लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक कार्यक्रम में बड़ा रहस्योद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन ही एक ऐसा विषय है, जिसने उनको सन्यासी में तब्दील कर दिया. उन्होंने कहा कि हम श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठता समारोह का श्रेय नहीं ले रहे हैं. हम तो वहां सेवक बनकर जा रहे हैं. मंदिर का आमंत्रण कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत सबको मिला है. उन्हें राम मंदिर में आने से किसी ने रोका नहीं है. वो राम के सेवक बनकर आएं. जो राम का सेवक बनकर आएगा उसका स्वागत है. राम मंदिर आंदोलन में हम सब बहुत पहले से जुड़े हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर आंदोलन की वजह से वह संन्यासी हैं.
सीएम योगी ने आज ताज होटल में एक कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उनके पूज्य गुरुदेव राम मंदिर के आंदोलन के अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं में से एक थे. उस कालखंड में भी उनके मन में इस आंदोलन का नेतृत्व था और गोरखपीठ उनके साथ थी. सीएम योगी ने कहा कि उनके गुरु, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में ये आंदोलन आगे बढ़ा था. अब रामलला प्रकट हो रहे हैं, इससे ज्यादा उत्साह की बात और क्या हो सकती है.
सीएम योगी ने कहा कि हम लोग रामभक्त और राम के सेवक के रूप में मंदिर में मौजूद रहेंगे. हमें सौभाग्य मिला है कि हम रामकाज में सहभागी बन गए हैं. जिस काम को दर्जनों पीढ़ियां नहीं देख पाईं, वो समय 500 साल बाद आया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए 3 लाख से ज्यादा लोग शहीद हुए और 76 से ज्यादा बार संघर्ष हुआ.
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