लखनऊः वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाओं की पहल की. जहां पहले एक तरफ केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी सौंप दी थी. उसके बाद वैक्सीनेशन पर काफी सवाल उठाए गए. जिसको देखते हुए बीते सोमवार को केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी अब खुद उठा लिया हैं. इसी के तहत केन्द्र सरकार ने कहा कि 21 जून से कुछ निजी अस्पतालों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराएगी जाएगी. नई व्यवस्था में भी लोगों को निजी अस्पतालों में टीका लगवाने का विकल्प मिलेगा.
वैक्सीन निर्माताओं द्वारा वर्तमान में घोषित कीमतों के आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी अस्पतालों में वैक्सीन की कीमत तय कर दी है. इसके तहत कोविशील्ड के लिए 780 रुपये, कोवाक्सिन के लिए 1,410 रुपये और स्पूतनिक-वी के लिए 1,145 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है. वहीं वैक्सीन पर 5 फीसदी जीएसटी देना होगा. इसके साथ ही सारी वैक्सीन पर 150 रुपये प्रति डोज सर्विस चार्ज लिया जाएगा.
हालांकि सरकार सुनिश्चित करेगी कि कीमतों को लेकर मनमानी न हो. निजी अस्पताल टीके की तय कीमत से अधिक डेढ़ सौ रुपये अतिरिक्त वसूल सकेंगे. राजधानी के निजी अस्पतालों में शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों को लेकर तैयारी पूरी हैं. निजी अस्पतालों का कहना है कि अस्पताल में पहले से सोशल डिस्टेंस और कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा हैं. सरकार के ऐसे फैसले से निजी अस्पताल ने सराहना की. वहीं टीकाकरण कराने पहुंचे लोगों को कहना है कि अगर कोई व्यक्ति निजी अस्पताल में टीकाकरण करवा सकता है तो उसे निजी अस्पताल में करवाना चाहिए. इससे सरकारी अस्पताल में भी भीड़ कम होगी और जरूरतमंद को आसानी टीका लग सकेगा.
अपोलो में पूरी तैयारी
अपोलो के मेडिकल सर्विस के डायरेक्टर व सर्जन डॉ. अजय कुमार ने बताया कि अभी वर्तमान में लगभग 500 लोगों का वैक्सीनेशन करते हैं. लोग कोविड पोर्टल से ही अपोलो अस्पताल में स्लॉट बुक करते हैं. केन्द्र सरकार ने जो घोषणा की हैं उससे अस्पताल प्रशासन खुश हैं. कोविड के इस लड़ाई में वैक्सीन ही अपने आप में बेहतर उपाय हैं. फ्री वैक्सीनेशन के कारण गरीब तबके तक वैक्सीन पहुंच पाएगी. अस्पताल इसमें पूरी तरह से सहमत हैं और पूरा सहयोग कर रहें हैं. अस्पताल में वैक्सीनेशन को लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही हैं. सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा हैं. आगे भी होता रहेगा.
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सरकारी से बेहतर निजी अस्पताल
वैक्सीनेशन कराने पहुंची मीनाक्षी यादव ने बताया कि निजी अस्पताल में बड़ी आसानी से वैक्सीन लगाई गई. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति निजी अस्पताल में वैक्सीनेशन लगावाने में सक्षम है तो मुझे लगता है कि निजी अस्पताल बेहतर है. क्योंकि सरकारी अस्पताल में बहुत ज्यादा भीड़ होती है, लाइन लगाकर खड़े होना पड़ता है. जिसकी वजह से काफी दिक्कत होती है. इसलिए निजी अस्पताल बेहतर हैं.
राज्य सरकार ऐसा करेगी निगरानी
निजी अस्पताल 21 जून से टीके की तय कीमत से अधिकतम डेढ़ सौ रुपये अतिरिक्त शुल्क ही लें. इसके लिए केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को निगरानी की जिममेदारी सौंप दी हैं. निजी अस्पताल को मिलने वाली वैक्सीन सिर्फ बड़े शहरों के बड़े अस्पतालों तक सीमित न रहे. केंद्र सरकार इसका पूरा ख्याल रखेगी. राज्य निजी अस्पतालों की क्षमता के अनुसार उनके लिए वैक्सीन की जरूरत बताएंगे. उसके बाद केंद्र सरकार व्यक्ति निर्माता कंपनियों से बात कर उनके लिए वैक्सीन उपलब्धता सुनिश्चित कराएगी.