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डालीगंज से मल्हौर तक डबल लाइन लगभग तैयार, इंजन से ट्रायल शुरू

डालीगंज से मल्हौर तक रेलवे ट्रैक को दोहरीकरण काम तेजी (Railway track ready from Daliganj to Malhaur) से पूरा किया जा रहा है. इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत डालीगंज से मल्हौर तक ट्रैक पर लोको इंजन दौड़ाकर सफल प्रयोग किया गया है. इससे आने वाले कुछ ही महीनों में इस लाइन पर ट्रेनों का संचालन तेजी से होने लगेगा.

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Published : Dec 17, 2022, 6:58 AM IST

लखनऊ : डालीगंज से मल्हौर तक रेलवे ट्रैक को दोहरीकरण काम तेजी (Railway track ready from Daliganj to Malhaur) से पूरा किया जा रहा है. इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत डालीगंज से मल्हौर तक ट्रैक पर लोको इंजन दौड़ाकर सफल प्रयोग किया गया है. इससे आने वाले कुछ ही महीनों में इस लाइन पर ट्रेनों का संचालन तेजी से होने लगेगा. वहीं ट्रैक के किनारे समतलीकरण का कार्य जारी है और बैलास्ट लोड (पटरी पर पड़ने वाले पत्थर) डालने का काम शुरू हो गया है.


डालीगंज से मल्हौर तक 13 किमी लंबे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य लगभग पूरा हो गया है. करीब डेढ़ सौ करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस दोहरीकरण से ट्रेनों को रफ्तार मिलेगी. इसके बनने से बादशाहनगर, डालीगंज और गोमतीनगर स्टेशन पर ट्रेनों को सिग्नल मिलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. शुक्रवार को बेलास्ट को ले-आउट करने के लिए गाड़ी चलाई गई है. इसके अलावा लोको का इंजन भी चलाकर ट्रायल किया गया है. सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि यात्री सुविधाओं को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है. दोहरीकरण से यात्रियों को राहत मिलेंगी साथ ही ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ेगी.


उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सुरेश कुमार सपरा (DRM Suresh Kumar Sapra) ने लखनऊ स्थित मंडलीय कार्यालय में ट्रेन मैनेजरों को ट्रॉली बैग वितरित करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि ट्रॉली बैग के प्रयोग से ट्रेन मैनेजरों का बोझ कम होगा और उन्हें सुचारू रूप से काम करने में अधिक मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि ट्रॉली बैग को साथ रखकर आने जाने में आसानी होगी तथा कम वजन होने के कारण इनको आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना सुगम होगा, साथ ही इस व्यवस्था से ट्रेन मैनेजर का बहुत समय बचेगा एवं इस व्यवस्था के सम्पादन में अतिरिक्त कर्मियों की आवश्यकता भी नहीं होगी तथा किसी भी प्रकार की जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजारना पड़ेगा. इसके अतिरिक्त ट्रेन मैनेजर के कार्य को आधुनिक स्वरुप प्रदान करते हुए उनके कार्य सम्पादन में सहजता होने के साथ यह बैग उनकी छवि के अनुरूप होगा. लखनऊ मंडल द्वारा इस नयी कार्यप्रणाली का प्रारम्भ करते हुए पहली बार आपूर्ति करने के लिए पहले चरण में कुल 562 ट्रॉली बैग उपलब्ध कराए गए. इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधकों सहित परिचालन एवं अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष और परिचालन विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ें : महज एक दिन की रेडियोथैरेपी से कंट्रोल होगा प्रोस्टेट कैंसर, न्यूयार्क के डॉक्टर ने साझा की जानकारी

लखनऊ : डालीगंज से मल्हौर तक रेलवे ट्रैक को दोहरीकरण काम तेजी (Railway track ready from Daliganj to Malhaur) से पूरा किया जा रहा है. इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत डालीगंज से मल्हौर तक ट्रैक पर लोको इंजन दौड़ाकर सफल प्रयोग किया गया है. इससे आने वाले कुछ ही महीनों में इस लाइन पर ट्रेनों का संचालन तेजी से होने लगेगा. वहीं ट्रैक के किनारे समतलीकरण का कार्य जारी है और बैलास्ट लोड (पटरी पर पड़ने वाले पत्थर) डालने का काम शुरू हो गया है.


डालीगंज से मल्हौर तक 13 किमी लंबे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य लगभग पूरा हो गया है. करीब डेढ़ सौ करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस दोहरीकरण से ट्रेनों को रफ्तार मिलेगी. इसके बनने से बादशाहनगर, डालीगंज और गोमतीनगर स्टेशन पर ट्रेनों को सिग्नल मिलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. शुक्रवार को बेलास्ट को ले-आउट करने के लिए गाड़ी चलाई गई है. इसके अलावा लोको का इंजन भी चलाकर ट्रायल किया गया है. सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि यात्री सुविधाओं को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है. दोहरीकरण से यात्रियों को राहत मिलेंगी साथ ही ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ेगी.


उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सुरेश कुमार सपरा (DRM Suresh Kumar Sapra) ने लखनऊ स्थित मंडलीय कार्यालय में ट्रेन मैनेजरों को ट्रॉली बैग वितरित करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि ट्रॉली बैग के प्रयोग से ट्रेन मैनेजरों का बोझ कम होगा और उन्हें सुचारू रूप से काम करने में अधिक मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि ट्रॉली बैग को साथ रखकर आने जाने में आसानी होगी तथा कम वजन होने के कारण इनको आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना सुगम होगा, साथ ही इस व्यवस्था से ट्रेन मैनेजर का बहुत समय बचेगा एवं इस व्यवस्था के सम्पादन में अतिरिक्त कर्मियों की आवश्यकता भी नहीं होगी तथा किसी भी प्रकार की जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजारना पड़ेगा. इसके अतिरिक्त ट्रेन मैनेजर के कार्य को आधुनिक स्वरुप प्रदान करते हुए उनके कार्य सम्पादन में सहजता होने के साथ यह बैग उनकी छवि के अनुरूप होगा. लखनऊ मंडल द्वारा इस नयी कार्यप्रणाली का प्रारम्भ करते हुए पहली बार आपूर्ति करने के लिए पहले चरण में कुल 562 ट्रॉली बैग उपलब्ध कराए गए. इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधकों सहित परिचालन एवं अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष और परिचालन विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे.

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