लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ के बीच मंगलवार को विभिन्न मुद्दों को लेकर परिवहन निगम मुख्यालय के कमेटी हॉल में बैठक हुई. इस मीटिंग में प्रमुख सचिव परिवहन, परिवहन आयुक्त और प्रबंध निदेशक के साथ निगम के अधिकारी उपस्थित रहे. प्रबंधन से कई मांगों को लेकर संगठन की वार्ता हुई, लेकिन वार्ता सफल नहीं रही. इसके बाद संगठन के पदाधिकारियों ने बुधवार को धरना प्रदर्शन करने का एलान कर दिया है.
इन मुख्य बिंदुओं पर हुई चर्चा
बैठक में शासन स्तर के बिंदुओं लखनऊ-गोरखपुर और अंतर्जनपदीय मार्गों पर निजी वाहनों को परमिट दिए जाने की बात प्रमुख सचिव ने रखी, जिसका संगठन ने विरोध करते हुए असहमति दर्ज कराई. इसके अलावा 12000 वर्ग किलोमीटर एक्सप्रेस वे, जिसके अंतर्गत 206 मार्ग आते हैं, उन्हें राष्ट्रीयकृत मार्ग घोषित करने की बात संगठन की तरफ से रखी गई, जिस पर शासन की तरफ से विचार करने की बात कही गई.
संगठन ने वर्ष 2001 तक के संविदा चालकों-परिचालकों को शासनादेश के अनुरूप नियमित किए जाने की बात रखी, जिस पर प्रमुख सचिव ने व्ययभार की समीक्षा कर नियमित किए जाने पर सहमति दर्ज कराई. इस बीच परिवहन निगम के अधिकारियों ने संगठन को 21 अक्टूबर को पहले से घोषित धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को स्थगित किए जाने का अनुरोध किया, जिस पर संगठन ने असहमति जताई है.
आने वाले दिनों में कठोर होगा आंदोलन
संगठन के प्रांतीय महामंत्री जसवंत सिंह ने कहा कि जब तक प्रेषित 20 सूत्रीय मांगपत्र पर कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक धरना- प्रदर्शन कार्यक्रम टाला नहीं जा सकता. सभी मांगों का निस्तारण एवं राष्ट्रीयकृत मार्गों का अतिक्रमण नहीं रुकेगा. वहीं आगामी दिनों में कठोर आंदोलन किया जाना तय है. इसकी घोषणा धरना स्थल से की जाएगी.
बैठक में सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोकी व्यास, प्रदेश महामंत्री जसवंत सिंह, प्रांतीय सदस्य मिसम ज़ैदी मौजूद रहे. इन सभी पदाधिकारियों ने रोडवेज से संबंधित सभी मुद्दों को परिवहन निगम अधिकारियों के समक्ष रखा.
लखनऊ: अधिकारियों के साथ वार्ता विफल, रोडवेज कर्मी करेंगे प्रदर्शन
राजधानी लखनऊ में सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ और परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच मंगलवार को बैठक हुई. बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई, लेकिन बात नहीं बनी, जिसके बाद संगठन के पदाधिकारियों ने बुधवार को धरना-प्रदर्शन करने का एलान कर दिया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ के बीच मंगलवार को विभिन्न मुद्दों को लेकर परिवहन निगम मुख्यालय के कमेटी हॉल में बैठक हुई. इस मीटिंग में प्रमुख सचिव परिवहन, परिवहन आयुक्त और प्रबंध निदेशक के साथ निगम के अधिकारी उपस्थित रहे. प्रबंधन से कई मांगों को लेकर संगठन की वार्ता हुई, लेकिन वार्ता सफल नहीं रही. इसके बाद संगठन के पदाधिकारियों ने बुधवार को धरना प्रदर्शन करने का एलान कर दिया है.
इन मुख्य बिंदुओं पर हुई चर्चा
बैठक में शासन स्तर के बिंदुओं लखनऊ-गोरखपुर और अंतर्जनपदीय मार्गों पर निजी वाहनों को परमिट दिए जाने की बात प्रमुख सचिव ने रखी, जिसका संगठन ने विरोध करते हुए असहमति दर्ज कराई. इसके अलावा 12000 वर्ग किलोमीटर एक्सप्रेस वे, जिसके अंतर्गत 206 मार्ग आते हैं, उन्हें राष्ट्रीयकृत मार्ग घोषित करने की बात संगठन की तरफ से रखी गई, जिस पर शासन की तरफ से विचार करने की बात कही गई.
संगठन ने वर्ष 2001 तक के संविदा चालकों-परिचालकों को शासनादेश के अनुरूप नियमित किए जाने की बात रखी, जिस पर प्रमुख सचिव ने व्ययभार की समीक्षा कर नियमित किए जाने पर सहमति दर्ज कराई. इस बीच परिवहन निगम के अधिकारियों ने संगठन को 21 अक्टूबर को पहले से घोषित धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को स्थगित किए जाने का अनुरोध किया, जिस पर संगठन ने असहमति जताई है.
आने वाले दिनों में कठोर होगा आंदोलन
संगठन के प्रांतीय महामंत्री जसवंत सिंह ने कहा कि जब तक प्रेषित 20 सूत्रीय मांगपत्र पर कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक धरना- प्रदर्शन कार्यक्रम टाला नहीं जा सकता. सभी मांगों का निस्तारण एवं राष्ट्रीयकृत मार्गों का अतिक्रमण नहीं रुकेगा. वहीं आगामी दिनों में कठोर आंदोलन किया जाना तय है. इसकी घोषणा धरना स्थल से की जाएगी.
बैठक में सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोकी व्यास, प्रदेश महामंत्री जसवंत सिंह, प्रांतीय सदस्य मिसम ज़ैदी मौजूद रहे. इन सभी पदाधिकारियों ने रोडवेज से संबंधित सभी मुद्दों को परिवहन निगम अधिकारियों के समक्ष रखा.