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लखनऊ डबल मर्डर केस: नाबालिग के कमरे के हालातों ने मर्डर मिस्ट्री से उठा दिया था पर्दा

राजधानी लखनऊ में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास के पास रेलवे अफसर आरडी वाजपेयी की पत्नी-बेटे की हत्या कर दी गई थी. घटना के चार घंटे बाद ही पुलिस इस घटना का खुलासा कर देती है. पुलिस ने खुलासा किया था कि आरडी बाजपेई की नाबालिग बेटी ने ही दोनों की गोली मारकर हत्या की है.

lucknow double murder
लखनऊ डबल मर्डर केस
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Published : Sep 1, 2020, 10:08 PM IST

लखनऊ: राजधानी में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास के पास रेलवे अफसर आरडी बाजपेई की पत्नी-बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी. कुछ देर बाद पुलिस ने खुलासा किया कि उनकी नाबालिग बेटी ने ही दोनों की हत्या की है. बताया गया कि आरडी बाजपेई की बेटी डिप्रेशन से ग्रसित है.

मौके पर पहुंचे थे आलाधिकारी
3:45 पर डीसीपी सेंट्रल के मोबाइल फोन पर एक सीनियर अधिकारी का फोन आता है और कहा जाता है कि रेलवे अधिकारी के घर में डबल मर्डर हो गया है. इस घटना को लेकर पूरा पुलिस महकमा सक्रिय हो जाता है. सबसे पहले मौके पर गौतम पल्ली थाने के एसएचओ पहुंचे, जिसके 15 मिनट बाद एसीपी सेंट्रल व लगभग 25 मिनट में डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा मौके पर पहुंच गए. घटना इतनी बड़ी थी कि आधे घंटे में जॉइंट पुलिस कमिश्नर लॉयन ऑर्डर नवीन अरोड़ा, लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय व खुद उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी भी मौके पर पहुंचे.

एक घंटे में ही पुलिस ने आरोपी की कर ली थी पहचान
इस सनसनीखेज घटना को सुलझाने में लखनऊ पुलिस को ज्यादा समय नहीं लगा. इस घटना के 4 घंटे बाद तक लखनऊ पुलिस ने घटना के संदर्भ में कोई भी जानकारी मीडिया से नहीं बताई, क्योंकि मामला एक बहुत बड़े रेलवे अधिकारी से जुड़ा था. पुलिस इस घटना में किसी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी. मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस को शुरुआती एक घंटे में ही यह पता चल गया था कि मालिनी और शरद की हत्या रेलवे अधिकारी आरडी बाजपेई की नाबालिग बेटी ने सर में गोली मारकर की है.

कमरे में रोते हुए इमोजी
घर के अंदर पहुंचते ही सबसे पहले पुलिस शव को देखती है और शव को देखते ही पुलिस को यह अंदाजा लग जाता है कि हत्या किसी प्रोफेशनल अपराधी ने नहीं की है. उसे मौके से पॉइंट 22 बोर के खोखे मिलते हैं. सामान्यता हत्या करने के लिए पॉइंट 22 बोर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. फिर पुलिस पड़ताल करती है कि आखिर घर में मौजूद कौन-कौन है? तब पता चलता है कि घर में मृतकों के अतिरिक्त कोई भी नहीं है और घर में किसी के घुसने या भागने के निशान भी नहीं मिलते हैं. अब पुलिस के सामने यह सवाल होता है कि आखिर इस घटना को अंजाम किसने दिया है? पुलिस घर की तलाशी लेती है तो उसे एक कमरा मिलता है जो हत्या करने वाली नाबालिग का होता है. कमरे को देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ जाते हैं क्योंकि कमरा अजीबो-गरीब होता है. कमरे में मानव खोपड़ी की आकृति, रोते हुए स्माइली व इमोजी दीवारों व किताबों पर बने होते हैं. पुलिस आगे बढ़ती है तो पुलिस को सर्वेंट रूम में एक 14 साल की लड़की हाथों में बैंडेज बांधकर रोती हुए मिलती है, जिससे पुलिस बातचीत करती है.

