लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी का उत्तर प्रदेश में नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? ये तय करने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य चुनने के लिए चुनाव प्रभारी बनाया गया है. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अलग-अलग राज्यों के लिए चुनाव प्रभारी की घोषणा गुरुवार की देर रात की गई. जिसमें उत्तर प्रदेश के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुना गया है.
उत्तर प्रदेश में फरवरी मध्य तक नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन किया जाना है. माना जा रहा है कि दलित या पिछड़े वर्ग से उत्तर प्रदेश का नया प्रदेश अध्यक्ष संभव होगा. अगर केंद्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय अध्यक्ष दलित वर्ग से चुना तो उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष पिछड़े वर्ग से होगा. इसके अलावा अगर अन्य किसी वर्ग से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया तो उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष दलित वर्ग से होगा.
पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई नाम की चर्चा की जा रही है. जिसमें दलित और पिछड़े वर्ग के अलावा ब्राह्मण वर्ग के भी नेताओं के नाम शामिल हैं. मगर, अब यह तय हो गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की जाति के आधार पर ही उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष तय होगा.
पीयूष गोयल केंद्रीय वाणिज्य मंत्री हैं और भाजपा में उनकी गहरी पैठ है. ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व ने उनको प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के चुनाव के लिए चुनकर एक गंभीर फैसला किया है. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्र ने देर रात बताया कि अलग-अलग राज्यों के लिए प्रभारी का चयन किया जा चुका है. जिसमें उत्तर प्रदेश के लिए पीयूष गोयल के नाम का चयन किया गया है.
यूपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए जानिए कौन-कौन दावेदार: पिछड़े वर्ग से अगर उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष का चयन किया जाता है तो सबसे प्रमुख नाम जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का बताया जा रहा है. वे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान अध्यक्ष रहे. उनके नाम पर बेहतर अनुभव दर्ज हैं. ऐसे में वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चुने जा सकते हैं.
केशव प्रसाद मौर्य बनाम सीएम योगी: यही नहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का भी नाम कुछ स्तर पर लिया जा रहा है. मगर माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनका बेहतर संयोजन ना होने की दशा में वे इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार नहीं होंगे.
कौन किस वर्ग से दावेदार: पिछड़े वर्ग में अन्य नेताओं के तौर पर अमरपाल मौर्य का नाम लिया जा रहा है जो राज्यसभा सदस्य हैं और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री भी हैं. ओबीसी वर्ग से बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष होने की दशा में राज्यसभा सदस्य बाबूराम निषाद, दलित वर्ग से वरिष्ठ नेता विद्यासागर सोनकर के नाम की चर्चा हो रही है. इसके साथ ही कुछ अन्य नाम पर भी विचार-मंथन हो रहा है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष की जाति से अलग होगा प्रदेश अध्यक्ष: पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जित जाति का चुनेगा, उस जाति का प्रदेश अध्यक्ष नहीं होगा. यह पूरी तरह से तय है और पीयूष गोयल को इसी आधार पर काम करना करने के लिए कहा गया है.
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