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हर साल बजट बढ़ाती गई योगी सरकार, जानें कैसी रही यूपी में विकास की रफ्तार

बजट के माध्यम से प्रदेश के विकास को एक नया आयाम देने के उद्देश्य से कई योजनाओं की शुरुआत की गई. शहर से लेकर गांव तक हर किसी को विकास से जोड़ने और उनकी जीवनशैली में परिवर्तन लाने के लिए बजट में कई तरह के प्रावधान भी किए गए. अब जब सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं, ऐसे में आने वाला बजट प्रदेश के लिए कितना अहम, कितना चुनावी और कितना आर्थिक होगा इसका आकलन करना जितना जरूरी है, उतना ही योगी सरकार के अबतक के कामकाज को विकास की कसौटी पर कसना भी.

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Published : Feb 13, 2021, 10:01 AM IST

देखें कैसी रही यूपी में विकास की रफ्तार
देखें कैसी रही यूपी में विकास की रफ्तार

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू हो रहा है. 22 फरवरी को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम और पांचवां सदन के पटल पर रखेंगे. 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के बजट की तुलना में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया जो यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट रहा. इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार साल दर साल बजट को बढ़ाती गई.

साल साल में योगी सरकार का बजट, रिपोर्ट

बजट के माध्यम से प्रदेश के विकास को एक नया आयाम देने के उद्देश्य से कई योजनाओं की शुरुआत की गई. शहर से लेकर गांव तक हर किसी को विकास से जोड़ने और उनकी जीवनशैली में परिवर्तन लाने के लिए बजट में कई तरह के प्रावधान भी किए गए. अब जब सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं ऐसे में आने वाला बजट प्रदेश के लिए कितना अहम, कितना चुनावी और कितना आर्थिक होगा इसका आकलन करना जितना जरूरी है, उतना ही योगी सरकार के अबतक के कामकाज को विकास की कसौटी पर कसना भी.

हर बार बजट को बढ़ाती गई योगी सरकार

योगी आदित्यनाथ सरकार हर साल अपने बजट में काफी अधिक बढ़ोतरी करती हुई आगे बढ़ रही है, जिससे यूपी को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जा सके. साथ ही सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा जा सके. योगी आदित्यनाथ सरकार अपने बजट को लोकलुभावन के साथ-साथ लोकप्रिय बनाने की कोशिश करती हुई नजर आती है. अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार का पांचवां और आखिरी बजट 18 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के अंतर्गत 22 फरवरी को पेश होगा.

उत्तर प्रदेश बजट 2021
साल साल में योगी सरकार का बजट


बजट को लोकप्रिय बनाने पर होगा सरकार का फोकस
माना जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार अपने इस बजट को चुनावी बजट बनाने के साथ-साथ लोकप्रिय बजट बनाने को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. इस बजट में जहां एक तरफ युवाओं को रोजगार देने की बात होगी तो वहीं खेती किसानी को बढ़ावा देने को लेकर तमाम नेता के प्रावधान भी नजर आएंगे. महिलाओं के स्वाभिमान और सुरक्षा का ख्याल होगा तो इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी तमाम बड़े प्रावधान समेटे हुए यह बजट पेश करने की कवायद की जा रही है.

आर्थिक विशेषज्ञ के नजरिए से समझते हैं सरकार का अबतक का बजट
योगी सरकार के अबतक के बजट और विकास कार्यों पर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश के आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर एपी तिवारी से खास बातचीत की. हमने उनसे यह जानने की कोशिश की कि सरकार के बजट में किस वर्ग को अधिक तवज्जो दी गई और आने वाला यह चुनावी बजट कैसा होगा. प्रोफेसर तिवारी कहते हैं कि योगी सरकार अपने पहले बजट में ज्यादा जोर किसानों पर दिया. खासतौर पर किसानों की ऋण माफी को लेकर था. जब दूसरा बजट पेश किया गया तो उसमें जो बुनियादी संरचना है उसे विकास के जरिए पूंजी निवेश को आकर्षित करने पर सरकार का पूरा फोकस था.


एक्सप्रेस-वे के जाल बिछाने पर हुआ काम
विशेष रूप से अगर बात की जाए जैसे एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाने को लेकर सरकार ने बड़े एलान किए और उस पर काम भी शुरू हुआ. इसके बाद सरकार ने अपने तीसरे बजट में महिलाओं और बालिकाओं के उत्थान के लिए विशेष ध्यान दिया था. कन्या धन योजना शुरू की गई थी. यह सरकार की काफी महत्वाकांक्षी योजना थी. उसमें यह प्रावधान किया गया था और उसका यह दृष्टिकोण था कि जब राज्य का विकास हो तो पुरुषों और महिलाओं के बीच की जो खाईं रहती है उसे पाटने की कोशिश की जाए.