रिशु ने मां-भाई को मार डाला
शुरुआती बातचीत में आरोपी नाबालिग ने पुलिस से किसी दूसरे का नाम लेकर भाई व मां की हत्या की बात कहती है. इस दौरान आरोपी नाबालिग अपने हाथ पर लगी हुई चोट को छिपाने की कोशिश करती है. नाबालिग से बात करने के लिए एक डीसीपी रैंक की महिला को मौके पर बुलाया जाता है. वह बच्ची से बातचीत शुरू करती है, लेकिन आधे घंटे की बातचीत में कोई खुलासा नहीं हो पाता है. फिर बच्ची के नाना मौके पर पहुंचते हैं. नाना को देखते ही बच्ची रोने लगती है और वह कहती है 'रिशु' ने मां और भाई को मार डाला. पुलिस पड़ताल करती है कि 'रिशु' कौन है तो 'रिशु' के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है. नाबालिग कमरे में रखी मानव खोपड़ी को 'रिशु' नाम से बुलाती थी.

इसके बाद पुलिस के एक अधिकारी बाथरूम में पहुंचते हैं. बाथरूम में पहुंचने के बाद पुलिस को एक आईना नजर आता है. आईने पर Disqualified Human लिखा था, जो कि जैम से लिखा था.

बरामद हुई थी पिस्टल
पुलिस घर की तलाशी लेती है तब एक अलमारी में भारी संख्या में पॉइंट 22 बोर की बुलेट मिलती हैं, जिसके बाद पुलिस को इस बात का अंदाजा लग जाता है कि मां और बेटे की हत्या घर के असलहे से ही हुई है. छानबीन में पुलिस को वह पिस्टल भी मिल जाती है, जिससे मां और बेटे की हत्या की गई होती है. पिस्टल की मैगजीन में 2 गोलियां बची होती हैं. पिस्टल से घर में तीन फायर किए गए होते हैं. एक बुलेट से मां की हत्या, दूसरे बुलेट से भाई की हत्या और तीसरा फायर शीशे पर किया जाता है.

नाबालिग पर हुआ पुलिस को शक
पुलिस को अब नाबालिग पर शक होता है. नाबालिग से पूछताछ शुरू होती है. बेटी के हाथ में बंधे बैंडेज को खोलने के लिए कहा जाता है. नाबालिग मना करती है, पुलिस द्वारा बैंडेज खोला जाता है. तब पता चलता है कि नाबालिग ने हाथ पर ब्लेड से वॉर किए थे. थोड़ी देर में घर में वह ब्लेड भी बरामद हो जाती है, जिससे उसने अपने हाथ काटने की कोशिश की थी. पूछताछ में नाबालिग कई तरह की बातें कर रही थी. वह कह रही थी कि किसी और ने मां व भाई को मारा है, तो कभी खुद गोली चलाने की बात कहती थी.

हत्या के चार घंटे के बाद पुलिस ने किया खुलासा
इस दौरान पुलिस का शक सच में तब्दील होते दिख रहा था. पुलिस को मौके से ही पिस्टल का बरामद होना, नाबालिग का शीशे पर गोली चलाना, रेजर से अपने हाथ की नस काटने की कोशिश करना, घर में किसी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश न करना, नौकरों का घर में मौजूद न होना, घर से कोई कीमती सामान का गायब न होना, नाबालिग के कमरे में तमाम कई असाधारण चीजें मिलना व बातचीत में कई बार नाबालिग द्वारा गोली चलाए जाने की बात कबूल करना. इन सभी बातों के आधार पर पुलिस को यह पता चल जाता है कि मां और भाई को नाबालिग बच्ची ने ही गोली मारी है. 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने घटना के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग ने ही मां और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी है.

आरडी बाजपेई ने अज्ञात के खिलाफ किया FIR
घटना को लेकर स्थिति साफ हो जाती है. पुलिस खुलासा भी कर देती है. इस घटना के संबंध में दिल्ली से लखनऊ पहुंचे रेलवे अधिकारी आरडी बाजपेई ने अज्ञात के खिलाफ गौतम पल्ली थाने में एफआईआर दर्ज कराई. रेलवे अधिकारी के घर पहुंचने के बाद आरोपी नाबालिग पिता से लिपट कर रोती है और कहती है की मां और भाई को किसी ने मार डाला. तमाम बातचीत व घटनाओं से यह साबित हो जाता है कि आरोपी नाबालिग मानसिक रूप से बीमार है.

पुलिस अपनी कार्रवाई करती है और शनिवार को आरोपी नाबालिग बेटी को गिरफ्तार कर लिया जाता है. गिरफ्तारी के बाद रविवार को उसका मेडिकल कराया जाता है, जहां पर सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर नाबालिग को मानसिक तौर पर बीमार बताते हुए उसे केजीएमयू इलाज के लिए रेफर कर देते हैं. आरोपी नाबालिग का अभी केजीएमयू में ही इलाज चलेगा. सोमवार को नाबालिग की रिमांड के लिए पुलिस ने जुवेनाइल कोर्ट में दस्तावेज पेश किए, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को नाबालिग को 14 दिनों की रिमांड पर दे दिया है.

