लखनऊः एसजीपीजीआई और लोहिया आर्युविज्ञान संस्थान में डॉक्टरों की भर्ती निरस्त हो गयी है. ऐसे में विभागों में डॉक्टरों का संकट दूर होने में अभी वक्त लगेगा. भर्ती में आरक्षण नियमों को दरकिनार करने को लेकर ईटीवी भारत ने मसला उठाया था.
चिकित्सा संस्थाओं में डॉक्टरों का संकट
शहर के चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टरों संकट है. जिसकी भरपाई के लिए सरकार ने पदों को मंजूरी दी. उधर संस्थानों के अफसरों ने रोस्टर नियमों को नजरअंदाज कर मनमानी भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया है. मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर ने सीएम से 26 फरवरी को आरक्षण रोस्टर में की जा रही गड़बड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री से की. वहीं एसजीपीजीआई टीचर्स ने एससी-एसटी आयोग से शिकायत की. 19 मार्च को ईटीवी भारत ने मसला उठाया. आयोग ने संस्थान के अफसरों को आयोग में तलब किया. आयोग की सदस्य अंजू बाला ने अधिकारियों से तय रोस्टर के अनुसार पदों पर जवाब तलब किया. इसके बाद एसजीपीजीआई ने डॉक्टरों की भर्ती का विज्ञापन निरस्त कर दिया. ऐसे ही लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश ने भी डॉक्टरों की स्थाई भर्ती का विज्ञापन निरस्त होने की बात कही है.
कहां कितने पदों पर होनी है भर्ती
एसजीपीजीआई में 25 के करीब विभाग हैं. इनमें 165 पदों पर भर्ती निकाली गई थी. इसे अब निरस्त कर दिया गया. जल्द ही आरक्षण रोस्टर के मुताबिक नया विज्ञापन जारी होगा. ऐसे ही लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में करीब 94 पदों पर विज्ञापन निकाला गया था. डॉक्टरों के ये पद करीब 36 विभागों के थे. इसमें भी आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया था. यहां भी अब नए सिरे से विज्ञापन जारी होगा.