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UPPCL PF घोटालाः अभियुक्त एपी मिश्रा को न पेश करने पर जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब - एपी मिश्रा

सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला (UPPCL PF ) मामले में निरुद्ध पूर्व एमडी एपी मिश्रा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश नहीं करने पर जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि कई बार सूचित करने के बावजूद सुचारु रुप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग संचालित नहीं हो रही है. इससे अदालत का समय बरबाद होता है.

लखनऊ हाई कोर्ट.
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Published : Mar 10, 2021, 10:00 PM IST

लखनऊः सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला (UPPCL PF Scam) मामले में निरुद्ध पूर्व एमडी एपी मिश्रा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश नहीं करने पर जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि कई बार सूचित करने के बावजूद सुचारु रुप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग संचालित नहीं हो रही है. इससे अदालत का समय बरबाद होता है. कोर्ट ने इस संदर्भ में जेल महानिरीक्षक के जरिए 12 मार्च को स्पष्टीकरण मांगा है.

6 नवंबर, 2020 को अभियुक्त एपी मिश्रा को यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इस मामले की एफआईआर सचिव ट्रस्ट आईएम कौशल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. पहले इस मामले की विवेचना विजिलेंस कर रही थी. बाद में सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई. हाई कोर्ट भी इस मामले पर अपनी टिप्पणी में कर चुका है कि यह मामला 42 हजार कर्मचारियों के मेहनत की कमाई से जुड़ा है.

इसे भी पढ़ें- सांसद कौशल किशोर के बेटे आयुष ने कोर्ट में दी आत्मसमर्पण की अर्जी

उनके फंड से 4122 करोड़ 70 लाख रुपये निकाल कर डीएचएफएल कम्पनी में अवैध तौर पर निवेश किया गया. इसमें 2267 करोड़ 90 लाख रुपये का नुकसान भी हुआ. हाई कोर्ट ने मामले के एक अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि व्यक्तिगत हित के लिए समुदाय को होने वाले दुष्परिणाम की चिंता किए बगैर यह अपराध कारित किया गया है.

लखनऊः सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला (UPPCL PF Scam) मामले में निरुद्ध पूर्व एमडी एपी मिश्रा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश नहीं करने पर जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि कई बार सूचित करने के बावजूद सुचारु रुप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग संचालित नहीं हो रही है. इससे अदालत का समय बरबाद होता है. कोर्ट ने इस संदर्भ में जेल महानिरीक्षक के जरिए 12 मार्च को स्पष्टीकरण मांगा है.

6 नवंबर, 2020 को अभियुक्त एपी मिश्रा को यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इस मामले की एफआईआर सचिव ट्रस्ट आईएम कौशल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. पहले इस मामले की विवेचना विजिलेंस कर रही थी. बाद में सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई. हाई कोर्ट भी इस मामले पर अपनी टिप्पणी में कर चुका है कि यह मामला 42 हजार कर्मचारियों के मेहनत की कमाई से जुड़ा है.

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उनके फंड से 4122 करोड़ 70 लाख रुपये निकाल कर डीएचएफएल कम्पनी में अवैध तौर पर निवेश किया गया. इसमें 2267 करोड़ 90 लाख रुपये का नुकसान भी हुआ. हाई कोर्ट ने मामले के एक अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि व्यक्तिगत हित के लिए समुदाय को होने वाले दुष्परिणाम की चिंता किए बगैर यह अपराध कारित किया गया है.

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