बेटी को बचाने के प्रयास में रेलवे अधिकारी
भले ही नाबालिग ने मां और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी हो, लेकिन यह हत्या उसने जानबूझकर आपराधिक उद्देश्य से नहीं की है. यह हत्या उसने अपनी मानसिक बीमारी के चलते की है. लिहाजा अधिकारी पिता अब अपनी बेटी को बचाने के प्रयास कर रहे हैं. इसीलिए अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. आरोपी नाबालिग के पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी का इलाज उनकी नजरों के सामने हो. लिहाजा जुवेनाइल कोर्ट में उनके वकील की ओर से एक अर्जी भी दी गई है, जिसमें यह कहा गया है कि आरोपी नाबालिग है और मानसिक रूप से बीमार है. लिहाजा उसे परिवार के साथ रहने की अनुमति दी जाए.

ख्यालों में बनाए पात्रों से करती है बात
जिस तरह की नाबालिग बातें कर रही थी और कमरे की स्थिति मिली है ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि नाबालिग hallucination जैसी बीमारी से ग्रसित है. डबल मर्डर केस के जांचकर्ता अधिकारी ने बताया कि नाबालिग कमरे को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि वह अपनी ही दुनिया में खोई रहती थी. मिली जानकारी के अनुसार, नाबालिग एक ऐसी बीमारी से ग्रसित है, जिसमें वह अपने ख्यालों में बनाए हुए पात्रों से बातचीत करती है. जिस कमरे में वह रहती थी, वहां की आकृतियों को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह कमरे में कई काल्पनिक पात्रों के संपर्क में थी और उनसे बातचीत किया करती थी.

बुद्धिमान छात्रा रही है नाबालिग आरोपी
नाबालिग लखनऊ के लामार्टिनियर स्कूल में कक्षा 9 की छात्रा है. आरोपी नाबालिग के अध्यापक ने बताया कि वह पढ़ने में बहुत तेज थी. नाबालिग कल्चरल एक्टिविटी व स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी. आरोपी नाबालिग को शूटिंग का शौक था. वह कई तरह के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट भी बजाती थी. आरोपी नाबालिग के संपर्क में रहने वाले लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से वह थोड़ा शांत रहती थी. लोगों से कम बातचीत करना उसे पसंद था. वह अपनी दुनिया में मस्त थी. वह घर के कमरे में अकेले ही रहना पसंद करती थी.

लखनऊ: राजधानी में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास के पास रेलवे अफसर आरडी बाजपेई की पत्नी-बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी. कुछ देर बाद पुलिस ने खुलासा किया कि उनकी नाबालिग बेटी ने ही दोनों की हत्या की है. बताया गया कि आरडी बाजपेई की बेटी डिप्रेशन से ग्रसित है.

मौके पर पहुंचे थे आलाधिकारी
3:45 पर डीसीपी सेंट्रल के मोबाइल फोन पर एक सीनियर अधिकारी का फोन आता है और कहा जाता है कि रेलवे अधिकारी के घर में डबल मर्डर हो गया है. इस घटना को लेकर पूरा पुलिस महकमा सक्रिय हो जाता है. सबसे पहले मौके पर गौतम पल्ली थाने के एसएचओ पहुंचे, जिसके 15 मिनट बाद एसीपी सेंट्रल व लगभग 25 मिनट में डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा मौके पर पहुंच गए. घटना इतनी बड़ी थी कि आधे घंटे में जॉइंट पुलिस कमिश्नर लॉयन ऑर्डर नवीन अरोड़ा, लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय व खुद उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी भी मौके पर पहुंचे.

एक घंटे में ही पुलिस ने आरोपी की कर ली थी पहचान
इस सनसनीखेज घटना को सुलझाने में लखनऊ पुलिस को ज्यादा समय नहीं लगा. इस घटना के 4 घंटे बाद तक लखनऊ पुलिस ने घटना के संदर्भ में कोई भी जानकारी मीडिया से नहीं बताई, क्योंकि मामला एक बहुत बड़े रेलवे अधिकारी से जुड़ा था. पुलिस इस घटना में किसी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी. मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस को शुरुआती एक घंटे में ही यह पता चल गया था कि मालिनी और शरद की हत्या रेलवे अधिकारी आरडी बाजपेई की नाबालिग बेटी ने सर में गोली मारकर की है.