नारी सशक्तीकरण को दी गई प्राथमिकता, युवाओं को दी गई तरजीह


नारी सशक्तिकरण को प्राथमिकता प्रदान किए जाने को लेकर सरकार ने अपने बजट में काफी प्रावधान किए थे. इसके बाद जो सरकार का बजट आया उसमें युवाओं को विशेष तौर पर केंद्र में रखते हुए बजट लाया गया था. युवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखा गया था. युवाओं को प्रशिक्षण, उद्यमिता को तरजीह दी गई. धारणा यह थी कि युवाओं को प्रदेश के विकास में भागीदार बनाया जाए. इसके साथ ही सरकार का जो चौथा बजट था उसमें अगर देखा जाए तो 5.12 लाख करोड़ का प्रदेश का बजट था, लेकिन खास बात यह रही कि बड़ी असामान्य स्थिति थी. कोरोनावायरस के संकट काल के अंतर्गत जिन विभागों के बजट में तमाम प्रावधान किए गए थे, वह बजट खर्च नहीं हो पाया.


आने वाले बजट में संतुलित और समग्र विकास पर होगा फोकस
प्रोफेसर तिवारी कहते हैं कि अब मैं समझता हूं कि जो 2021- 22 का बजट होगा, अब उसमें विशेष प्राथमिकता सभी क्षेत्रों को संतुलित विकास करने पर होगा. इसके साथ ही संतुलित और समग्र विकास पर फोकस करते हुए योगी सरकार अपना पांचवां और आखिरी बजट पेश करेगी. बजट में जिन कुछ खास क्षेत्रों में फोकस हो सकता है, वह खेती किसानी है. स्वाभाविक रूप से किसानों की तरक्की को लेकर बार-बार सोचा गया है और सरकार इस पर काम भी कर रही है. अब उसे किस प्रकार से और आगे बढ़ाया जाना है, उसको लेकर सरकार अपने इस बजट में तमाम तरह के प्रावधान कर सकती हैं. किसानों की आय दोगुनी करने की लगातार बात हो रही है. उसे कैसे संभव बनाया जाए. खेती के माध्यम से गांव के विकास को कैसे प्रदान की जा सकती है, सरकार का फोकस होगा.

देखें कैसी रही यूपी में विकास की रफ्तार
देखें कैसी रही यूपी में विकास की रफ्तार


स्वास्थ्य सेवाओं पर भी होगा बड़ा फोकस
इसके साथ ही संकट काल के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार का पूरा फोकस है, ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं में किस प्रकार से बढ़ोतरी की जानी है उस पर भी सरकार की नजर है. केंद्र सरकार ने भी स्वास्थ्य को प्राथमिकता प्रदान की है. योगी सरकार भी इस पर जोर देगी. इसके अलावा जिस प्रकार से विशेष जोर दिया जा रहा है, सरकार उस पर और अधिक फोकस करेगी. इसके साथ ही जो भी दिए जाने के संकेत मिल रहे हैं. रोजगार के अवसर कैसे बढ़ाएं उद्यमिता विकास युवाओं को कैसे हुनरमंद बनाया जाए उस पर भी खास बजट आवंटित किया जा सकता है.

5.75 लाख करोड़ के आसपास या उससे भी बड़ा हो सकता है यह बजट
आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर एपी तिवारी कहते हैं कि मेरा मानना है कि यह जो बजट पेश होने जा रहा है, उसका आकार 5.75 लाख करोड़ रुपए के आसपास हो सकता है या इससे भी अधिक बजट सरकार पेश कर सकती है. इसके साथ ही सरकार के पास जो चुनौती है वह राजस्व वृद्धि है. राजस्व में वृद्धि तो हो रही है, लेकिन अपेक्षाकृत नहीं. गैर कर राजस्व पर भी सरकार और अधिक ध्यान देगी. खासतौर पर जो लोन की समस्या है उस पर भी सरकार विस्तार से अपना ध्यान केंद्रित करेगी. मेरा मानना है कि योगी सरकार जब यह अपना पांचवां और अंतिम बजट पेश करेगी तो स्वाभाविक रूप से यह महत्वपूर्ण बजट होगा.

