लखनऊ : रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने रेल टिकटों की दलाली करने वालों के खिलाफ इन दिनों अभियान चला रखा है. इस अभियान का नतीजा यह है कि जो एजेंट पर्सनल आईडी से रेल टिकट बना रहे हैं वह पकड़ में आ रहे हैं. जरूरत के समय लोगों को फर्जी आईडी से टिकट बनाकर ठगने वाले एक दलाल को आरपीएफ ने धर दबोचा. इस कार्रवाई में सीआईबी के प्रशांत सिंह यादव, करुणेश मिश्र हेड, राजेंद्र कुमार शामिल थे.
जानकारी के मुताबिक टीम ने चिनहट के मल्हौर रोड स्थित रैन बसेरा के सामने स्थित कोरियर एंड ऑनलाइन सेंटर दुकान से इंदिरानगर निवासी वसीम खान को रविवार शाम को गिरफ्तार किया. वसीम पर्सनल यूजर आईडी पर ई टिकटों का अवैध कारोबार कर रहा था. वह गलत तरीके से पर्सनल यूजर आईडी से ई टिकट बनाकर जरूरतमंद यात्रियों से किराए के अतिरिक्त पैसा वसूलता था. स्लीपर के टिकट पर 100 रुपये से 150 रुपये, एसी श्रेणी में कंफर्म टिकट के लिए 200 से 250 रुपये प्रति टिकट अतिरिक्त रूप से वसूलता था. वसीम के पास से कुल 10 ई टिकट मिले हैं, जिनकी कीमत 13,419 रुपये है. इसमें दो टिकट ऐसे थे, जिन पर आने वाले दिनों में यात्री को यात्रा करनी थी. छापेमारी करने गई टीम ने बताया कि कई सारे कागजात भी जब्त किए गए हैं जिनमें साफ तौर पर यह साक्ष्य हैं कि टिकट एजेंट पर्सनल आईडी से टिकट बुक कर रहा था. दुकान से डेस्कटॉप, प्रिंटर, मोबाइल के साथ ही 3880 रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं.
जांच टीम के अनुसार रेलवे टिकटों की कालाबाजारी करने वाले लोग पर्सनल आईडी बनाकर अपने समय से पहले आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर लॉगिन कर लेते है और टिकटें बना कर निकाल लेते है. इसका नुकसान आम यात्रियों को होता है, क्योंकि वह जब टिकट बुक करते हैं तो उनकी कंफर्म टिकट नहीं निकलती है. यह एजेंट एडवांस में ही टिकट बुक कर लेते हैं. आरोपी व्यक्ति अलग-अलग नाम से आईआरसीटीसी की पोर्टल पर आईडी बना लेतें हैं. जो ट्रेन के खुलते ही कॉमन नाम से टिकट बुक कर ली जाती है. जो एक टिकट में दो या तीन लोगों के नाम ऐड किए जाते हैं और इन्हीं लोगों के मिलते जुलते नाम से ग्राहकों को एडवांस में बुकिंग टिकट बेच दी जाती है जो इमरजेंसी या त्योहार के चलते आदमी आसानी से खरीद लेते हैं.
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