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लव और मर्डर के चक्कर में फंस गए बाहुबली बाप-बेटे, जानिए क्या है अमनमणि की 'अमर' कहानी - अमनमणि त्रिपाठी का राजनीतिक कैरियर

अमनमणि आए दिन विवादों में बने रहते हैं. इस बार यूपी के नौतनवां से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी दोस्तों से साथ बदरीनाथ जाने के दौरान पुलिस और प्रशासन से अभद्रता को लेकर सुर्खियों में हैं. आइये जानते हैं उनकी 'अमर' कहानी.

mla amanmani tripathi news
नौतनवां से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी.
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Published : May 4, 2020, 9:48 AM IST

देहरादूनः लव, सेक्स और मर्डर के चक्कर में आजीवन कारवास की सजा काट रहे पूर्व मंत्री और यूपी के दबंग अमरमणि त्रिपाठी का बेटा अमनमणि भी उनसे कम नहीं हैं. अमनमणि आए दिन विवादों में बने रहते हैं. इस बार यूपी के नौतनवां से निर्दलीय विधायक अमनमणि दोस्तों से साथ बदरीनाथ जाने के दौरान पुलिस और प्रशासन से अभद्रता को लेकर सुर्खियों में हैं.

कौन है अमनमणि त्रिपाठी
पहली बार लखनऊ के एक आयुष नाम के शख्स की कई बीघा जमीन कब्जाने को लेकर चर्चा में आए निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी का विवादों से पुराना नाता रहा है. उनका और उनके परिवार का पहले भी कई बार बड़े विवादों में नाम आता रहा है.

बाप-बेटों पर समान आरोप
राजनीति में दागियों का आना कोई नई बात नहीं, लेकिन ऐसा कम ही होता है कि राजनीति में आने वाले बाप और बेटे दोनों हत्या जैसे गंभीर अपराध में शामिल हों. हैरान करने वाली बात ये है कि इन दोनों ही बाप-बेटों पर अपनी प्रेमिका और पत्नी को मौत के घाट उतारने का आरोप है.

अपनी कथित प्रेमिका को मौत के घाट उतारने वाले पिता को कोर्ट आजीवन करावास की सजा सुना चुका है, जबकि बेटे पर हत्या, साजिश, दहेज उत्पीड़न और सुबूत मिटाने के आरोप को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. अमरमणि त्रिपाठी को अदालत ने ताउम्र कैद में रखने की सजा सुनाई है. अब बारी उनके बेटे की, घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर जिस युवती सारा ने अमरमणि के बेटे अमनमणि से लवमैरिज की, उसी की हत्या के आरोप में अमनमणि को सजा हो चुकी है, फिलहाल अमनमणि जमानत पर बाहर हैं.

जुर्म और राजनीतिस से बराबर का नाता
बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी का नाम उत्तर प्रदेश की सियासत का वो नाम था जो सुबह का नाश्ता सियासी रसोई से करता तो दोपहर का खाना जुर्म के ढाबे पर. कुछ छोटे-मोटे अपराध तो उन्होंने तब ही कर दिए थे जब वो राजनीति में ठीक से पांव भी नहीं जमा पाए थे.

फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति का सक्रिय नेता बन जाने के बाद अमरमणि त्रिपाठी ने दबंगई की जो इबारतें लिखीं उनका कहना ही क्या. एक दौर था जब अमरमणि त्रिपाठी पूर्वांचल की सियासत के बेताज बादशाह हुआ करते थे.

अमरमणि त्रिपाठी ने कांग्रेस के विधायक हरिशंकर तिवारी को अपनी राजनीतिक नींव बनाकर सीढ़ी-दर-सीढ़ी ऊपर चढ़ना शुरू किया. एक बार रफ़्तार पाई तो फिर अमरमणि ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. भले ही अमरमणि और उनकी पत्नी जेल में हैं, लेकिन उनका पूरा कारोबार उनके बेटे अमनमणि ने संभाल रखा है. यही नहीं अमनमणि को कुछ बड़े नेताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त है.

देहरादूनः लव, सेक्स और मर्डर के चक्कर में आजीवन कारवास की सजा काट रहे पूर्व मंत्री और यूपी के दबंग अमरमणि त्रिपाठी का बेटा अमनमणि भी उनसे कम नहीं हैं. अमनमणि आए दिन विवादों में बने रहते हैं. इस बार यूपी के नौतनवां से निर्दलीय विधायक अमनमणि दोस्तों से साथ बदरीनाथ जाने के दौरान पुलिस और प्रशासन से अभद्रता को लेकर सुर्खियों में हैं.

कौन है अमनमणि त्रिपाठी
पहली बार लखनऊ के एक आयुष नाम के शख्स की कई बीघा जमीन कब्जाने को लेकर चर्चा में आए निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी का विवादों से पुराना नाता रहा है. उनका और उनके परिवार का पहले भी कई बार बड़े विवादों में नाम आता रहा है.

बाप-बेटों पर समान आरोप
राजनीति में दागियों का आना कोई नई बात नहीं, लेकिन ऐसा कम ही होता है कि राजनीति में आने वाले बाप और बेटे दोनों हत्या जैसे गंभीर अपराध में शामिल हों. हैरान करने वाली बात ये है कि इन दोनों ही बाप-बेटों पर अपनी प्रेमिका और पत्नी को मौत के घाट उतारने का आरोप है.

अपनी कथित प्रेमिका को मौत के घाट उतारने वाले पिता को कोर्ट आजीवन करावास की सजा सुना चुका है, जबकि बेटे पर हत्या, साजिश, दहेज उत्पीड़न और सुबूत मिटाने के आरोप को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. अमरमणि त्रिपाठी को अदालत ने ताउम्र कैद में रखने की सजा सुनाई है. अब बारी उनके बेटे की, घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर जिस युवती सारा ने अमरमणि के बेटे अमनमणि से लवमैरिज की, उसी की हत्या के आरोप में अमनमणि को सजा हो चुकी है, फिलहाल अमनमणि जमानत पर बाहर हैं.

जुर्म और राजनीतिस से बराबर का नाता
बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी का नाम उत्तर प्रदेश की सियासत का वो नाम था जो सुबह का नाश्ता सियासी रसोई से करता तो दोपहर का खाना जुर्म के ढाबे पर. कुछ छोटे-मोटे अपराध तो उन्होंने तब ही कर दिए थे जब वो राजनीति में ठीक से पांव भी नहीं जमा पाए थे.

फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति का सक्रिय नेता बन जाने के बाद अमरमणि त्रिपाठी ने दबंगई की जो इबारतें लिखीं उनका कहना ही क्या. एक दौर था जब अमरमणि त्रिपाठी पूर्वांचल की सियासत के बेताज बादशाह हुआ करते थे.

अमरमणि त्रिपाठी ने कांग्रेस के विधायक हरिशंकर तिवारी को अपनी राजनीतिक नींव बनाकर सीढ़ी-दर-सीढ़ी ऊपर चढ़ना शुरू किया. एक बार रफ़्तार पाई तो फिर अमरमणि ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. भले ही अमरमणि और उनकी पत्नी जेल में हैं, लेकिन उनका पूरा कारोबार उनके बेटे अमनमणि ने संभाल रखा है. यही नहीं अमनमणि को कुछ बड़े नेताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त है.

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