लखनऊ: रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय की ओपीडी में दिखाने आई गर्भवती को निजी क्लीनिक में बुलाकर इलाज कराने का मामला सामने आया है. डॉक्टर पर आरोप है कि उसने निजी अस्पताल में महिला का प्रसव करवाया, जहां एक घंटे में महिला की मौत हो गई थी. परिजनों ने महिला डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस और निजी अस्पताल से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रशासन को इस बाबत सबूत भी सौंपे थे. मामले में आरोपी महिला डॉक्टर की जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी गई है.
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जानिए क्या था पूरा मामला
राजाजीपुरम निवासी कृतिका गर्भवती होने के बाद नवंबर 2018 में आरएलबी चिकित्सालय में दिखाने के लिए गई थी. अस्पताल के डॉक्टर अजय श्रीवास्तव ने बेहतर इलाज का झांसा देते हुए अपने घर क्लीनिक पर बुलाया था. उसके बाद महिला नियमित रूप से डॉक्टर के घर पर ही दिखाती रही. करीब 5 महीने बाद डॉक्टर ने गर्भस्थ के गले में नार फसने की बात कहते हुए ऑपरेशन से प्रसव की सलाह दी थी. इसके बाद आरोपी डॉक्टर ने 7 जुलाई को प्रसव की तारीख दी, जिसके बाद डॉक्टर अंजना ने 3 जुलाई को ही निजी अस्पताल बुलाकर प्रसव करवा दिया था. परिजनों का आरोप है कि प्रसव के दौरान कृतिका की हालत बिगड़ने लगी थी और 1 घंटे में ही मौत हो गई थी.
सीएमएस डॉक्टर ए के आर्या ने मामले पर ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि सीएमओ के स्तर से कार्रवाई होनी है. हम लोगों ने निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट सीएमओ को भेज दी है. अब सीएमओ के निर्देशानुसार जो भी कार्रवाई करनी होगी, हम लोग करेंगे.