ETV Bharat / state

अयोध्या की मस्जिद और म्यूजियम में दिखेगी गंगा-जमुनी तहजीब की झलक

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद के साथ ही बनने वाली म्यूजियम में अवध की गंगा-जमुनी तहजीब की झलक देखने को मिलेगी. इसके लिए पद्मश्री पुष्पेश पंत को म्युजियम का कंसलटेंट क्यूरेटर बनाया गया है. बता दें कि पुष्पेश पंत जेएनयू के सेवानिवृत्त प्रोफेसर होने के साथ ही बड़े इतिहासकार हैं.

पुष्पेश पंत
पुष्पेश पंत
author img

By

Published : Sep 5, 2020, 7:05 AM IST

Updated : Sep 5, 2020, 7:26 AM IST

लखनऊ: अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली पांच एकड़ जमीन पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मस्जिद के साथ शोध संस्थान, कम्युनिटी किचन, हॉस्पिटल और म्यूजियम भी बनाएगा. इसके निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन भी किया जा चुका है. मस्जिद के साथ ही तमाम चीजों के निर्माण के लिए लोगों से आर्थिक सहयोग भी लिया जाएगा, जिसके लिए बाकायदा ट्रस्ट के अकाउंट को भी सार्वजनिक किया गया है. 5 एकड़ भूमि पर बनने वाले म्यूजियम का सर्वेसर्वा पद्मश्री पुष्पेश पंत को बनाया गया है.

महत्तवपूर्ण बातें-

  • पुष्पेश पंत को बनाया गया म्यूजियम का कंसलटेंट क्यूरेटर.
  • जेएनयू में प्रोफेसर रह चुके हैं पुष्पेश पंत.
  • साल 2011 में न्यूयार्क टाइम्स ने 'इण्डिया: दि कुकबुक' को घोषित किया सर्वश्रेष्ठ पुस्तक.

ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद, अस्पताल, कम्यूनिटी किचन, इंडो-इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर के साथ जो म्यूजियम बनाया जाएगा वह लोगों को इंडो इस्लामिक संस्कृति से रूबरू कराएगा. अतहर हुसैन ने बताया कि म्यूजियम का सर्वेसर्वा इतिहासकार पद्मश्री पुष्पेश पंत को बनाया गया है. उन्होंने बताया कि पुष्पेश पंत जेएनयू सेवानिवृत्त प्रोफेसर होने के साथ ही बड़े इतिहासकार हैं.

अतहर हुसैन ने बताया कि यह संग्रहालय और अभिलेखागार मस्जिद परिसर में बनने वाले इण्डो-इस्लामिक रिसर्च सेंटर का ही हिस्सा होंगे. इण्डो-इस्लामिक कल्चरल फाउण्डेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने पुष्पेश पंत के बारे में बताया कि 1947 में जन्मे पंत जेएनयू के अन्तरराष्ट्रीय संबंध अध्ययन विभाग के प्रोफेसर पद से रिटायर हुए हैं. ट्रस्ट की ओर से प्रो. पंत को कंसलटेंट क्यूरेटर मनोनीत किया गया है. पद्मश्री पुष्पेश पंत अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ भारतीय व्यंजन कला के भी जानकार हैं. साल 2011 में प्रकाशित उनकी पुस्तक- 'इण्डिया: दि कुकबुक' को न्यूयार्क टाइम्स सर्वश्रेष्ठ पुस्तक घोषित कर चुका है.

