुआ है प्रशासन द्वारा। एक छोटा सा एग्जांपल देना चाहूंगा। दिलकुशा का एक बूथ है 330 ए, जिस पर उन्होंने हमें 46 वोट दिखाए हैं। चुनाव के दिन जब मैं वहां पर था तो वहां दो गाड़ियां भरकर फौजियों की आई थी जिसमें लगभग 50 लोग आए थे। यहां पर आमतौर पर फौजी वोट ज्यादा है उन्होंने मेरे लिए वोट किया। उसके अलावा दिन में तमाम फौजी और डालने आए होंगे और उस बूथ पर मुझे सिर्फ 46 वोट दिखाए जा रहे हैं। इसके अलावा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में भी भाजपा प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिले हैं और मुझे कम वोट मिले। हमने वहां पूछा तो 10 लोग भी यह कहते हुए नहीं मिल रहे हैं कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया हो तो ऐसे में सीधे तौर पर ईवीएम मैनेजमेंट किया गया है प्रशासन द्वारा। उसी में मुसलिम बाहुल्य क्षेत्र में भी भाजपा को ही जीत दिलाई गई। यह सिर्फ ईवीएम मैनेजमेंट था चुनाव हुआ ही नहीं।

समाजवादी पार्टी प्रदेश में अच्छा कर रही है इस पर आपका क्या कहना है? हम यह जो 2 सीटें जीत रहे हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस तरह से स्थिति है अगर पब्लिक से पूछिए तो कोई भी बीजेपी से खुश नहीं है। उस हालत में हमें 11 से में से 11 भी सीटें जीतनी चाहिए थीं, लेकिन जीते दो ही सीट। 2 सीटे भाजपा इसलिए जिता दे रही है जिससे यह न लगे कि 11 की 11 सीटें उसी ने जीत लीं और ईवीएम पर कोई सवाल उठे। अगर सही से सब कुछ होता तो सपा 11 सीटें जीतती।


Conclusion:पूरा जोर लगाने के बाद भी बीजेपी रामपुर सीट नहीं जीत पाई, क्या कहना है?

हो सकता है वहां पर उन्हें लगा हो कि यहां गड़बड़ी करेंगे तो दिक्कत होगी। वहां पर भाजपा का वोट ही नहीं है तो वे लोगों को क्या दिखाएंगे इसलिए रामपुर में कोई गड़बड़ी करने की बात तक नहीं की गई। यहां पर भी वे चुनाव हार रहे थे पूरे क्षेत्र में किसी से पूछ सकते हैं यहां कौन जीत रहा था। तब इन्होंने गड़बड़ी की। एक ऐसा आदमी जिसका इतना विरोध है जहां पर न सड़कें ठीक हैं न सीवर ठीक हैं। ऐसे में उस व्यक्ति को 50 परसेंट से ज्यादा पब्लिक वोट कर देगी जबकि मतदान 28% से कुछ ही ज्यादा हुआ हो।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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