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लखनऊ: RLB आरोपी डॉक्टर मामले में सीएमओ को सौंपी गई जांच रिपोर्ट - cmo in lucknow

राजधानी लखनऊ स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर पर अपने निजी क्लीनिक में मरीज का इलाज करने का आरोप लगा है. मामले में जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी गई है. वहीं परिजनों ने मृतका की मौत का आरोप भी डॉक्टर पर लगाया है.

डॉ एके आर्या, सीएमएस,
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Published : Sep 14, 2019, 2:46 PM IST

लखनऊ: रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय की ओपीडी में दिखाने आई गर्भवती को निजी क्लीनिक में बुलाकर इलाज कराने का मामला सामने आया है. डॉक्टर पर आरोप है कि उसने निजी अस्पताल में महिला का प्रसव करवाया, जहां एक घंटे में महिला की मौत हो गई थी. परिजनों ने महिला डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस और निजी अस्पताल से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रशासन को इस बाबत सबूत भी सौंपे थे. मामले में आरोपी महिला डॉक्टर की जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी गई है.

सीएमएस ने दी मामले की जानकारी.

पढ़ें: लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

जानिए क्या था पूरा मामला
राजाजीपुरम निवासी कृतिका गर्भवती होने के बाद नवंबर 2018 में आरएलबी चिकित्सालय में दिखाने के लिए गई थी. अस्पताल के डॉक्टर अजय श्रीवास्तव ने बेहतर इलाज का झांसा देते हुए अपने घर क्लीनिक पर बुलाया था. उसके बाद महिला नियमित रूप से डॉक्टर के घर पर ही दिखाती रही. करीब 5 महीने बाद डॉक्टर ने गर्भस्थ के गले में नार फसने की बात कहते हुए ऑपरेशन से प्रसव की सलाह दी थी. इसके बाद आरोपी डॉक्टर ने 7 जुलाई को प्रसव की तारीख दी, जिसके बाद डॉक्टर अंजना ने 3 जुलाई को ही निजी अस्पताल बुलाकर प्रसव करवा दिया था. परिजनों का आरोप है कि प्रसव के दौरान कृतिका की हालत बिगड़ने लगी थी और 1 घंटे में ही मौत हो गई थी.

सीएमएस डॉक्टर ए के आर्या ने मामले पर ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि सीएमओ के स्तर से कार्रवाई होनी है. हम लोगों ने निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट सीएमओ को भेज दी है. अब सीएमओ के निर्देशानुसार जो भी कार्रवाई करनी होगी, हम लोग करेंगे.

लखनऊ: रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय की ओपीडी में दिखाने आई गर्भवती को निजी क्लीनिक में बुलाकर इलाज कराने का मामला सामने आया है. डॉक्टर पर आरोप है कि उसने निजी अस्पताल में महिला का प्रसव करवाया, जहां एक घंटे में महिला की मौत हो गई थी. परिजनों ने महिला डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस और निजी अस्पताल से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रशासन को इस बाबत सबूत भी सौंपे थे. मामले में आरोपी महिला डॉक्टर की जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी गई है.

सीएमएस ने दी मामले की जानकारी.

पढ़ें: लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

जानिए क्या था पूरा मामला
राजाजीपुरम निवासी कृतिका गर्भवती होने के बाद नवंबर 2018 में आरएलबी चिकित्सालय में दिखाने के लिए गई थी. अस्पताल के डॉक्टर अजय श्रीवास्तव ने बेहतर इलाज का झांसा देते हुए अपने घर क्लीनिक पर बुलाया था. उसके बाद महिला नियमित रूप से डॉक्टर के घर पर ही दिखाती रही. करीब 5 महीने बाद डॉक्टर ने गर्भस्थ के गले में नार फसने की बात कहते हुए ऑपरेशन से प्रसव की सलाह दी थी. इसके बाद आरोपी डॉक्टर ने 7 जुलाई को प्रसव की तारीख दी, जिसके बाद डॉक्टर अंजना ने 3 जुलाई को ही निजी अस्पताल बुलाकर प्रसव करवा दिया था. परिजनों का आरोप है कि प्रसव के दौरान कृतिका की हालत बिगड़ने लगी थी और 1 घंटे में ही मौत हो गई थी.

सीएमएस डॉक्टर ए के आर्या ने मामले पर ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि सीएमओ के स्तर से कार्रवाई होनी है. हम लोगों ने निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट सीएमओ को भेज दी है. अब सीएमओ के निर्देशानुसार जो भी कार्रवाई करनी होगी, हम लोग करेंगे.

Intro:सीएमओ को सौंपी गई आरोपित डॉक्टर की जांच रिपोर्ट

सरकारी डॉक्टर ने निजी अस्पताल में करवाया था प्रसव, मरीज की हो गई थी मौत

लखनऊ। रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय की ओपीडी में दिखाने आई गर्भवती को निजी क्लीनिक में बुलाकर इलाज किया गया था। इसके बाद निजी अस्पताल में सरकारी डॉक्टर ने प्रसव करवाया था। जहां 1 घंटे में उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने महिला डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस व निजी अस्पताल में मिलीभगत के आरोप लगाते हुए सबूत भी सौंपे थे। इस मामले में आरोपित महिला डॉक्टर की जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी गई है।


Body:क्या था मामला
राजाजीपुरम निवासी कृतिका गर्भवती होने के बाद नवंबर 2018 में आरएलबी दिखाने गई थी। अस्पताल की डॉक्टर अजय श्रीवास्तव ने बेहतर इलाज का झांसा देते हुए अपने घर क्लीनिक पर बुलाया था। उसके बाद कथित का नियमित रूप से डॉक्टर के घर पर ही दिखाती थी। करीब 5 महीने बाद डॉक्टर ने गर्भस्थ के गले में नाल फसने की बात कहते हुए ऑपरेशन से प्रसव की सलाह दी थी। इसके बाद आरोपी डॉक्टर ने 7 जुलाई को प्रसव की तारीख दी थी। जिसके बाद डॉ अंजना ने 3 जुलाई को ही निजी अस्पताल बुलाकर प्रसव करवा दिया था। परिजनों का आरोप था कि प्रसव के दौरान कृतिका की हालत बिगड़ने लगी थी और 1 घंटे में ही मौत हो गई थी।

बाइट वन- डॉ एके आर्या, सीएमएस, रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय

सीएमओ साहब के स्तर से कार्रवाई होनी है। हम लोगों ने निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट सीएमओ साहब को भेज दी है। अब सीएमओ साहब की ओर से कार्रवाई होनी है। उनके निर्देश के अनुसार जो भी कार्रवाई करनी होगी हम लोग करेंगे।




Conclusion:राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ
8318787082
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