म्यूजियम में दिखेगी गंगा-जमुनी तहजीब

5 एकड़ भूमि पर बनने वाले म्यूजियम में अवध की मिली-जुली गंगा-जमुनी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. यहां उर्दू जुबान की कैलीग्राफी के उत्कृष्ट नमूने, भारतीय-इस्लामी स्थापत्य कला के बेहतरीन निर्माण रूमी दरवाजा, इमामबाड़ा, मकबरे, मंदिर आदि के मॉडल भी देखने को मिलेंगे. इसी के साथ इन भवनों के निर्माण की रूप रेखा तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जमिया मिलिया इस्लामिया के आर्किटेक्चर विभाग के हेड प्रोफेसर एसएम अख्तर को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

इसे भी पढ़ें- मायावती और अखिलेश शासन के कार्यों की जांच करेगी एसआईटी, कई दिग्गज जांच के घेरे में

लखनऊ: अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली पांच एकड़ जमीन पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मस्जिद के साथ शोध संस्थान, कम्युनिटी किचन, हॉस्पिटल और म्यूजियम भी बनाएगा. इसके निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन भी किया जा चुका है. मस्जिद के साथ ही तमाम चीजों के निर्माण के लिए लोगों से आर्थिक सहयोग भी लिया जाएगा, जिसके लिए बाकायदा ट्रस्ट के अकाउंट को भी सार्वजनिक किया गया है. 5 एकड़ भूमि पर बनने वाले म्यूजियम का सर्वेसर्वा पद्मश्री पुष्पेश पंत को बनाया गया है.

महत्तवपूर्ण बातें-

  • पुष्पेश पंत को बनाया गया म्यूजियम का कंसलटेंट क्यूरेटर.
  • जेएनयू में प्रोफेसर रह चुके हैं पुष्पेश पंत.
  • साल 2011 में न्यूयार्क टाइम्स ने 'इण्डिया: दि कुकबुक' को घोषित किया सर्वश्रेष्ठ पुस्तक.

ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद, अस्पताल, कम्यूनिटी किचन, इंडो-इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर के साथ जो म्यूजियम बनाया जाएगा वह लोगों को इंडो इस्लामिक संस्कृति से रूबरू कराएगा. अतहर हुसैन ने बताया कि म्यूजियम का सर्वेसर्वा इतिहासकार पद्मश्री पुष्पेश पंत को बनाया गया है. उन्होंने बताया कि पुष्पेश पंत जेएनयू सेवानिवृत्त प्रोफेसर होने के साथ ही बड़े इतिहासकार हैं.

अतहर हुसैन ने बताया कि यह संग्रहालय और अभिलेखागार मस्जिद परिसर में बनने वाले इण्डो-इस्लामिक रिसर्च सेंटर का ही हिस्सा होंगे. इण्डो-इस्लामिक कल्चरल फाउण्डेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने पुष्पेश पंत के बारे में बताया कि 1947 में जन्मे पंत जेएनयू के अन्तरराष्ट्रीय संबंध अध्ययन विभाग के प्रोफेसर पद से रिटायर हुए हैं. ट्रस्ट की ओर से प्रो. पंत को कंसलटेंट क्यूरेटर मनोनीत किया गया है. पद्मश्री पुष्पेश पंत अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ भारतीय व्यंजन कला के भी जानकार हैं. साल 2011 में प्रकाशित उनकी पुस्तक- 'इण्डिया: दि कुकबुक' को न्यूयार्क टाइम्स सर्वश्रेष्ठ पुस्तक घोषित कर चुका है.

म्यूजियम में दिखेगी गंगा-जमुनी तहजीब

5 एकड़ भूमि पर बनने वाले म्यूजियम में अवध की मिली-जुली गंगा-जमुनी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. यहां उर्दू जुबान की कैलीग्राफी के उत्कृष्ट नमूने, भारतीय-इस्लामी स्थापत्य कला के बेहतरीन निर्माण रूमी दरवाजा, इमामबाड़ा, मकबरे, मंदिर आदि के मॉडल भी देखने को मिलेंगे. इसी के साथ इन भवनों के निर्माण की रूप रेखा तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जमिया मिलिया इस्लामिया के आर्किटेक्चर विभाग के हेड प्रोफेसर एसएम अख्तर को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

इसे भी पढ़ें- मायावती और अखिलेश शासन के कार्यों की जांच करेगी एसआईटी, कई दिग्गज जांच के घेरे में

Last Updated : Sep 5, 2020, 7:26 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.