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बीएड प्रवेश परीक्षा में आरक्षण खत्म होने के आदेश पर सपा छात्र सभा ने जताया विरोध - समाजवादी पार्टी छात्र सभा

समाजवादी पार्टी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने बीएड प्रवेश परीक्षा में अनुसचित जाति और जनजाति में आरक्षण खत्म होने के आदेश को लेकर विरोध किया. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह निर्णय जहां संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, वहीं दलित और आदिवासी वर्ग के छात्रों के अधिकारों पर कुठाराघात है.

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सपा छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष ने किया विरोध.
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Published : Sep 13, 2020, 11:59 AM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने समाज कल्याण द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों का B.Ed में निशुल्क प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर सरकार का विरोध किया है. छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा एक आदेश पारित किया गया था, जिसमें समाज कल्याण उत्तर प्रदेश के विद्यालयों और महाविद्यालयों में आदेश दिया था कि बीएड प्रवेश परीक्षा के दौरान जिन विद्यार्थियों का B.Ed में एडमिशन हुआ है और जो विद्यार्थी जीरो स्कॉलरशिप में अनुसूचित जाति व जनजाति में एडमिशन लेना चाहते हैं, उनसे यह सुविधा अब छीन ली गई है.

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विश्वविद्यालय सचिव को लिखा गया पत्र.

बता दें कि निदेशक समाज कल्याण द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पत्र सी -329 से अवगत कराया गया था कि B.Ed के प्रवेश में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों को मिलने वाला निशुल्क प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, जिसके बाद छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि शासन द्वारा लिया गया यह निर्णय जहां संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, वहीं दलित व आदिवासी वर्ग के छात्रों के अधिकारों पर कुठाराघात है.

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विश्वविद्यालय सचिव को लिखा गया पत्र.
दलित आदिवासियों के अधिकारों के खिलाफ किसी भी निर्णय का समाजवादी छात्र सभा उत्तर प्रदेश पुरजोर विरोध करती है. उन्होंने कहा कि समाजवादी छात्र सभा 14 सितंबर दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के मुख्यालयों पर समाज कल्याण अधिकारी को ज्ञापन सौंप देगी और 1 हफ्ते का समय निर्णय वापस लेने के लिए देगी. मांगे न पूरी होने पर प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि अगर यह वापस हो जाएगा तो वंचित वर्ग के छात्रों के अधिकारों को संरक्षण मिलेगा. वहीं समाज के वंचित तबकों के लोगों को संवैधानिक मूल्यों में भरोसा मजबूत होगा.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने समाज कल्याण द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों का B.Ed में निशुल्क प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर सरकार का विरोध किया है. छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा एक आदेश पारित किया गया था, जिसमें समाज कल्याण उत्तर प्रदेश के विद्यालयों और महाविद्यालयों में आदेश दिया था कि बीएड प्रवेश परीक्षा के दौरान जिन विद्यार्थियों का B.Ed में एडमिशन हुआ है और जो विद्यार्थी जीरो स्कॉलरशिप में अनुसूचित जाति व जनजाति में एडमिशन लेना चाहते हैं, उनसे यह सुविधा अब छीन ली गई है.

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विश्वविद्यालय सचिव को लिखा गया पत्र.

बता दें कि निदेशक समाज कल्याण द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पत्र सी -329 से अवगत कराया गया था कि B.Ed के प्रवेश में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों को मिलने वाला निशुल्क प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, जिसके बाद छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि शासन द्वारा लिया गया यह निर्णय जहां संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, वहीं दलित व आदिवासी वर्ग के छात्रों के अधिकारों पर कुठाराघात है.

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विश्वविद्यालय सचिव को लिखा गया पत्र.
दलित आदिवासियों के अधिकारों के खिलाफ किसी भी निर्णय का समाजवादी छात्र सभा उत्तर प्रदेश पुरजोर विरोध करती है. उन्होंने कहा कि समाजवादी छात्र सभा 14 सितंबर दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के मुख्यालयों पर समाज कल्याण अधिकारी को ज्ञापन सौंप देगी और 1 हफ्ते का समय निर्णय वापस लेने के लिए देगी. मांगे न पूरी होने पर प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि अगर यह वापस हो जाएगा तो वंचित वर्ग के छात्रों के अधिकारों को संरक्षण मिलेगा. वहीं समाज के वंचित तबकों के लोगों को संवैधानिक मूल्यों में भरोसा मजबूत होगा.
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