लखनऊ: उत्तर प्रदेश की जेलों में उपद्रव, अराजकता, हिंसा, पलायन आदि आकस्मिक स्थितियां उत्पन्न न हो इसलिए अब रैंडम सिक्योरिटी ऑडिट होगा. डीजी जेल ने पिछले दिनों जेलों में हुई हिंसक घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था के अचूक प्रबंध किए हैं. मंगलवार को डीजी जेल आनंद कुमार ने रैंडम सिक्योरिटी ऑडिट के निर्देश देते हुए जेल मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. यही नहीं, डीजी जेल ने वरिष्ठ अधिकारियों को भेजकर जिला जेल प्रतापगढ़, बहराइच, बलिया, सुलतानपुर, उन्नाव और सिद्धार्थनगर का रेंडम सिक्योरिटी ऑडिट भी कराया.
तलाशी में नहीं मिली आपत्तिजनक वस्तु
अफसरों का दावा है कि छह जेलों की रेंडम सिक्योरिटी ऑडिट के दौरान तलाशी में कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली है. जांच अधिकारियों का कहना है कि रेंडम सिक्योरिटी ऑडिट की रिपोर्ट तैयार कर डीजी जेल को सौंपेंगे. सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कई सुधार अमल में लाए जाएंगे.
इन अफसरों ने जेलों का किया रेंडम सिक्योरिटी ऑडिट
जिला जेल प्रतापगढ़: संजीव कुमार त्रिपाठी उपमहानिरीक्षक कारागार, प्रयागराज परिक्षेत्र
जिला जेल बहराइच: दिलीप पांडे उपनिदेशक, संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ
जिला जेल बलिया: एके सिंह, उपमहानिरीक्षक कारागार, वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी
जिला जेल सुल्तानपुर: आरके मिश्रा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, कारागार मुख्यालय
जिला जेल उन्नाव: अंबरीश गौड़, वरिष्ठ अधीक्षक लखनऊ मुख्यालय
जिला जेल सिद्धार्थनगर: रामधनी, प्रभारी उप महानिरीक्षक कारागार, गोरखपुर परिक्षेत्र, गोरखपुर
रेंडम सिक्योरिटी ऑडिट में जेलों में इन सुरक्षा बिंदुओं की हुई जांच
- जेलों की उच्च सुरक्षा बैरकों की आकस्मिक तलाशी
- यहां लगाए गए सुरक्षा और सर्विलांस उपकरणों सहित सभी बिंदुओं की जांच
- सभी जेलों में लगाए गए सीसीटीवी की क्रियाशीलता और कारागारों की सुरक्षा में इनका अधिकतम लाभ की जांच
- आधुनिक उपकरण पोल, मेटल डिटेक्टर, बैगेज स्कैनर, हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर आदि की क्रियाशीलता और पर्याप्तता की जांच
- उपद्रव, अराजकता, हिंसा, पलायन आदि आकस्मिक स्थितियां उत्पन्न न हों इसके लिए किए गए प्रबंध और ऐसी आकस्मिकता के उत्पन्न हो जाने पर तत्काल काबू पाए जाने के उपायों की जांच
- बंदियों में असंतोष के कारणों की पड़ताल और उनके सुझाव
- जेल सुरक्षा कर्मियों की बंदियों से सुरक्षा के उपकरण जैसे बॉडी प्रोटेक्टर, हेलमेट, बैटन, असलहों आदि की क्रियाशीलता और पर्याप्तता की जांच
- कारागारों में अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों की उपलब्धता की जांच