लखनऊ: यूपी में कई जिलों में बारिश के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है. नाले-नाली चोक होने के कारण लोगों के घरों में गंदा पानी घुस गया, वहीं सड़कों पर कई फीट पानी भर गया. इस बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी है. बारिश से किसानों की धान की लहलहाती फसलों को नुकसान होने की उम्मीद है. सड़कों पर पानी भरने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
मथुरा में बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी है. हर बार बारिश के मौसम में जलभराव होने के कारण आवाजाही करते राहगीरों को परेशानी होती है. शहर के बस स्टैंड चौराहे और भूतेश्वर चौराहे पर चार से पांच फीट तक का पानी भर गया है. इससे वाहनों की रफ्तार थम गई है. बेमौसम की बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसल को नुकसान हो रहा है तो वहीं शहरी इलाकों में जलभराव के कारण लोगों की मुसीबत बढ़ गई है.
हर साल करोड़ों रुपये का बजट आने के बाद भी नगर निगम की लाचार व्यवस्था के चलते लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है. स्थानीय निवासी ने बताया कि पिछले कुछ घंटों की बारिश से शहर में चारों तरफ जलभराव हो गया है. बारिश शुरू होने से पहले नगर निगम सफाई अभियान नहीं चलाता है. श्रद्धालु ने बताया कि मथुरा घूमने के लिए आए थे. बारिश होने के कारण चारों तरफ पानी भरा हुआ है. आने-जाने में दिक्कत हो रही है. बस स्टैंड पुल के नीचे पानी भर गया था, जिसके कारण टेंपू भी खराब हो गया. टेंपू में धक्का लगाकर बाहर निकाला गया.
बिजनौर में 24 घंटे से लगातार तेज हवा के साथ हो रही मूसलाधार बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है तो वहीं किसानों की धान की लहलहाती फसलों को नुकसान होने की उम्मीद है. बारिश की वजह से शहर और गांवों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है. मजदूरों को बारिश की वजह से मजदूरी मिलना भी दूभर हो चला है. ऐसे में मजदूर से लेकर बड़े हर वर्ग के लोग घरों में कैद हो गए हैं.
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बारिश ने ऐसी तबाही मचा रखी है कि लहलहाती धान की फसल बारिश की वजह से गिर गई है. साथ ही खेतों पर कटी धान की फसल में बारिश के पानी से खराब होने का अंदेशा है. गन्ने की फसलों में भी काफी पानी भर गया है. सड़कों और घरों में नाली का गंदा पानी आने से बीमारियों का खतरा है. किसान रंजीत ने कहा कि अगर जल्द ही बारिश नहीं बंद हुई तो किसानों को धान की फसल में लाखों रुपये का नुकसान होगा. साथ ही इस बारिश से जानवरों को हरा चारा भी नहीं मिल पा रहा है. लगातार हो रही बारिश से गांव और शहरी इलाकों में जलभराव की समस्या भी देखने को मिल रही है.
अलीगढ़ में बेमौसम बारिश से फसल को काफी नुकसान हुआ है. तीन दिनों से हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी. भारी बरिश के चलते धान, लाहा, आलू, बाजरा की फसल पर असर हुआ है तो वहीं कुछ किसानों ने धान की फसल काट कर खेत में रखी थी. बारिश के चलते खेतों में जलभराव से फसलों को काफी हानि हुई है. बारिश के चलते किसान बर्बाद हो गया. कर्ज लेकर खेती-किसानी करने वालों के सामने अब घर परिवार चलाने की दिक्कत है. किसान सम्मान निधि से ये भरपाई नहीं होगी. मौसम की मार से घबड़ाए किसान अब सरकार से मदद की आस लगाए हुए हैं.
अतरौली की कुसमा देवी को धान की फसल बेच कर बेटी के हाथ पीले करने थे, लेकिन बेमौसम बारिश ने सारी खुशियां छीन ली. तीन दिनों से बारिश होने से कुसुमा के कटे धान खेत में बारिश के पानी में डूब गए. अतरौली के रहने वाले किसान वीरपाल कहते हैं कि अब सरकार को किसान के बारे में सोचना चाहिए. बर्बाद हुई फसल का मुआवजा सरकार से मिलना चाहिए. किसान कृष्ण मुरारी ने खेत में धान और लाहा की फसल खड़ी की थी, लेकिन बारिश ने खेती को तबाह कर दिया.
कृष्ण मुरारी कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं. इगलास के किसान मुंशीलाल ने आलू बोया था, लेकिन बारिश के चलते चार एकड़ में बाेये आलू के बीज सड़ गए. मुंशी लाल ने बताया कि किसानों को फसलों का रेट भी नहीं मिल रहा हैं. किसान सम्मान निधि से खेती के नुकसान की पूर्ति नहीं होगी. इस बारिश से बर्बाद किसानों को सरकार मुआवजा दे. वहीं, जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने बताया कि बारिश के बाद किसानों की फसल का लेखपाल से सर्वे कराकर मदद की जाएगी.