लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रदेश की सियासत गर्माती जा रही है. दरअसल, एक न्यूज एजेंसी को दिए गए बयान में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में विकास सबका होगा, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं. सरकार सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ कार्य कर रही है. नया भारत संविधान के अनुरूप चलेगा, शरीयत के अनुरूप नहीं. सीएम योगी ने कहा कि मैं स्पष्टता से कह सकता हूं कि गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत के दिन तक भी साकार नहीं होगा. जिस पर अब AIMIM के नेता असीम वकार से लेकर दारू उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी की प्रतिक्रिया सामने आई है.
एआईएमआईएम नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता आसिम वकार ने सीएम योगी के बयान की निंदा करते हुए अपना बयान जारी किया है. आसिम वकार ने कहा कि मुसलमानों को भारत से कोई जुदा नहीं कर सकता है और न ही मुसलमानों में से भारत को जुदा किया जा सकता है. मुसलमानों की नसों में भारत लहू बनकर दौड़ रहा है.
आसिम ने अपने जारी किए हुए बयान में कहा कि संविधान हमको शरीयत का पालन करने की इजाजत भी देता है और आजादी भी देता है. आसिम वकार ने कहा कि जो लोग यह समझ रहे हैं कि हम सत्ता में आने के बाद मुसलमानों को शरीयत का पालन करने से रोक देंगे और मुस्लिम औरतों, बच्चियों को हिजाब पहनने से रोक देंगे तो उनको यह बात समझ लेनी चाहिए कि उत्तर प्रदेश की जनता यह जान चुकी है कि उनका मकसद क्या है. आसिम वकार ने कहा कि जनता ने अब सत्ता का परिवर्तन का मन बना लिया है.
इलेक्शन कमीशन ले संज्ञान: सूफियान
सीएम योगी के बयान पर धर्म से जुड़े लोगों का भी बयान सामने आया है. दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी ने भी योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर नाराजगी जाहिर की है. मौलाना सुफियान निजामी ने अपने जारी किए हुए बयान में कहा कि हिंदुस्तान के हर शहरी की ख्वाहिश होती है कि देश संविधान से चलना चाहिए न की किसी की विचारधारा से.
उन्होंने कहा कि देश के संवैधानिक पद पर बैठे हुए शख्स को संविधान के दायरे में ही हर धर्म के मानने वाले को देखना चाहिए. निजामी ने कहा कि चुनावी मौसम में अब यह उत्तर प्रदेश की आवाम को तय करना है कि जो देश को संविधान के दायरे में रहकर चलाना चाहता है उनका चुनाव करें या जो असंवैधानिक तरीके से देश को चलाना चाहते हैं उनका चुनाव करें. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठा हुआ अगर कोई व्यक्ति असंवैधानिक तरीके से बात करता है तो इलेक्शन कमिशन को उस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करना चाहिए.
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