लखनऊ : रेलवे प्रशासन ने आरक्षित टिकट पर नाम परिवर्तन की प्रक्रिया को अब और आसान कर दिया है. अब जिन स्थानों पर राजपत्रित अधिकारी नहीं हैं, वहां पर मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक (सीआरएस) और आरक्षण पर्यवेक्षक प्रभारी (आरएस) भी नाम परिवर्तन करा सकते हैं. टेलीफोन से किसी राजपत्रित अधिकारी को इन अधिकारियों को अनुमोदन भेजना होगा. रेलवे में अभी तक यह सुविधा नहीं थी जिसके चलते यात्रियों को नाम परिवर्तन के लिए डिवीजन के चक्कर लगाने होते थे.
न हो दुरुपयोग इसकी भी व्यवस्था
-राजपत्रित अधिकारी की तरफ से नाम परिवर्तन के लिए आवश्यक पहचान प्रमाण के आधार पर परिवर्तन किया जा सकता है. जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, -पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, सरकार की तरफ से जारी फोटो पहचान पत्र, फोटो के साथ बैंक पासबुक या नोटरी से हलफनामा देना होगा. इसमें परिवार के सदस्य के साथ संबंध दर्शाना होगा.
-परिवर्तन की अनुमतियों का एक रजिस्टर तैयार होगा, जिसमें पूरा विवरण होगा.
-मुख्यालय के साथ-साथ मंडलों के वाणिज्यिक अधिकारी आरक्षण कार्यालयों के निरीक्षण के दौरान इन रजिस्टरों की जांच करेंगे. इसकी मासिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. अनियमितता पर कार्रवाई होगी.
-नाम बदलने की सुविधा आरक्षित पीआरएस टिकट, ई-टिकट और आई-टिकट पर लागू है, इसमें आरएसी व वेटिंग वाले टिकट भी शामिल हैं.
-तत्काल टिकट पर नाम परिवर्तन नहीं कराया जा सकेगा.
-अगर मूल टिकट, रियायती टिकट है तो नाम परिवर्तन की सुविधा की अनुमति नहीं होगी.
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