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अनफिट दौड़ रहे 800 स्कूली वाहन स्वामियों को आरटीओ ने जारी किया नोटिस

परिवहन विभाग ने बगैर परमिट के ही बच्चे ढो रहे वाहन स्वामियों को नोटिस भेजा गया है. विभाग ने सात दिन के अंदर वाहन को फिट कराने के निर्देश दिये हैं.

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Published : Jul 10, 2023, 8:02 AM IST

लखनऊ : राजधानी के स्कूल संचालक नौनिहालों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. कई घटनाएं होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन नींद से नहीं जाग रहा है. बच्चों को अनफिट स्कूली वाहनों से ढोया जा रहा है. सैकड़ों ऐसे भी स्कूली वाहन संचालित हो रहे हैं, जिनका स्कूल परमिट तक नहीं है. अब परिवहन विभाग की तरफ से फिटनेस समाप्त हो चुके स्कूली वाहनों और बगैर परमिट के ही बच्चे ढो रहे वाहन स्वामियों को नोटिस भेजा गया है. उन्हें सात दिन के अंदर वाहन को फिट कराने और परमिट प्रक्रिया पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं. चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लगभग 800 स्कूल वाहन स्वामियों को आरटीओ की तरफ से नोटिस जारी की गई है.


आरटीओ ने जारी किया नोटिस
आरटीओ ने जारी किया नोटिस


लखनऊ के विभिन्न स्कूलों में अलग-अलग श्रेणी के चार हजार से ज्यादा स्कूली वाहन संचालित हो रहे हैं. इनमें से 1297 स्कूली वाहन ऐसे हैं जो फिट नहीं हैं. बिना फिटनेस के ही यह बच्चे ढो रहे हैं. यह अनफिट वाहन कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं. अब ऐसे स्कूली वाहन मालिकों का आरटीओ कार्यालय की तरफ से ब्योरा तैयार किया गया है जो अनफिट हैं फिर भी बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रहे हैं. इन सभी को नोटिस भेजा गया है और सिर्फ सात दिन का समय दिया गया है. कार्यालय की तरफ से वाहन स्वामियों के साथ ही स्कूल प्रबंधन को भी आगाह किया गया है कि तत्काल वाहन की फिटनेस करा लें. जो परमिट के बिना ही संचालित हो रहे हैं उनका परमिट ले लें, नहीं तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा. नौनिहालों के साथ लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

स्कूली बसों और वैन के यह हैं मानक
- विद्यालय में संचालित बस व वैन पीले रंग में रंगी हो.
- स्कूली वाहनों में अग्निशमन यंत्र लगा होना चाहिए.
- स्कूली वाहनों में आगे और पीछे भाग में स्कूल वाहन लिखा होना चाहिए.
- बस व वैन के दोनों तरफ विद्यालय का नाम अंकित होना चाहिए.
- वाहन के पीछे हिस्से में एक आपातकालीन निकास खिड़की हो.
- आपातकालीन निकास खिड़की के साथ शीशे को तोड़ने की पर्याप्त व्यवस्था हो.
- वाहन के दरवाजों में ताले लगे होने चाहिए.
- लोकेशन ट्रैकिंग और सीसीटीवी डिवाइस लगी होनी चाहिए.
- सीएनजी चालित वैन में सिलेंडर के ऊपर सीट नहीं होनी चाहिए.
- आपात स्थिति में प्रयोग किए जाने के लिए अलार्म घंटी और सायरन होना चाहिए.


आरटीओ आरपी द्विवेदी का कहना है कि 'ऐसे स्कूल वाहन जो बिना फिटनेस के ही बच्चों को ढो रहे हैं उन स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है. करीब 800 ऐसे स्कूल वाहनों को नोटिस भेजकर सिर्फ सात दिन का समय दिया गया है वह अपने वाहनों को पूरी तरह से फिट करा ले. अगर परमिट खत्म हो गया है तो तत्काल रिनुअल करा लें. चेकिंग अभियान में अगर अनफिट पाए जाते हैं या बिना परमिट मिलते हैं तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा.'

