लखनऊ: उत्तर प्रदेश छात्र-युवा रोजगार अधिकार मोर्चा के बैनर तले लखनऊ में कुछ ही घंटों के बाद रोजगार अधिकार मार्च निकाला जाएगा. केकेसी कॉलेज से होते हुए विधानसभा तक पहुंचने की तैयारी है. इसके माध्यम से प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों से आए युवा सरकार को रोजगार के मुद्दे पर घेरने जा रहे हैं. उधर, आयोजकों का दावा है कि प्रदेशभर से आ रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू कर दिया है. उन्हें स्टेशन पर ही रोक दिया जा रहा है.
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) समेत अन्य संगठनों की ओर से उत्तर प्रदेश छात्र-युवा रोजगार अधिकार मोर्चा का गठन किया गया है. इस मोर्च की ओर से रोजगार अधिकार यात्रा की घोषणा की गई है. इसकी शुरुआत 23 नवंबर को गोरखपुर से की गई थी. वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर समेत पूर्वांचल के कई शहरों से होती हुई यह लखनऊ पहुंची है. मोर्चा की तरफ से 'आंकड़ों में मत उलझाओ-रोजगार कहां है बतलाओ' जैसे नारे दिए गए. वहीं, संगठन का दावा है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में करीब 25 लाख पद खाली हैं.
आयोजन समिति के सदस्य आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि रोजगार के मुद्दे को लेकर बीते करीब 6 महीने से कार्यक्रम चल रहे हैं. लखनऊ में रोजगार अधिकार सम्मेलन भी कराया गया था. इस मुद्दे को लेकर जनजागरण कार्यक्रम के तहत यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले रोजगार का वादा किया था, लेकिन जितना रोजगार देने में खर्च नहीं किया, उससे ज्यादा तो विज्ञापन पर खर्च कर दिया.
आयुष श्रीवास्तव ने कहा कि करीब 25 लाख पद खाली हैं. इसको लेकर रोजगार अधिकार मोर्चे की ओर से प्रदेश भर में युवाओं का हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है. लक्ष्य है कि कम से कम 25 लाख युवाओं को इस अभियान के माध्यम से जोड़ा जाए.
भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में अपना श्वेतपत्र जारी किया था. इसके पेज नंबर 7 में रोजगार देने का वादा किया था. इसमें वादा किया गया कि अगले पांच वर्षों में 70 लाख रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे. आम आदमी पार्टी भी रोजगार के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरने में लगी है.
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