यूपी को विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए लोकप्रिय होगा बजट
प्रोफेसर तिवारी कहते हैं कि कुछ लोग कहते हैं कि यह इलेक्शन बजट होगा, पापुलिस्ट बजट होगा, लोकलुभावन बजट होगा. मेरा मानना है कि यह बजट उत्तर प्रदेश को विकास की एक नई रणनीति के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाते हुए तमाम नए तरह के प्रावधान को समेटे हुए बजट होगा. 1 ट्रिलियन डॉलर के बराबर यूपी की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की बात हो रही है. उसी के अनुरूप यह बजट होगा, यह बजट लोकलुभावन नहीं होगा, बल्कि लोकप्रिय होगा और विकास को आगे बढ़ाने वाला होगा.

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू हो रहा है. 22 फरवरी को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम और पांचवां सदन के पटल पर रखेंगे. 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के बजट की तुलना में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया जो यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट रहा. इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार साल दर साल बजट को बढ़ाती गई.

साल साल में योगी सरकार का बजट, रिपोर्ट

बजट के माध्यम से प्रदेश के विकास को एक नया आयाम देने के उद्देश्य से कई योजनाओं की शुरुआत की गई. शहर से लेकर गांव तक हर किसी को विकास से जोड़ने और उनकी जीवनशैली में परिवर्तन लाने के लिए बजट में कई तरह के प्रावधान भी किए गए. अब जब सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं ऐसे में आने वाला बजट प्रदेश के लिए कितना अहम, कितना चुनावी और कितना आर्थिक होगा इसका आकलन करना जितना जरूरी है, उतना ही योगी सरकार के अबतक के कामकाज को विकास की कसौटी पर कसना भी.

हर बार बजट को बढ़ाती गई योगी सरकार

योगी आदित्यनाथ सरकार हर साल अपने बजट में काफी अधिक बढ़ोतरी करती हुई आगे बढ़ रही है, जिससे यूपी को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जा सके. साथ ही सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा जा सके. योगी आदित्यनाथ सरकार अपने बजट को लोकलुभावन के साथ-साथ लोकप्रिय बनाने की कोशिश करती हुई नजर आती है. अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार का पांचवां और आखिरी बजट 18 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के अंतर्गत 22 फरवरी को पेश होगा.

उत्तर प्रदेश बजट 2021
साल साल में योगी सरकार का बजट


बजट को लोकप्रिय बनाने पर होगा सरकार का फोकस
माना जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार अपने इस बजट को चुनावी बजट बनाने के साथ-साथ लोकप्रिय बजट बनाने को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. इस बजट में जहां एक तरफ युवाओं को रोजगार देने की बात होगी तो वहीं खेती किसानी को बढ़ावा देने को लेकर तमाम नेता के प्रावधान भी नजर आएंगे. महिलाओं के स्वाभिमान और सुरक्षा का ख्याल होगा तो इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी तमाम बड़े प्रावधान समेटे हुए यह बजट पेश करने की कवायद की जा रही है.

आर्थिक विशेषज्ञ के नजरिए से समझते हैं सरकार का अबतक का बजट
योगी सरकार के अबतक के बजट और विकास कार्यों पर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश के आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर एपी तिवारी से खास बातचीत की. हमने उनसे यह जानने की कोशिश की कि सरकार के बजट में किस वर्ग को अधिक तवज्जो दी गई और आने वाला यह चुनावी बजट कैसा होगा. प्रोफेसर तिवारी कहते हैं कि योगी सरकार अपने पहले बजट में ज्यादा जोर किसानों पर दिया. खासतौर पर किसानों की ऋण माफी को लेकर था. जब दूसरा बजट पेश किया गया तो उसमें जो बुनियादी संरचना है उसे विकास के जरिए पूंजी निवेश को आकर्षित करने पर सरकार का पूरा फोकस था.


एक्सप्रेस-वे के जाल बिछाने पर हुआ काम
विशेष रूप से अगर बात की जाए जैसे एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाने को लेकर सरकार ने बड़े एलान किए और उस पर काम भी शुरू हुआ. इसके बाद सरकार ने अपने तीसरे बजट में महिलाओं और बालिकाओं के उत्थान के लिए विशेष ध्यान दिया था. कन्या धन योजना शुरू की गई थी. यह सरकार की काफी महत्वाकांक्षी योजना थी. उसमें यह प्रावधान किया गया था और उसका यह दृष्टिकोण था कि जब राज्य का विकास हो तो पुरुषों और महिलाओं के बीच की जो खाईं रहती है उसे पाटने की कोशिश की जाए.


