लखनऊ : पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदेश के कर्मचारियों और शिक्षकों का संयुक्त संगठन आगामी 16 जनवरी को विधानसभा का घेराव करने का निर्णय लिया है. संयुक्त संघर्ष संचालन समिति उत्तर प्रदेश (एस-4) के तत्वावधान में प्रांतीय मंडल पदाधिकारी का संकल्प सम्मेलन के दौरान पदाधिकारी ने पुरानी पेंशन बहाली सहित पांच सूची मांगों को पूरा करने के लिए चरणबद्ध तरीके से अभियान व संघर्ष करने का निर्णय लिया है. बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम एवं समाप्त किए गए भत्तों की बहाली, प्रदेश में वर्षों से संविदा, मानदेय, तथा आउटसोर्सिंग आदि के रूप में कार्यरत कर्मचारी व शिक्षकों को तत्काल नियमित करने एवं नियमित होने तक उन्हें न्यूनतम 18000 भुगतान करने, राज्य में निजीकरण संविदा आउटसोर्सिंग प्रथा को समाप्त करने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर प्रतिबंध समाप्त करने जैसे प्रमुख मुद्दों को बहाल करने के लिए सरकार से मांग की है.
30 अक्टूबर से प्रदेश में शुरू होगा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन
समिति के महासचिव आरके निगम ने बताया कि बैठक में प्रदेश के कर्मचारी शिक्षकों के संगठन में सामंजस स्थापित करने की पहल करने के प्रस्ताव को पारित किया गया. जिसके तहत प्रदेश स्तर पर एक वृहद एवं प्रभावी आंदोलन को एकजुट होकर संचालित करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने बताया कि इसके तहत 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक प्रदेश के सभी सांसदों के नाम एक खुला पत्र जारी कर उनको अपनी मांगों को अवगत कराने के साथ उसे पूरा करने की मांग की जाएगी. इसके बाद 7 नवंबर को सभी जिलों के जिला अधिकारियों के माध्यम से अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा. इसके बाद 29 सितंबर को पुरानी पेंशन सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी और शिक्षकों को जागरूक करने के लिए मोटरसाइकिल रैली जनपद मुख्यालय और मंडल मुख्यालय स्तर पर आयोजित की जाएगी. इसके बाद 15 दिसंबर को आयुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री वित्त मंत्री भारत सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा व लखनऊ में एक मानव शृंखला विधानसभा के चारों ओर बनाई जाएगी.
आंदोलन के आखिरी चरण में 16 जनवरी को सभी संगठनों से जुड़े कर्मचारी व शिक्षक एक बैनर तले विधानसभा का घेराव हुआ प्रदर्शन करेंगे. इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर 2005 से पहले के कर्मचारी और सेवानिवृत कर्मचारी तो साथ आ रहे हैं. पर नई पेंशन स्कीम से जुड़े कर्मचारियों और संगठन इसको लेकर कोई खास रुचि नहीं दिख रहे हैं. वह हमारी मांगों को समर्थन तो देते हैं पर उन्हें जिस तरह से सहयोग करना चाहिए वह अभी नहीं हो पा रहा है. समिति ने निर्णय लिया है कि ऐसे सभी कर्मचारियों को अपने अभियान से जोड़ा जाएगा.
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