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निजीकरण का विरोध करेगी 'आप': सभाजीत सिंह

आम बजट में निजीकरण पर जोर दिए जाने से नाराज चल रहे कर्मचारी संगठनों को आम आदमी पार्टी का साथ मिला है. आप के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने एक बयान जारी कर कर्मचारी संगठनों को भरोसा दिलाया कि आम आदमी पार्टी उनके हितों के प्रति पूरी तरह से गंभीर है. उन्होंने कहा कि आप निजीकरण का विरोध करती है.

सभाजीत सिंह
सभाजीत सिंह
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Published : Feb 3, 2021, 1:11 PM IST

लखनऊ: आम बजट में बिजली, रेलवे, परिवहन आदि क्षेत्रों के निजीकरण पर जोर दिए जाने से नाराज चल रहे कर्मचारी संगठनों को आम आदमी पार्टी का साथ मिला है. मंगलवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने एक बयान जारी कर कर्मचारी संगठनों को भरोसा दिलाया कि आम आदमी पार्टी उनके हितों के प्रति पूरी तरह से गंभीर है. सरकारी विभागों के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में हर कदम पर साथ है.

इन संगठनों ने जताया था विरोध
इससे पहले ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह और महासचिव प्रभात सिंह ने सोमवार को बिजली वितरण व्यवस्था में निजीकरण की घोषणा पर नाराजगी व्यक्त की थी. उधर, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने भी आम बजट में बिजली, शिक्षा, अस्पताल, हवाई अड्डा, बंदरगाह, परिवहन आदि विभागों को निजीकरण की राह पर ले जाने पर विरोध दर्ज कराया था. आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कर्मचारी नेताओं की नाराजगी को जायज बताया. उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ कर्मचारियों का हित ही नहीं प्रभावित हो रहा है, बल्कि सरकार का यह कदम आम आदमी के लिए भी मुश्किलें बढ़ाएगा.

सरकार का यह कदम बढ़ाएगा विभागीय घाटा
उन्होंने कहा कि बिजली अभियंताओं की चिंता वाजिब है. निजी बिजली कंपनियां केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बिजली सप्लाई करने पर जोर देंगी. इससे ग्रामीण एवं घरेलू उपभोक्ताओं की अनदेखी होना तय है. मुनाफे वाले क्षेत्रों पर निजी कंपनियों का कब्जा होगा और घाटे वाले क्षेत्र सरकारी कंपनी के जिम्मे होंगे. सरकार का यह कदम विभागीय घाटे को और बढ़ाएगा, जो बाद में विभाग को बेचने का बहाना बनेगा. कमोबेश अन्य सरकारी विभागों में भी ऐसा ही होगा. सभाजीत सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश को बेचने का कुचक्र रच रही है. विभिन्न कर्मचारी संगठन सरकार की साजिश को बखूबी समझ रहे हैं इसीलिए वो निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

अंबानी-अडानी की मुट्ठी में सौंपना चाहती है सरकार
मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से अंबानी-अडानी जैसे अपने चंद पूंजीपति मित्रों की मुट्ठी में सौंपना चाहती है. इसके लिए सरकार नित नए पैंतरे आजमा रही है. आम आदमी पार्टी विभिन्न सरकारी विभागों के निजीकरण का खुला विरोध करते हुए कर्मचारी संगठनों के साथ खड़ी है.

निजीकरण के खिलाफ लड़ेंगे लड़ाई
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता कर्मचारी हित के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार है. हम हर हाल में मोदी सरकार की साजिश को बेनकाब करके रहेंगे.आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता और नेता सड़क से लेकर संसद तक सरकारी विभागों के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ेगा.

लखनऊ: आम बजट में बिजली, रेलवे, परिवहन आदि क्षेत्रों के निजीकरण पर जोर दिए जाने से नाराज चल रहे कर्मचारी संगठनों को आम आदमी पार्टी का साथ मिला है. मंगलवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने एक बयान जारी कर कर्मचारी संगठनों को भरोसा दिलाया कि आम आदमी पार्टी उनके हितों के प्रति पूरी तरह से गंभीर है. सरकारी विभागों के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में हर कदम पर साथ है.

इन संगठनों ने जताया था विरोध
इससे पहले ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह और महासचिव प्रभात सिंह ने सोमवार को बिजली वितरण व्यवस्था में निजीकरण की घोषणा पर नाराजगी व्यक्त की थी. उधर, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने भी आम बजट में बिजली, शिक्षा, अस्पताल, हवाई अड्डा, बंदरगाह, परिवहन आदि विभागों को निजीकरण की राह पर ले जाने पर विरोध दर्ज कराया था. आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कर्मचारी नेताओं की नाराजगी को जायज बताया. उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ कर्मचारियों का हित ही नहीं प्रभावित हो रहा है, बल्कि सरकार का यह कदम आम आदमी के लिए भी मुश्किलें बढ़ाएगा.

सरकार का यह कदम बढ़ाएगा विभागीय घाटा
उन्होंने कहा कि बिजली अभियंताओं की चिंता वाजिब है. निजी बिजली कंपनियां केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बिजली सप्लाई करने पर जोर देंगी. इससे ग्रामीण एवं घरेलू उपभोक्ताओं की अनदेखी होना तय है. मुनाफे वाले क्षेत्रों पर निजी कंपनियों का कब्जा होगा और घाटे वाले क्षेत्र सरकारी कंपनी के जिम्मे होंगे. सरकार का यह कदम विभागीय घाटे को और बढ़ाएगा, जो बाद में विभाग को बेचने का बहाना बनेगा. कमोबेश अन्य सरकारी विभागों में भी ऐसा ही होगा. सभाजीत सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश को बेचने का कुचक्र रच रही है. विभिन्न कर्मचारी संगठन सरकार की साजिश को बखूबी समझ रहे हैं इसीलिए वो निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

अंबानी-अडानी की मुट्ठी में सौंपना चाहती है सरकार
मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से अंबानी-अडानी जैसे अपने चंद पूंजीपति मित्रों की मुट्ठी में सौंपना चाहती है. इसके लिए सरकार नित नए पैंतरे आजमा रही है. आम आदमी पार्टी विभिन्न सरकारी विभागों के निजीकरण का खुला विरोध करते हुए कर्मचारी संगठनों के साथ खड़ी है.

निजीकरण के खिलाफ लड़ेंगे लड़ाई
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता कर्मचारी हित के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार है. हम हर हाल में मोदी सरकार की साजिश को बेनकाब करके रहेंगे.आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता और नेता सड़क से लेकर संसद तक सरकारी विभागों के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ेगा.

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