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...अगस्त 2020 तक शुरू हो जाएगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

योगी सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को 2020 तक शुरू करना चाहती है. इस वजह से एक्सप्रेस-वे को आठ अलग-अलग हिस्सों में तैयार किया जा रहा. बता दें कि इस एक्सप्रेस-वे को पूरा करने के लिए 36 महीने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे घटाकर अब 30 महीने कर दिया गया है.

अगस्त 2020 में शुरू होगा एक्सप्रेस-वे
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Published : Aug 28, 2019, 8:40 AM IST

लखनऊ: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश के अपने पूर्वी छोर से सीधे देश की राजधानी दिल्ली के साथ एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को पहले गाजीपुर तक ही बनाया जा रहा था, लेकिन अब इसे बलिया से जोड़ा जा रहा है. बता दें कि बलिया उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला है, जो बिहार से सीमाएं साझा करता है. यूपीडा के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 340.824 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को छह लेन का बनाया जा रहा है, इसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित भी किया जा सकता है.

अगस्त 2020 में शुरू होगा एक्सप्रेस-वे

2020 तक शुरू होगा एक्सप्रेस-वे
एक्सप्रेस-वे पर निर्माण कार्य की शुरुआत एक साल पहले 10 अक्टूबर को हुई थी. योगी सरकार ने मेन कैरेज वे को पूरा करने के लिए 24 महीने का समय निर्धारित किया है. यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी के अनुसार एक्सप्रेस-वे का मेन कैरेज वे एक साल बाद अगस्त 2020 में शुरू कर दिया जाएगा. एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित जमीन पर कब्जे का काम भी 97% पूरा हो चुका है. एक्सप्रेस-वे के रास्ते में प्रस्तावित रेलवे ओवर ब्रिज समेत अन्य विकास कार्यों की अनुमति भी रेलवे से मिल चुकी है. एक्सप्रेस-वे को पर्यावरण मंत्रालय से भी क्लीयरेंस मिल चुकी है.

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की खास बातें
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ से होकर बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर होते हुए बलिया तक जाएगा. इसे आठ भागों में बांटा गया है. इसकी कुल लंबाई 340.824 किलोमीटर है, जबकि इसकी कुल लागत 11216.11 करोड़ रुपये है. इसमें 18 फ्लाईओवर, सात बड़े पुल, 112 छोटे पुल, कल्वर्ट 489 और 220 अंडरपास होंगे. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक्सप्रेस-वे को 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इसे घटाकर 30 महीने कर दिया गया है.

लखनऊ: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश के अपने पूर्वी छोर से सीधे देश की राजधानी दिल्ली के साथ एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को पहले गाजीपुर तक ही बनाया जा रहा था, लेकिन अब इसे बलिया से जोड़ा जा रहा है. बता दें कि बलिया उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला है, जो बिहार से सीमाएं साझा करता है. यूपीडा के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 340.824 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को छह लेन का बनाया जा रहा है, इसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित भी किया जा सकता है.

अगस्त 2020 में शुरू होगा एक्सप्रेस-वे

2020 तक शुरू होगा एक्सप्रेस-वे
एक्सप्रेस-वे पर निर्माण कार्य की शुरुआत एक साल पहले 10 अक्टूबर को हुई थी. योगी सरकार ने मेन कैरेज वे को पूरा करने के लिए 24 महीने का समय निर्धारित किया है. यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी के अनुसार एक्सप्रेस-वे का मेन कैरेज वे एक साल बाद अगस्त 2020 में शुरू कर दिया जाएगा. एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित जमीन पर कब्जे का काम भी 97% पूरा हो चुका है. एक्सप्रेस-वे के रास्ते में प्रस्तावित रेलवे ओवर ब्रिज समेत अन्य विकास कार्यों की अनुमति भी रेलवे से मिल चुकी है. एक्सप्रेस-वे को पर्यावरण मंत्रालय से भी क्लीयरेंस मिल चुकी है.

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की खास बातें
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ से होकर बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर होते हुए बलिया तक जाएगा. इसे आठ भागों में बांटा गया है. इसकी कुल लंबाई 340.824 किलोमीटर है, जबकि इसकी कुल लागत 11216.11 करोड़ रुपये है. इसमें 18 फ्लाईओवर, सात बड़े पुल, 112 छोटे पुल, कल्वर्ट 489 और 220 अंडरपास होंगे. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक्सप्रेस-वे को 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इसे घटाकर 30 महीने कर दिया गया है.

Intro:लखनऊ .उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का महत्वाकांक्षी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आकार लेता दिखाई देने लगा है. योगी सरकार एक्सप्रेसवे को अगस्त 2020 तक शुरू करना चाहती है. इस वजह से एक्सप्रेसवे को 8 अलग-अलग हिस्सों में तैयार किया जा रहा है .सुल्तानपुर जिले में एक्सप्रेसवे सड़क पर कोलतार की परत भी बिछाई जा रही है .


Body:पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण से उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य हो जाएगा जो अपने पूर्वी छोर से लेकर पश्चिमी छोर पर देश की राजधानी दिल्ली के साथ सीधे एक्सप्रेस वे से जुड़ा होगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को पहले गाजीपुर तक ही बनाया जा रहा था लेकिन अब इसे बलिया से जोड़ा जा रहा है. बलिया पूर्वी उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश का आखिरी जिला है और बिहार राज्य की सीमा से जुड़ा हुआ है. यूपीड के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 340.824 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को छह लेन का बनाया जा रहा है इसे भविष्य में 8 दिन तक विस्तारित किया जा सकेगा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक्सप्रेस-वे को 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा लेकिन अब इसे घटाकर 30 महीने कर दिया गया है एक्सप्रेस वे पर निर्माण कार्य की शुरुआत 1 साल पहले 10 अक्टूबर को हुई थी . योगी सरकार ने मेन कैरेजवे को पूरा करने के लिए 24 महीने का समय निर्धारित किया है । यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी के अनुसार एक्सप्रेसवे का मेन कैरेज वे एक साल बाद अगस्त 2020 में शुरू कर दिया जाएगा। एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहित जमीन पर कब्जे का काम भी 97% पूरा हो चुका है। एक्सप्रेस वे के रास्ते में प्रस्तावित रेलवे ओवर ब्रिज समेत अन्य विकास कार्यों की अनुमति भी रेलवे से मिल चुकी है। एक्सप्रेस-वे को पर्यावरण मंत्रालय से भी क्लीयरेंस मिल चुकी है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की खास बातें


जिन जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेस वे


लखनऊ बाराबंकी अमेठी सुल्तानपुर फैजाबाद अंबेडकरनगर आजमगढ़ मऊ गाजीपुर बलिया.

निर्माण करने वाली कंपनियों की संख्या 8

कुल लंबाई 340.824 किलोमीटर
कुल लागत 11216 .11 करोड़
फ्लाईओवर 18
बड़े पुल 7
छोटे पुल 112
वायडक्ट 5
कल्वर्ट 489
अंडर पास 220

पीटीसी अखिलेश तिवारी




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