कमरे में रोते हुए इमोजी
घर के अंदर पहुंचते ही सबसे पहले पुलिस शव को देखती है और शव को देखते ही पुलिस को यह अंदाजा लग जाता है कि हत्या किसी प्रोफेशनल अपराधी ने नहीं की है. उसे मौके से पॉइंट 22 बोर के खोखे मिलते हैं. सामान्यता हत्या करने के लिए पॉइंट 22 बोर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. फिर पुलिस पड़ताल करती है कि आखिर घर में मौजूद कौन-कौन है? तब पता चलता है कि घर में मृतकों के अतिरिक्त कोई भी नहीं है और घर में किसी के घुसने या भागने के निशान भी नहीं मिलते हैं. अब पुलिस के सामने यह सवाल होता है कि आखिर इस घटना को अंजाम किसने दिया है? पुलिस घर की तलाशी लेती है तो उसे एक कमरा मिलता है जो हत्या करने वाली नाबालिग का होता है. कमरे को देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ जाते हैं क्योंकि कमरा अजीबो-गरीब होता है. कमरे में मानव खोपड़ी की आकृति, रोते हुए स्माइली व इमोजी दीवारों व किताबों पर बने होते हैं. पुलिस आगे बढ़ती है तो पुलिस को सर्वेंट रूम में एक 14 साल की लड़की हाथों में बैंडेज बांधकर रोती हुए मिलती है, जिससे पुलिस बातचीत करती है.

रिशु ने मां-भाई को मार डाला
शुरुआती बातचीत में आरोपी नाबालिग ने पुलिस से किसी दूसरे का नाम लेकर भाई व मां की हत्या की बात कहती है. इस दौरान आरोपी नाबालिग अपने हाथ पर लगी हुई चोट को छिपाने की कोशिश करती है. नाबालिग से बात करने के लिए एक डीसीपी रैंक की महिला को मौके पर बुलाया जाता है. वह बच्ची से बातचीत शुरू करती है, लेकिन आधे घंटे की बातचीत में कोई खुलासा नहीं हो पाता है. फिर बच्ची के नाना मौके पर पहुंचते हैं. नाना को देखते ही बच्ची रोने लगती है और वह कहती है 'रिशु' ने मां और भाई को मार डाला. पुलिस पड़ताल करती है कि 'रिशु' कौन है तो 'रिशु' के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है. नाबालिग कमरे में रखी मानव खोपड़ी को 'रिशु' नाम से बुलाती थी.

इसके बाद पुलिस के एक अधिकारी बाथरूम में पहुंचते हैं. बाथरूम में पहुंचने के बाद पुलिस को एक आईना नजर आता है. आईने पर Disqualified Human लिखा था, जो कि जैम से लिखा था.

बरामद हुई थी पिस्टल
पुलिस घर की तलाशी लेती है तब एक अलमारी में भारी संख्या में पॉइंट 22 बोर की बुलेट मिलती हैं, जिसके बाद पुलिस को इस बात का अंदाजा लग जाता है कि मां और बेटे की हत्या घर के असलहे से ही हुई है. छानबीन में पुलिस को वह पिस्टल भी मिल जाती है, जिससे मां और बेटे की हत्या की गई होती है. पिस्टल की मैगजीन में 2 गोलियां बची होती हैं. पिस्टल से घर में तीन फायर किए गए होते हैं. एक बुलेट से मां की हत्या, दूसरे बुलेट से भाई की हत्या और तीसरा फायर शीशे पर किया जाता है.

नाबालिग पर हुआ पुलिस को शक
पुलिस को अब नाबालिग पर शक होता है. नाबालिग से पूछताछ शुरू होती है. बेटी के हाथ में बंधे बैंडेज को खोलने के लिए कहा जाता है. नाबालिग मना करती है, पुलिस द्वारा बैंडेज खोला जाता है. तब पता चलता है कि नाबालिग ने हाथ पर ब्लेड से वॉर किए थे. थोड़ी देर में घर में वह ब्लेड भी बरामद हो जाती है, जिससे उसने अपने हाथ काटने की कोशिश की थी. पूछताछ में नाबालिग कई तरह की बातें कर रही थी. वह कह रही थी कि किसी और ने मां व भाई को मारा है, तो कभी खुद गोली चलाने की बात कहती थी.

