लखनऊ : भारत सरकार की तरफ से स्क्रैप पॉलिसी लागू किए जाने के कारण 15 साल पुराने सरकारी वाहनों के पुनः पंजीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इससे 15 साल पूरे होने में अगर किसी सरकारी वाहन के दो से तीन माह शेष भी रह गए तब भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता. मंत्रालय की तरफ से आदेश सरकारी वाहनों के रीरजिस्ट्रेशन न करने का दिया गया, लेकिन 15 साल पूरे कर चुके निजी वाहनों के भी रीरजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई है. 15 साल से एक दिन भी ज्यादा होने पर वाहनों का रीरजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है. लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में हजारों वाहन स्वामियों के सामने इस तरह की समस्या आ खड़ी हुई है. इससे निजी वाहन स्वामी काफी परेशान हो रहे हैं. विभागीय अधिकारियों का कहना है इसके लिए एनआईसी को पत्र भेजा गया है.
राजाजीपुरम निवासी रोहित श्रीवास्तव की निजी कार 15 साल पुरानी हो चुकी है. ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में जब वे गाड़ी का पुन: पंजीयन कराने पहुंचे तो उन्हें यह सुनकर झटका लग गया कि अब गाड़ी रजिस्टर्ड नहीं हो सकती. जब रोहित ने इसके बारे में पता किया तो जानकारी दी गई कि एनआईसी के सॉफ्टवेयर पर 15 साल पुराने निजी वाहनों को भी रजिस्टर करने पर रोक लगा दी गई है. इसके बाद तो रोहित को कुछ समझ नहीं आ रहा कि अब क्या किया जाए. अभी गाड़ी की कंडीशन बिल्कुल सही है और वह आराम से अगले कई साल तक चल सकती है.
लखनऊ के गढ़ी कनौरा निवासी शेर बहादुर की प्राइवेट कार है. 23 जून को इस कार के 15 साल पूरे हो गए. इसके बाद जब शेर बहादुर आरटीओ कार्यालय में वाहन का पुनः पंजीयन कराने पहुंचे तो पता चला कि रजिस्ट्रेशन हो ही नहीं सकता, क्योंकि 15 साल पूरे हो चुके हैं. शेर बहादुर की होंडा सिटी कार है और अभी सड़क पर कई साल चल सकती है, लेकिन रीरजिस्ट्रेशन न हो पाने की वजह से उनकी फिक्र बढ़ गई है.
परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि 'किसी भी प्राइवेट वाहन के 15 साल पूरे होने में एक भी दिन कम होता है तो गाड़ी री रजिस्टर्ड हो जा रही है, जबकि अगर 15 साल से एक दिन भी ऊपर गाड़ी को हुआ तो रजिस्टर्ड होने में दिक्कत है. यानी किसी की गाड़ी 15 साल पूरा कर रही है तो उससे पहले ही अगर रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं तब तो पुनः पंजीयन संभव है, जबकि अगर एक दिन भी देरी की तो गाड़ी का पुनः पंजीयन नहीं हो पाएगा.'
डिस्प्ले हो रहा इस तरह का अलर्ट मैसेज : परिवहन विभाग में 15 साल पुरानी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन कराने के लिए वेबसाइट पर एक अलर्ट मैसेज डिस्प्ले होता है. लिखकर आ रहा है कि इंटर व्हीकल एज हैज बीन कंप्लीटेड or आरआरसी एक्सपायर्ड or फिटनेस एक्सपायर्ड विद नो प्रोविजन टू अप्लाई एज पर स्टेट गाइडलाइंस. प्लीज विजिट आरटीओ फॉर फरदर एक्शन.
विभिन्न जनपदों में 15 साल से ज्यादा सभी श्रेणी के वाहनों की संख्या : सहारनपुर 1,83,474, मुजफ्फरनगर 122588, बुलंदशहर 125728, गाजियाबाद 178885, मेरठ 179663, नोएडा 126731, बागपत 32090, शामली 1696, बिजनौर 1,49,654, मुरादाबाद 12,956, रामपुर 84629, जेपी नगर 45, 864, बदायूं 53,852, बरेली 1,75,234, पीलीभीत 38,575, शाहजहांपुर 68,711, हरदोई 61,398, लखीमपुर 85,716, लखनऊ 7,28,519,रायबरेली 1,03,425, सीतापुर 85,457, उन्नाव 74,038, अमेठी 1612, हापुड़ 1570, संभल 1976, बहराइच 65,885, बाराबंकी 85,987, अयोध्या 11,55,12, गोंडा 82,838, सुल्तानपुर 98,839, अकबरपुर 39,182, श्रावस्ती 11,321, बलरामपुर 26,986, आजमगढ़ 13,8,964, बस्ती 1,07,465, देवरिया 72,548, गोरखपुर 1,81,882, मऊ 62,305, सिद्धार्थनगर 36,643, महराजगंज 17,222, पडरौना 50,763, संत कबीर नगर 16,195, बलिया 60,341, गाजीपुर 53,752, जौनपुर 1,25,435, मिर्जापुर 46,119, सोनभद्र 64,855, वाराणसी 2,81,976, भदोही 50,195, चंदौली 18,952, प्रयागराज 2,97,111, फतेहपुर 70,945, प्रतापगढ़ 33,448, कौशांबी 26,240, कन्नौज 32,381, इटावा 64722, फर्रुखाबाद 12,013, कानपुर देहात 39,518, कानपुर नगर 3,83,722, औरैया 27,778, आगरा 2,45,622, अलीगढ़ 2,24,488, एटा 35,236, फिरोजाबाद 54,457, मैनपुरी 53,107, मथुरा 98,141, हाथरस 50,593, कासगंज 7,181, बांदा 25,529, हमीरपुर 29,143, उरई 46,756, झांसी 1,58,615, ललितपुर 45,867, महोबा 16,088, चित्रकूट 13,100, महानगर लखनऊ 85,891.
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क्या कहते हैं वाहन स्वामी : वाहन स्वामी रोहित श्रीवास्तव का कहना है कि 'पिछले पांच दिन से लगातार आरटीओ कार्यालय अपनी कार का रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे हैं, लेकिन काम नहीं हो रहा है. बताया जा रहा है कि गाड़ी 15 साल पुरानी हो चुकी है, रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा. बड़ी परेशानी है. निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक भी नहीं है फिर भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है. परिवहन विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए. वाहन स्वामियों को दिक्कत हो रही है.'
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