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लखनऊ: ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में सार्वजनिक शौचालय कहीं ठीक तो कहीं बदहाल - लखनऊ की खबरें

आम जनता को सुविधा देने के लिए सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण किए जा रहे हैं. राजधानी लखनऊ में बने सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय का ईटीवी भारत में रियलिटी चेक किया. इसमें बहुत से शौचालय अच्छी स्थिति में मिले तो बहुत से बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं.

reality cheack of community toilets in lucknow
लखनऊ के शहरी क्षेत्र में नगर निगम में 389 सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय के निर्माण किए हैं.
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Published : Aug 20, 2020, 7:50 AM IST

लखनऊ: साल 2014 में केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. इसके तहत शहरों और गांवों में आम जनता को सुविधा देने के लिए सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय के निर्माण किए गए. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र में भी सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय नगर निगम के द्वारा बनाए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम राजधानी में बने सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों का रियलिटी चेक किया. इस दौरान पता चला कि नगर निगम के तहत बने बहुत से ऐसे शौचालय हैं, जहां स्थितियां ठीक हैं. वहीं बहुत से शौचालयों की हालत बेहद खराब है.

लखनऊ के शहरी क्षेत्र में नगर निगम में 389 सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय के निर्माण किए हैं.

शिकायत के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई

राजधानी के सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों पर काम करने वाले कर्मचारियों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. इस दौरान एक का कहना है कि पिछले एक महीने से शौचालय का दरवाजा टूटा हुआ है. इसकी कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन अब तक शौचालय का दरवाजा जुड़ नहीं पाया है. वहीं सामुदायिक शौचालय व स्नानागार में नहाने आए नगर निगम के सफाईकर्मी का कहना है कि साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक है. यहां पर समय-समय पर सैनिटाइजेशन भी किया जाता है. सफाईकर्मी ने बताया कि दरवाजे टूटे होने की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

जिम्मेदारों की नजर में सब व्यवस्था चौकस

राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र में बने सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों के हालात के विषय में ईटीवी भारत ने अपर नगर आयुक्त अमित कुमार से बात की. अमित कुमार ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण चार के तहत साल 2018-19 व 2019-20 में सरकार द्वारा दिए गए टारगेट को नगर निगम ने पूरा कर लिया है. अब तक लखनऊ के शहरी क्षेत्र में नगर निगम में 389 सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय के निर्माण किए हैं.

मलिन बस्तियों की हालत खराब

आम जनता को सुविधा देने के लिए राजधानी में बनाए गए सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय के रियलिटी चेक में ईटीवी भारत ने पाया कि नगर निगम द्वारा बनाए गए शौचालयों की हालत ठीक है. वहीं मलिन बस्तियों में बने सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय की हालत बद से बदतर है. अब ऐसे में नगर निगम की नजर कब उन बदहाल शौचालयों पर जाती है और लोगों को सुविधाएं मिलती हैं ये एक बड़ा सवाल है.

लखनऊ: साल 2014 में केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. इसके तहत शहरों और गांवों में आम जनता को सुविधा देने के लिए सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय के निर्माण किए गए. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र में भी सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय नगर निगम के द्वारा बनाए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम राजधानी में बने सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों का रियलिटी चेक किया. इस दौरान पता चला कि नगर निगम के तहत बने बहुत से ऐसे शौचालय हैं, जहां स्थितियां ठीक हैं. वहीं बहुत से शौचालयों की हालत बेहद खराब है.

लखनऊ के शहरी क्षेत्र में नगर निगम में 389 सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय के निर्माण किए हैं.

शिकायत के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई

राजधानी के सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों पर काम करने वाले कर्मचारियों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. इस दौरान एक का कहना है कि पिछले एक महीने से शौचालय का दरवाजा टूटा हुआ है. इसकी कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन अब तक शौचालय का दरवाजा जुड़ नहीं पाया है. वहीं सामुदायिक शौचालय व स्नानागार में नहाने आए नगर निगम के सफाईकर्मी का कहना है कि साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक है. यहां पर समय-समय पर सैनिटाइजेशन भी किया जाता है. सफाईकर्मी ने बताया कि दरवाजे टूटे होने की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

जिम्मेदारों की नजर में सब व्यवस्था चौकस

राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र में बने सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों के हालात के विषय में ईटीवी भारत ने अपर नगर आयुक्त अमित कुमार से बात की. अमित कुमार ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण चार के तहत साल 2018-19 व 2019-20 में सरकार द्वारा दिए गए टारगेट को नगर निगम ने पूरा कर लिया है. अब तक लखनऊ के शहरी क्षेत्र में नगर निगम में 389 सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय के निर्माण किए हैं.

मलिन बस्तियों की हालत खराब

आम जनता को सुविधा देने के लिए राजधानी में बनाए गए सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय के रियलिटी चेक में ईटीवी भारत ने पाया कि नगर निगम द्वारा बनाए गए शौचालयों की हालत ठीक है. वहीं मलिन बस्तियों में बने सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय की हालत बद से बदतर है. अब ऐसे में नगर निगम की नजर कब उन बदहाल शौचालयों पर जाती है और लोगों को सुविधाएं मिलती हैं ये एक बड़ा सवाल है.

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