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अयोध्या में गरमाई मुआवजे की राजनीति, सपा और बीजेपी आमने-सामने

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Published : Dec 30, 2022, 7:15 PM IST

Updated : Dec 30, 2022, 9:52 PM IST

जैसे-जैसे अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने की डेडलाइन नजदीक आ रही है, वैसै वैसे अयोध्या में दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम तेज हो गया है. मगर मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों के चौड़ीकरण ( road widening in Ayodhya) के कारण राजनीति गरमाने लगी है क्योंकि रास्ते के दायरे में आने वाले मकान तोड़े जा रहे हैं. अब समाजवादी पार्टी ने मुआवजे का मुद्दा उठाया है. (Samajwadi Party and BJP clash over compensation)

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जानकारी देते संवाददाता ऋषि मिश्र

लखनऊ : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों को चौड़ा किया जा रहा है. चौड़ीकरण के दौरान रास्तों के किनारे बने घर और दुकानें ध्वस्त की जा रही हैं ( Houses being demolished for road). भाजपा का दावा है कि जिनकी जमीन का अधिग्रहण रास्ते के लिए किया जा रहा है, उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जा रहा है. सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को भी सांत्वना राशि मिल रही है. मगर समाजवादी पार्टी का दावा है कि लोगों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल रहा है. अब अयोध्या में ध्वस्तीकरण को लेकर समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच सियासी तलवार म्यान से बाहर आ चुकी है. 27 जनवरी को अखिलेश यादव हालात का जायजा लेने अयोध्या जाएंगे.

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रमुख संपर्क मार्गों रामपथ (सहादतगंज से नया घाट) राम जन्मभूमि पथ (सुग्रीव किला से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक) तथा भक्ति पथ (श्रृंगारहाट से राम जन्मभूमि पर तक) को चौड़ा किया जा रहा है. मंडल आयुक्त गौरव दयाल तथा जिलाधिकारी नितीश कुमार के अनुसार, रामपथ के चौड़ीकरण के लिए अब तक 627 बैनामे हो चुके हैं. इन बैनामों में शामिल 936 व्यक्तियों को 47 करोड़ 53 लाख 90 हजार 218 रुपये दिए गए हैं. चौड़ीकरण से प्रभावित 1631 दुकानदारों को 26 करोड़ 65 लाख 48 हजार 279 रुपये की धनराशि उनके खाते में भेजी जा चुकी है. इस तरह सहादतगंज से नया घाट तक चौड़ीकरण के लिए कुल 74 करोड़ 19 लाख 38 हजार 497 रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है. राम पथ के निर्माण को तेज करने के लिए जेई, लेखपालों और तहसीलदार की 10 टीमें सर्वे कर रही हैं. टीमों को कोऑर्डिनेट करने के लिए पांच एसडीएम और तीन एडीएम भी लगाए गए हैं. इसके अलावा अयोध्या विकास प्राधिकरण की पांच टीमें जमीन और मकान के मालिकों को निर्धारित फसाड के अनुरूप भवनों का निर्माण करने के लिए समझा-बुझा रही है. राम पथ के जुड़े मार्ग के निर्माण की निगरानी मंडल आयुक्त एवं जिलाधिकारी कर रहे हैं.



राम जन्मभूमि (Sri Ram janmboomi) की ओर से जाने वाले रास्तों की चौड़ाई बढ़ाने ( road widening in Ayodhya) के कारण अयोध्या में ध्वस्तीकरण हो रहा है. समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री पवन पांडेय का आरोप है कि सरकार अयोध्या के लोगों के साथ अन्याय कर रही है. इसका भुगतान उनको समय आने पर भुगतना पड़ेगा. व्यापारियों का काफी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई नहीं की जा रही है. इसका परिणाम भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ेगा. इस बीच अखिलेश यादव ने 27 जनवरी को अयोध्या जाने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि यहां के व्यापारियों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि योगी सरकार में किसी के साथ कोई अन्याय नहीं हो सकता. अयोध्या के विकास के लिए सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. इसके तहत केवल सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को हटाया जा रहा है. उसमें भी पर्याप्त सांत्वना राशि दी जा रही है. समाजवादी पार्टी इस मामले में केवल राजनीति कर रही है.

