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लेवाना होटल अग्निकांड में बड़े अफसरों पर कार्रवाई न होने पर उठे ये सवाल - लेवाना होटल अग्निकांड मामले में कार्रवाई

लखनऊ के लेवाना होटल अग्निकांड मामले में जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के पास पहुंची तो सख्त कार्रवाई की गई. आरोप है कि इस पूरे अग्निकांड में छोटे अफसरों पर कार्रवाई की गई लेकिन बड़े अफसर बच गए. अब इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं.

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प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी
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Published : Sep 11, 2022, 3:58 PM IST

लखनऊ: राजधानी के लेवाना होटल अग्निकांड मामले (levana hotel fire case) में जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के पास पहुंची तो सख्त कार्रवाई की गई. इस पूरे अग्निकांड में दोषी अधिकारियों व अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया. गृह विभाग लखनऊ विकास प्राधिकरण अग्निशमन सहित अन्य विभागों के करीब 19 अधिकारियों को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई. चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरी मामले में किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में जांच रिपोर्ट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के विहित प्राधिकारी महेंद्र कुमार मिश्रा के ऊपर तैनात रहे सचिव और उपाध्यक्ष स्तर के अधिकारियों को इस कार्रवाई की जद में नहीं लिया गया, जिससे तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि शासन स्तर पर आईएएस लॉबी के मैनेजमेंट की वजह से इन अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष और सचिव के संरक्षण के बिना कहीं कोई काम नहीं किया जा सकता. लखनऊ में अगर कहीं पर अवैध निर्माण होता है, तो उसमें लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व सचिव की जिम्मेदारी बनती है लेकिन अग्निकांड मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अख्तियार किया तो जो महत्वपूर्ण पदों पर तैनात अधिकारी थे उन्हें पूरी तरह से बचा दिया गया, जिससे पूरी जांच रिपोर्ट और कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी

यह भी पढें: यूपी में आज से शुरू हुआ मेगा वैक्सीनेशन कैंप, प्रदेशभर में 10 हजार 179 कैंप लगे

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) द्वारा की गई जिम्मेदारों पर कार्रवाई के बावजूद कई अन्य प्रमुख लोगों के बच निकलने से जांच की शुचिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. मई महीने में नोटिस जारी होने के बाद 3 महीने तक पत्रावली दबाने वाले वर्तमान जिम्मेदारों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो सबसे बड़ा सवालिया निशान है. इसके अलावा लखनऊ जिला प्रशासन के स्तर पर भी पारदर्शिता नहीं बरती गई. सराय एक्ट का लाइसेंस जारी नहीं किया गया था. इसके बाद भी जिम्मेदारों ने नोटिस आदि की कार्रवाई तक नहीं की. ऐसे में बिना पंजीकरण के ही होटल चलता रहा और लखनऊ विकास प्राधिकरण के अलावा लखनऊ जिला प्रशासन में तैनात रहे स्तर के अधिकारी जिला अधिकारी स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने को लेकर इस पूरी जांच रिपोर्ट पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

बता दें कि, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी ने कहा कि लेवाना अग्निकांड मामले में जो कार्रवाई हुई है. वह कमिश्नर की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हुई है. वरिष्ठ अधिकारी की टीम ने जांच की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टालरेंस की नीति के अनुसार ही कार्रवाई हुई है. आगे भी जांच के आधार पर कार्रवाई होगी.

लखनऊ: राजधानी के लेवाना होटल अग्निकांड मामले (levana hotel fire case) में जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के पास पहुंची तो सख्त कार्रवाई की गई. इस पूरे अग्निकांड में दोषी अधिकारियों व अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया. गृह विभाग लखनऊ विकास प्राधिकरण अग्निशमन सहित अन्य विभागों के करीब 19 अधिकारियों को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई. चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरी मामले में किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में जांच रिपोर्ट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के विहित प्राधिकारी महेंद्र कुमार मिश्रा के ऊपर तैनात रहे सचिव और उपाध्यक्ष स्तर के अधिकारियों को इस कार्रवाई की जद में नहीं लिया गया, जिससे तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि शासन स्तर पर आईएएस लॉबी के मैनेजमेंट की वजह से इन अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष और सचिव के संरक्षण के बिना कहीं कोई काम नहीं किया जा सकता. लखनऊ में अगर कहीं पर अवैध निर्माण होता है, तो उसमें लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व सचिव की जिम्मेदारी बनती है लेकिन अग्निकांड मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अख्तियार किया तो जो महत्वपूर्ण पदों पर तैनात अधिकारी थे उन्हें पूरी तरह से बचा दिया गया, जिससे पूरी जांच रिपोर्ट और कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी

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वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) द्वारा की गई जिम्मेदारों पर कार्रवाई के बावजूद कई अन्य प्रमुख लोगों के बच निकलने से जांच की शुचिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. मई महीने में नोटिस जारी होने के बाद 3 महीने तक पत्रावली दबाने वाले वर्तमान जिम्मेदारों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो सबसे बड़ा सवालिया निशान है. इसके अलावा लखनऊ जिला प्रशासन के स्तर पर भी पारदर्शिता नहीं बरती गई. सराय एक्ट का लाइसेंस जारी नहीं किया गया था. इसके बाद भी जिम्मेदारों ने नोटिस आदि की कार्रवाई तक नहीं की. ऐसे में बिना पंजीकरण के ही होटल चलता रहा और लखनऊ विकास प्राधिकरण के अलावा लखनऊ जिला प्रशासन में तैनात रहे स्तर के अधिकारी जिला अधिकारी स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने को लेकर इस पूरी जांच रिपोर्ट पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

बता दें कि, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी ने कहा कि लेवाना अग्निकांड मामले में जो कार्रवाई हुई है. वह कमिश्नर की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हुई है. वरिष्ठ अधिकारी की टीम ने जांच की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टालरेंस की नीति के अनुसार ही कार्रवाई हुई है. आगे भी जांच के आधार पर कार्रवाई होगी.

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