यह भी पढ़ें : योगी सरकार में चार आईएएस अधिकारियों के तबादले, जानिए कहां मिली पोस्टिंग

लखनऊ : राजधानी के स्कूल संचालक नौनिहालों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. कई घटनाएं होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन नींद से नहीं जाग रहा है. बच्चों को अनफिट स्कूली वाहनों से ढोया जा रहा है. सैकड़ों ऐसे भी स्कूली वाहन संचालित हो रहे हैं, जिनका स्कूल परमिट तक नहीं है. अब परिवहन विभाग की तरफ से फिटनेस समाप्त हो चुके स्कूली वाहनों और बगैर परमिट के ही बच्चे ढो रहे वाहन स्वामियों को नोटिस भेजा गया है. उन्हें सात दिन के अंदर वाहन को फिट कराने और परमिट प्रक्रिया पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं. चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लगभग 800 स्कूल वाहन स्वामियों को आरटीओ की तरफ से नोटिस जारी की गई है.


आरटीओ ने जारी किया नोटिस
आरटीओ ने जारी किया नोटिस


लखनऊ के विभिन्न स्कूलों में अलग-अलग श्रेणी के चार हजार से ज्यादा स्कूली वाहन संचालित हो रहे हैं. इनमें से 1297 स्कूली वाहन ऐसे हैं जो फिट नहीं हैं. बिना फिटनेस के ही यह बच्चे ढो रहे हैं. यह अनफिट वाहन कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं. अब ऐसे स्कूली वाहन मालिकों का आरटीओ कार्यालय की तरफ से ब्योरा तैयार किया गया है जो अनफिट हैं फिर भी बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रहे हैं. इन सभी को नोटिस भेजा गया है और सिर्फ सात दिन का समय दिया गया है. कार्यालय की तरफ से वाहन स्वामियों के साथ ही स्कूल प्रबंधन को भी आगाह किया गया है कि तत्काल वाहन की फिटनेस करा लें. जो परमिट के बिना ही संचालित हो रहे हैं उनका परमिट ले लें, नहीं तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा. नौनिहालों के साथ लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

स्कूली बसों और वैन के यह हैं मानक
- विद्यालय में संचालित बस व वैन पीले रंग में रंगी हो.
- स्कूली वाहनों में अग्निशमन यंत्र लगा होना चाहिए.
- स्कूली वाहनों में आगे और पीछे भाग में स्कूल वाहन लिखा होना चाहिए.
- बस व वैन के दोनों तरफ विद्यालय का नाम अंकित होना चाहिए.
- वाहन के पीछे हिस्से में एक आपातकालीन निकास खिड़की हो.
- आपातकालीन निकास खिड़की के साथ शीशे को तोड़ने की पर्याप्त व्यवस्था हो.
- वाहन के दरवाजों में ताले लगे होने चाहिए.
- लोकेशन ट्रैकिंग और सीसीटीवी डिवाइस लगी होनी चाहिए.
- सीएनजी चालित वैन में सिलेंडर के ऊपर सीट नहीं होनी चाहिए.
- आपात स्थिति में प्रयोग किए जाने के लिए अलार्म घंटी और सायरन होना चाहिए.


आरटीओ आरपी द्विवेदी का कहना है कि 'ऐसे स्कूल वाहन जो बिना फिटनेस के ही बच्चों को ढो रहे हैं उन स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है. करीब 800 ऐसे स्कूल वाहनों को नोटिस भेजकर सिर्फ सात दिन का समय दिया गया है वह अपने वाहनों को पूरी तरह से फिट करा ले. अगर परमिट खत्म हो गया है तो तत्काल रिनुअल करा लें. चेकिंग अभियान में अगर अनफिट पाए जाते हैं या बिना परमिट मिलते हैं तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा.'

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