लखनऊ: राजनीति में अपना अलग मुकाम रखने वाले अम्मार रिजवी लंबे समय तक कांग्रेस की राजनीति से जुड़े रहे. साथ ही महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री पद को भी सुशोभित करते रहे. लेकिन, 2019 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. मगर, कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने अयोध्या के विकास के लिए कई काम किए. 80 के दशक में उन्होंने अयोध्या में पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग का निर्माण करवाया था. इसके अलावा लखनऊ से अयोध्या तक जब अयोध्या के नाम की जगह मुकामा लिखा होता था. तब उन्होंने 72 घंटे में सभी जगह पर अयोध्या कराया था.
ETV Bharat से खास बातचीत में पूर्व मंत्री अम्मार रिजवी ने कहा कि, गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की जब रचना की थी तो वे नैमिष जाया करते थे. महमूदाबाद के मथुरा गांव में उन्होंने एक मंदिर के चबूतरे पर बैठकर रामचरित मानस का एक कांड लिखा था. 1974 में जब हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब मैं विधायक बना था. तब मैंने इस मंदिर और चबूतरे का नए सिरे से निर्माण करवाया गया. गांव का नाम पहले मथुरा था जो बाद में मथुरा रामपुर हो गया. जिस नदी को पार करके गोस्वामी तुलसीदास वे नैमिष जाया करते थे वहां एक पुल बनवाया. इस पुल का नाम गोस्वामी तुलसीदास पुल रखा गया.
उन्होंने बताया कि जब श्रीपति मिश्र मुख्यमंत्री थे, तब अयोध्या के लोगों ने 14 कोसी और पंच कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण की मांग की थी. तब मैंने PWD मिनिस्टर के तौर पर 30 करोड़ रुपये की मांग की है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि इतना बजट बिल्कुल भी संभव नहीं है. उस समय केंद्र से इतनी मदद भी नहीं मिलती थी. फिर भी हमने प्रयास किया.
इसके बाद में महंत नृत्य गोपाल दास ने एक सभा में हमको अयोध्या बुलाया और उन्होंने एक और मांग की. उस समय लखनऊ से अयोध्या के हाईवे पर जगह-जगह मुकामा लिखा हुआ था. तब मैंने 72 घंटे के भीतर मुकामा की जगह पूरे हाइवे पर अयोध्या करा दिया था. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में हवन में सबके लिए शांति की बात की गई है. हिंदू धर्म शांति का संदेश देता है और सबकी बात करता है. वसुदैव कुटुंबकम में भी यही बात कही गई है. इसमें धर्म कहां है. इसलिए मैंने अपनी भूमि का एक हिस्सा सीतापुर के जिलाधिकारी को भगवान कृष्ण का मंदिर बनाने के लिए दे दिया.