लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने, आधारभूत सेवाओं में वृद्धि और सुव्यवस्थित रूर्बन क्लस्टरों के सृजन के लिए संचालित श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना(Shyama Prasad Mukherjee Rurban Mission Scheme) के तहत भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अब तक क्रिटिकल गैप फंड (सीजीएफ) के रूप में कुल 353.23 करोड़ व्यय किया गया है.
इस मद में कुल 398.18 करोड़ रुपए मिल चुके हैं. 3 चरणों मे कुल 2080.80 करोड़ की परियोजना तैयार की गई है, जिसमें कन्वर्जेन्स की धनराशि कुल 1530.45 करोड़ रुपए एवं सीजीएफ की धनराशि 553.79 करोड़ रुपए सम्मिलित है.
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना का प्रारंभ उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017-18 में किया गया था. योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देना, आधारभूत सेवाओं में वृद्धि करना और सुव्यवस्थित रूर्बन कलस्टरों का सृजन करना है. रूर्बन मिशन योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 16 जनपद (चित्रकूट, ग़ाज़ियाबाद, कुशीनगर, गौतमबुद्ध नगर, फिरोजाबाद, मिर्जापुर, लखनऊ, प्रयागराज, बागपत, बरेली, सोनभद्र, श्रावस्ती, वाराणसी, आगरा, बहराइच एवं महोबा) में कुल 19 रूर्बन कलस्टरों का सृजन करते हुए 193 ग्राम पंचायतों में योजना संचालित की जा रही है.
क्लस्टर्स के अंतर्गत सीजीएफ मद में 14 कंपोनेंट क्रमशः आर्थिक कार्यकलापों से संबद्ध कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि प्रस्संकरण, कृषि सेवा, भंडारण और वेयर हाउसिंग, मोबाइल हेल्थ यूनिट समेत अन्य अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए क्लस्टर का विकास किया जाता है.
विभिन्न विभागों द्वारा हो रहा अभिसरण
योजना के क्रियान्वयन में विभिन्न विभागों द्वारा पंचायती राज, लघु सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लोक निर्माण, वन, भूमि विकास और जल संस्थान, कृषि, मत्स्य, सिंचाई, रेशम, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, बाल विकास एवं बाल पुष्टाहार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, परिवहन, खेल-कूद, खाद एवं रसद विभाग, नवीनीकरण ऊर्जा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं कौशल विकास मिशन द्वारा अभिसरण (कन्वर्जेन्स) किया जा रहा है.
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