पढ़ें : अयोध्या राम मंदिर निर्माण की तस्वीरें आई सामने, आप भी देखें

जानकारी देते संवाददाता ऋषि मिश्र

लखनऊ : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों को चौड़ा किया जा रहा है. चौड़ीकरण के दौरान रास्तों के किनारे बने घर और दुकानें ध्वस्त की जा रही हैं ( Houses being demolished for road). भाजपा का दावा है कि जिनकी जमीन का अधिग्रहण रास्ते के लिए किया जा रहा है, उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जा रहा है. सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को भी सांत्वना राशि मिल रही है. मगर समाजवादी पार्टी का दावा है कि लोगों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल रहा है. अब अयोध्या में ध्वस्तीकरण को लेकर समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच सियासी तलवार म्यान से बाहर आ चुकी है. 27 जनवरी को अखिलेश यादव हालात का जायजा लेने अयोध्या जाएंगे.

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रमुख संपर्क मार्गों रामपथ (सहादतगंज से नया घाट) राम जन्मभूमि पथ (सुग्रीव किला से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक) तथा भक्ति पथ (श्रृंगारहाट से राम जन्मभूमि पर तक) को चौड़ा किया जा रहा है. मंडल आयुक्त गौरव दयाल तथा जिलाधिकारी नितीश कुमार के अनुसार, रामपथ के चौड़ीकरण के लिए अब तक 627 बैनामे हो चुके हैं. इन बैनामों में शामिल 936 व्यक्तियों को 47 करोड़ 53 लाख 90 हजार 218 रुपये दिए गए हैं. चौड़ीकरण से प्रभावित 1631 दुकानदारों को 26 करोड़ 65 लाख 48 हजार 279 रुपये की धनराशि उनके खाते में भेजी जा चुकी है. इस तरह सहादतगंज से नया घाट तक चौड़ीकरण के लिए कुल 74 करोड़ 19 लाख 38 हजार 497 रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है. राम पथ के निर्माण को तेज करने के लिए जेई, लेखपालों और तहसीलदार की 10 टीमें सर्वे कर रही हैं. टीमों को कोऑर्डिनेट करने के लिए पांच एसडीएम और तीन एडीएम भी लगाए गए हैं. इसके अलावा अयोध्या विकास प्राधिकरण की पांच टीमें जमीन और मकान के मालिकों को निर्धारित फसाड के अनुरूप भवनों का निर्माण करने के लिए समझा-बुझा रही है. राम पथ के जुड़े मार्ग के निर्माण की निगरानी मंडल आयुक्त एवं जिलाधिकारी कर रहे हैं.



राम जन्मभूमि (Sri Ram janmboomi) की ओर से जाने वाले रास्तों की चौड़ाई बढ़ाने ( road widening in Ayodhya) के कारण अयोध्या में ध्वस्तीकरण हो रहा है. समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री पवन पांडेय का आरोप है कि सरकार अयोध्या के लोगों के साथ अन्याय कर रही है. इसका भुगतान उनको समय आने पर भुगतना पड़ेगा. व्यापारियों का काफी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई नहीं की जा रही है. इसका परिणाम भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ेगा. इस बीच अखिलेश यादव ने 27 जनवरी को अयोध्या जाने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि यहां के व्यापारियों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि योगी सरकार में किसी के साथ कोई अन्याय नहीं हो सकता. अयोध्या के विकास के लिए सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. इसके तहत केवल सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को हटाया जा रहा है. उसमें भी पर्याप्त सांत्वना राशि दी जा रही है. समाजवादी पार्टी इस मामले में केवल राजनीति कर रही है.

पढ़ें : अयोध्या राम मंदिर निर्माण की तस्वीरें आई सामने, आप भी देखें

Last Updated : Dec 30, 2022, 9:52 PM IST
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