लखनऊः केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भविष्य में होने वाले युद्ध मनुष्य के बीच नहीं बल्कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी से लड़े जाएंगे. सीमा पर रोबोट युद्ध लड़ेंगे. भावी पीढ़ी को इसके लिए तैयार करने की जरूरत है. केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि अखिलेश दास ने धन कमाने के लिए बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं की थी. वे चाहते थे कि भावी पीढ़ी को शिक्षा के अवसर मिले. यहां ऐसे छात्र तैयार हों, जो राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाएं.
अखिलेश दास को याद कर उन्होंने कहा कि मेरी उनकी मुलाकात एक विवाह समारोह में हुई थी. मेरी उनसे कोई जान पहचान नहीं थी, मेरे घर में शादी थी अचानक उनका फोन आया की कार्ड मिल गया है बताइए मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं. इस मुलाकात के बाद संबंध प्रगाढ़ होते चले गए. राजनाथ सिंह ने कहा कि 26 साल की अवस्था में जब वह विधायक बनकर लखनऊ आए, उस समय बाबू बनारसी दास विधानसभा अध्यक्ष थे. मैं रोज उनके पैर छूता था और वह मुझे आशीर्वाद देते थे.
अखिलेश दास गुप्ता के प्रतिमा अनावरण समारोह में जब संचालक ने राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री काल में नकल विहीन परीक्षा का जिक्र किया, तो राजनाथ ने कहा नकल विहीन परीक्षा तो कराई थी. लेकिन गालियां भी बहुत खाई थी.
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बाबू बनारसी दास ग्रुप के चेयरमैन विराज सागर दास ने कहा कि वे उन सभी कार्यों को पूरा कर रहे हैं. जिन्हें उनके पिता अखिलेश दास ने प्रारंभ किया था. कोरोना काल में बीबीडी ग्रुप में लखनऊ वासियों की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के चांसलर अलका दास गुप्ता ने कहा कि एक पत्नी के रूप में उन्होंने अखिलेश दास को बहुत नजदीक से जाना था. सेवा भाव उनमें कूट-कूट कर भरा था. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में प्रयोग पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. छात्र नित्य नए नए अनुसंधान कर रहे हैं. प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक अखिलेश दास से अपने पुराने संबंधों को याद कर भावुक हो उठे. समारोह का संचालन कैलाश पांडेय ने किया. इस अवसर पर उनके करीबी मित्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह क्षेत्रीय विधायक और डीवीडी परिवार से जुड़े लोग मौजूद थे.
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