लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण को काम करने और बचाव के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लाॅकडाउन घोषित किया गया है. इस दौरान लोगों से केवल जरूरी काम के लिए ही अपने घरों से बाहर निकलने का निर्देश केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दिया गया है. इस कारण सारा काम ठप है. इस वजह से दिहाड़ी मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
गरीब मजदूरों को नहीं मिल रहा खाना
लाॅकडाउन में दिहाड़ी मजदूरों को खाने की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करोड़ों रुपए का बजट आवंटित किया है. साथ ही सभी जिलों के जिलाधिकारियों को जरूरतमंद लोगों तक उनके इलाकों में कैंटीन बनाकर खाना पहुंचाने का आदेश जारी किया गया है. लेकिन अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेश को लेकर उदासीन बने हैं. यही कारण है कि जिले के कई इलाकों में गरीबों को खाने की समस्या से जूझना पड़ रहा है.
इन वार्डों में नहीं पहुंचा अनाज
मुख्यमंत्री ने जिले के आलाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि हर वर्ग के जरूरतमंद लोगों तक अनाज पहुंचाया जाए. इसके बाद भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण राजेंद्र नगर वार्ड के तकिया अंगारा शाह, ऐशबाग वार्ड के नवाबगंज बगिया में अनाज नहीं पहुंचा है और लोग भूखे हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने ताे आदेश कर दिया है लेकिन स्थानीय स्तर पर अमल नहीं होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
घर में नहीं है अनाज, कैसे भरें पेट
राजेन्द्र नगर वार्ड निवासी रेखा ने बताया कि पति का देहांत हो चुका है. मैं अपनी दो बेटियों के साथ रहती हूं और छोटा-मोटा काम कर अपना और दोनों बेटियों का पेट भरती हूं. लाॅकडाउन होने की वजह के काम ठप है. सरकार की तरफ से कहा गया था कि घर तक आटा, दाल चावल सहित खाद्य सामग्री पहुंचेगी लेकिन कुछ नहीं आया. अब घर में खाने-पीने को सामान नहीं है. ऐसे में अब क्या करे कुछ समझ में नहीं आ रहा है.