लखनऊ : राजधानी के अति संवेदनशील इलाके हसनगंज में मंदिर जा रही महिला से छेड़छाड़ की घटना के बाद क्षेत्र में दंगा करने की सूचना से हड़कंप मच गया. वहीं इस घटना से क्षेत्र में दो समुदायों के बीच विवाद बढ़ने की जानकारी मिलते ही तीन जोन के कई थानों की पुलिस समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. सभी रास्ते बंद कर दिए गए और पीएसी बल तैनात कर दिया गया. भारी पुलिस बल को देख कर क्षेत्रीय निवासी भी चौंक गए.
दरअसल, कमिश्नरेट लागू होने के बाद पुलिस के आला अधिकारी लगातार कानून व्यवस्था को लेकर सतर्क बने हुए हैं. इसको लेकर वह अधीनस्थों को दिशा-निर्देश देने के साथ ही उनकी मुस्तैदी भी परखा करते हैं. मंगलवार को भी सभी जोनों की मुस्तैदी परखने के लिए मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान पूर्वी जोन के मलेशामऊ, उत्तरी जोन के हसनगंज, मध्य जोन के परिवर्तन चौक, दक्षिणी जोन के मोहनलालगंज और पश्चिमी जोन के मेफेयर तिराहे पर बवाल की सूचना पर पुलिस मुस्तैद नजर आई.
ज्वाइंट कमिश्नर कानून व्यवस्था नवीन अरोड़ा ने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए नियंत्रण इकाई को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं इसकी जांच करने के लिए सभी जोनों में मॉकड्रिल की गई है. जेसीपी नवीन अरोड़ा ने बताया कि दंगे के तीन पड़ाव होते हैं, अलर्ट स्टेज, येलो स्टेज और रेड स्टेज.
उन्होंने बताया कि अलर्ट स्टेज में अन्य स्थानों पर हो रहे बवाल को देखकर खुद को मुस्तैद रखना होता है. येलो स्टेज में दंगा भड़कने की पूरी संभावना को देखते हुए तैयारियां की जाती है. जबकि रेड स्टेज में दंगा वाले क्षेत्रों में स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस और प्रशासन के सभी विभाग निर्णय लेकर दिशा निर्देश देते हैं. जेसीपी नवीन अरोरा ने बताया कि कई बार दंगा एक विकराल रूप ले लेता है, जिसमे रेलवे पुलिस बल, अर्द्धसैनिक बलों की सहायता ली जाती है. इससे स्थिति को काबू करने में सहायता मिलती है.