हत्या के चार घंटे के बाद पुलिस ने किया खुलासा
इस दौरान पुलिस का शक सच में तब्दील होते दिख रहा था. पुलिस को मौके से ही पिस्टल का बरामद होना, नाबालिग का शीशे पर गोली चलाना, रेजर से अपने हाथ की नस काटने की कोशिश करना, घर में किसी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश न करना, नौकरों का घर में मौजूद न होना, घर से कोई कीमती सामान का गायब न होना, नाबालिग के कमरे में तमाम कई असाधारण चीजें मिलना व बातचीत में कई बार नाबालिग द्वारा गोली चलाए जाने की बात कबूल करना. इन सभी बातों के आधार पर पुलिस को यह पता चल जाता है कि मां और भाई को नाबालिग बच्ची ने ही गोली मारी है. 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने घटना के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग ने ही मां और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी है.

आरडी बाजपेई ने अज्ञात के खिलाफ किया FIR
घटना को लेकर स्थिति साफ हो जाती है. पुलिस खुलासा भी कर देती है. इस घटना के संबंध में दिल्ली से लखनऊ पहुंचे रेलवे अधिकारी आरडी बाजपेई ने अज्ञात के खिलाफ गौतम पल्ली थाने में एफआईआर दर्ज कराई. रेलवे अधिकारी के घर पहुंचने के बाद आरोपी नाबालिग पिता से लिपट कर रोती है और कहती है की मां और भाई को किसी ने मार डाला. तमाम बातचीत व घटनाओं से यह साबित हो जाता है कि आरोपी नाबालिग मानसिक रूप से बीमार है.

पुलिस अपनी कार्रवाई करती है और शनिवार को आरोपी नाबालिग बेटी को गिरफ्तार कर लिया जाता है. गिरफ्तारी के बाद रविवार को उसका मेडिकल कराया जाता है, जहां पर सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर नाबालिग को मानसिक तौर पर बीमार बताते हुए उसे केजीएमयू इलाज के लिए रेफर कर देते हैं. आरोपी नाबालिग का अभी केजीएमयू में ही इलाज चलेगा. सोमवार को नाबालिग की रिमांड के लिए पुलिस ने जुवेनाइल कोर्ट में दस्तावेज पेश किए, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को नाबालिग को 14 दिनों की रिमांड पर दे दिया है.

बेटी को बचाने के प्रयास में रेलवे अधिकारी
भले ही नाबालिग ने मां और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी हो, लेकिन यह हत्या उसने जानबूझकर आपराधिक उद्देश्य से नहीं की है. यह हत्या उसने अपनी मानसिक बीमारी के चलते की है. लिहाजा अधिकारी पिता अब अपनी बेटी को बचाने के प्रयास कर रहे हैं. इसीलिए अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. आरोपी नाबालिग के पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी का इलाज उनकी नजरों के सामने हो. लिहाजा जुवेनाइल कोर्ट में उनके वकील की ओर से एक अर्जी भी दी गई है, जिसमें यह कहा गया है कि आरोपी नाबालिग है और मानसिक रूप से बीमार है. लिहाजा उसे परिवार के साथ रहने की अनुमति दी जाए.

ख्यालों में बनाए पात्रों से करती है बात
जिस तरह की नाबालिग बातें कर रही थी और कमरे की स्थिति मिली है ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि नाबालिग hallucination जैसी बीमारी से ग्रसित है. डबल मर्डर केस के जांचकर्ता अधिकारी ने बताया कि नाबालिग कमरे को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि वह अपनी ही दुनिया में खोई रहती थी. मिली जानकारी के अनुसार, नाबालिग एक ऐसी बीमारी से ग्रसित है, जिसमें वह अपने ख्यालों में बनाए हुए पात्रों से बातचीत करती है. जिस कमरे में वह रहती थी, वहां की आकृतियों को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह कमरे में कई काल्पनिक पात्रों के संपर्क में थी और उनसे बातचीत किया करती थी.

बुद्धिमान छात्रा रही है नाबालिग आरोपी
नाबालिग लखनऊ के लामार्टिनियर स्कूल में कक्षा 9 की छात्रा है. आरोपी नाबालिग के अध्यापक ने बताया कि वह पढ़ने में बहुत तेज थी. नाबालिग कल्चरल एक्टिविटी व स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी. आरोपी नाबालिग को शूटिंग का शौक था. वह कई तरह के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट भी बजाती थी. आरोपी नाबालिग के संपर्क में रहने वाले लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से वह थोड़ा शांत रहती थी. लोगों से कम बातचीत करना उसे पसंद था. वह अपनी दुनिया में मस्त थी. वह घर के कमरे में अकेले ही रहना पसंद करती थी.

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