नारी सशक्तीकरण को दी गई प्राथमिकता, युवाओं को दी गई तरजीह


नारी सशक्तिकरण को प्राथमिकता प्रदान किए जाने को लेकर सरकार ने अपने बजट में काफी प्रावधान किए थे. इसके बाद जो सरकार का बजट आया उसमें युवाओं को विशेष तौर पर केंद्र में रखते हुए बजट लाया गया था. युवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखा गया था. युवाओं को प्रशिक्षण, उद्यमिता को तरजीह दी गई. धारणा यह थी कि युवाओं को प्रदेश के विकास में भागीदार बनाया जाए. इसके साथ ही सरकार का जो चौथा बजट था उसमें अगर देखा जाए तो 5.12 लाख करोड़ का प्रदेश का बजट था, लेकिन खास बात यह रही कि बड़ी असामान्य स्थिति थी. कोरोनावायरस के संकट काल के अंतर्गत जिन विभागों के बजट में तमाम प्रावधान किए गए थे, वह बजट खर्च नहीं हो पाया.


आने वाले बजट में संतुलित और समग्र विकास पर होगा फोकस
प्रोफेसर तिवारी कहते हैं कि अब मैं समझता हूं कि जो 2021- 22 का बजट होगा, अब उसमें विशेष प्राथमिकता सभी क्षेत्रों को संतुलित विकास करने पर होगा. इसके साथ ही संतुलित और समग्र विकास पर फोकस करते हुए योगी सरकार अपना पांचवां और आखिरी बजट पेश करेगी. बजट में जिन कुछ खास क्षेत्रों में फोकस हो सकता है, वह खेती किसानी है. स्वाभाविक रूप से किसानों की तरक्की को लेकर बार-बार सोचा गया है और सरकार इस पर काम भी कर रही है. अब उसे किस प्रकार से और आगे बढ़ाया जाना है, उसको लेकर सरकार अपने इस बजट में तमाम तरह के प्रावधान कर सकती हैं. किसानों की आय दोगुनी करने की लगातार बात हो रही है. उसे कैसे संभव बनाया जाए. खेती के माध्यम से गांव के विकास को कैसे प्रदान की जा सकती है, सरकार का फोकस होगा.

देखें कैसी रही यूपी में विकास की रफ्तार
देखें कैसी रही यूपी में विकास की रफ्तार


स्वास्थ्य सेवाओं पर भी होगा बड़ा फोकस
इसके साथ ही संकट काल के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार का पूरा फोकस है, ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं में किस प्रकार से बढ़ोतरी की जानी है उस पर भी सरकार की नजर है. केंद्र सरकार ने भी स्वास्थ्य को प्राथमिकता प्रदान की है. योगी सरकार भी इस पर जोर देगी. इसके अलावा जिस प्रकार से विशेष जोर दिया जा रहा है, सरकार उस पर और अधिक फोकस करेगी. इसके साथ ही जो भी दिए जाने के संकेत मिल रहे हैं. रोजगार के अवसर कैसे बढ़ाएं उद्यमिता विकास युवाओं को कैसे हुनरमंद बनाया जाए उस पर भी खास बजट आवंटित किया जा सकता है.

5.75 लाख करोड़ के आसपास या उससे भी बड़ा हो सकता है यह बजट
आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर एपी तिवारी कहते हैं कि मेरा मानना है कि यह जो बजट पेश होने जा रहा है, उसका आकार 5.75 लाख करोड़ रुपए के आसपास हो सकता है या इससे भी अधिक बजट सरकार पेश कर सकती है. इसके साथ ही सरकार के पास जो चुनौती है वह राजस्व वृद्धि है. राजस्व में वृद्धि तो हो रही है, लेकिन अपेक्षाकृत नहीं. गैर कर राजस्व पर भी सरकार और अधिक ध्यान देगी. खासतौर पर जो लोन की समस्या है उस पर भी सरकार विस्तार से अपना ध्यान केंद्रित करेगी. मेरा मानना है कि योगी सरकार जब यह अपना पांचवां और अंतिम बजट पेश करेगी तो स्वाभाविक रूप से यह महत्वपूर्ण बजट होगा.

यूपी को विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए लोकप्रिय होगा बजट
प्रोफेसर तिवारी कहते हैं कि कुछ लोग कहते हैं कि यह इलेक्शन बजट होगा, पापुलिस्ट बजट होगा, लोकलुभावन बजट होगा. मेरा मानना है कि यह बजट उत्तर प्रदेश को विकास की एक नई रणनीति के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाते हुए तमाम नए तरह के प्रावधान को समेटे हुए बजट होगा. 1 ट्रिलियन डॉलर के बराबर यूपी की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की बात हो रही है. उसी के अनुरूप यह बजट होगा, यह बजट लोकलुभावन नहीं होगा, बल्कि लोकप्रिय होगा और विकास को आगे बढ़ाने वाला होगा.

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