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विश्व प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर पीडब्ल्यूडी की अनूठी पहल, जानें क्या लिया निर्णय

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Published : Dec 1, 2020, 10:32 PM IST

प्रदूषण नियंत्रण दिवस के उपलक्ष में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने एक अनूठी पहल की है. इसमें वर्ष 2020- 21 में वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से 1500 किलोमीटर लंबी सड़कों का नवीनीकरण किया जाएगा. इस पहल से लगभग 2000 टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत होगी.

विश्व प्रदूषण नियंत्रण दिवस.
विश्व प्रदूषण नियंत्रण दिवस.

लखनऊः प्रदूषण नियंत्रण दिवस के उपलक्ष में लोक निर्माण विभाग ने एक अनूठी पहल की है. इसमें वर्ष 2020- 21 में वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से 1500 किलोमीटर लंबी सड़कों का नवीनीकरण किया जाएगा. इस पहल से लगभग 2000 टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत होगी. इसमें नई तकनीक का इस्तेमाल कर लोक निर्माण विभाग कार्बन उत्सर्जन में 16 लाख टन की कमी लाएगा.

प्रदूषण से बचने के लिए लिया निर्णय

उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि प्रदूषण मानव सभ्यता के साथ-साथ विश्व के समस्त प्राणियों के लिए अत्यन्त घातक है. प्रत्येक वर्ष लाखों लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गवांते हैं. प्रदूषण से बचने के लिये हमें अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करने की आवश्यकता है. पूरा विश्व प्रदूषण की चपेट में है और इससे बचने के तरीके अपना रहा है. प्रदूषण से बचने का सर्वाधिक सरल उपाय प्रकृति को अपनाना और पौधरोपण करना है. लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली में भी सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं. विभाग नई तकनीकी का उपयोग कर लगभग कार्बन उत्सर्जन में 16 लाख टन की लाई गई है. विभाग समय-समय पर पर्यावरण संरक्षण में सहायक अन्य तरीकों को भी अपना रहा है। इनमें हर्बल मार्ग और वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से मार्ग निर्माण शामिल है.

सड़कों को बनाया जा रहा हर्बल मार्ग
उन्होंने बताया कि वातावरण को प्रदूषणमुक्त करने और बीमारियों से बचाव के लिए लोक निर्माण विभाग ने कुल 175 मार्गों को हर्बल मार्गों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए चयनित मार्गों पर ग्रीन पट्टी बनाकर हर्बल वृक्ष जैसे- नीम, आंवला, अर्जुन, सहजन, पीपल आदि के पौधे रोपित किए जा रहे हैं। हर्बल मार्गों पर अब तक 32,731 पौधे रोपित किये जा चुके हैं।

बनाई जा रहीं हर्बल वाटिकाएं
इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग ने हर्बल वाटिका का निर्माण किया जा रहा है. इसमें मासपर्णी, सप्तपर्णी, जत्रोफा (रतनजोत), मेंथा, लेमन ग्रास, भ्रिंगराज, मुई, ब्राह्मी, तुलसी, अनन्तमूल, ग्वारापाठा, अश्वगंधा, हल्दी आदि पौधे रोपे जा रहे है। ये पौधे कई रोगों के समाधान में अत्यन्त उपयोगी हैं.

वर्ष 2020-21 के लिए बढ़ाया गया लक्ष्य

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती पर सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करते हुए मार्गों के नवीनीकरण की योजना प्रारम्भ की गई थी. इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक 75 मार्गों पर 94 किमी सड़कों का नवीनीकरण वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से करने की स्वीकृति दी जा चुकी है. अब तक इनमें से 32 कार्यों के तहत 43 किमी लम्बाई के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं. इस दौरान 63 टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत की गई है. उन्होने बताया कि इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में लगभग 1500 किमी लम्बाई के नवीनीकरण कार्यों में वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग का लक्ष्य है. इसमें लगभग 2 हजार टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत होगी.

लखनऊः प्रदूषण नियंत्रण दिवस के उपलक्ष में लोक निर्माण विभाग ने एक अनूठी पहल की है. इसमें वर्ष 2020- 21 में वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से 1500 किलोमीटर लंबी सड़कों का नवीनीकरण किया जाएगा. इस पहल से लगभग 2000 टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत होगी. इसमें नई तकनीक का इस्तेमाल कर लोक निर्माण विभाग कार्बन उत्सर्जन में 16 लाख टन की कमी लाएगा.

प्रदूषण से बचने के लिए लिया निर्णय

उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि प्रदूषण मानव सभ्यता के साथ-साथ विश्व के समस्त प्राणियों के लिए अत्यन्त घातक है. प्रत्येक वर्ष लाखों लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गवांते हैं. प्रदूषण से बचने के लिये हमें अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करने की आवश्यकता है. पूरा विश्व प्रदूषण की चपेट में है और इससे बचने के तरीके अपना रहा है. प्रदूषण से बचने का सर्वाधिक सरल उपाय प्रकृति को अपनाना और पौधरोपण करना है. लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली में भी सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं. विभाग नई तकनीकी का उपयोग कर लगभग कार्बन उत्सर्जन में 16 लाख टन की लाई गई है. विभाग समय-समय पर पर्यावरण संरक्षण में सहायक अन्य तरीकों को भी अपना रहा है। इनमें हर्बल मार्ग और वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से मार्ग निर्माण शामिल है.

सड़कों को बनाया जा रहा हर्बल मार्ग
उन्होंने बताया कि वातावरण को प्रदूषणमुक्त करने और बीमारियों से बचाव के लिए लोक निर्माण विभाग ने कुल 175 मार्गों को हर्बल मार्गों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए चयनित मार्गों पर ग्रीन पट्टी बनाकर हर्बल वृक्ष जैसे- नीम, आंवला, अर्जुन, सहजन, पीपल आदि के पौधे रोपित किए जा रहे हैं। हर्बल मार्गों पर अब तक 32,731 पौधे रोपित किये जा चुके हैं।

बनाई जा रहीं हर्बल वाटिकाएं
इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग ने हर्बल वाटिका का निर्माण किया जा रहा है. इसमें मासपर्णी, सप्तपर्णी, जत्रोफा (रतनजोत), मेंथा, लेमन ग्रास, भ्रिंगराज, मुई, ब्राह्मी, तुलसी, अनन्तमूल, ग्वारापाठा, अश्वगंधा, हल्दी आदि पौधे रोपे जा रहे है। ये पौधे कई रोगों के समाधान में अत्यन्त उपयोगी हैं.

वर्ष 2020-21 के लिए बढ़ाया गया लक्ष्य

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती पर सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करते हुए मार्गों के नवीनीकरण की योजना प्रारम्भ की गई थी. इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक 75 मार्गों पर 94 किमी सड़कों का नवीनीकरण वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से करने की स्वीकृति दी जा चुकी है. अब तक इनमें से 32 कार्यों के तहत 43 किमी लम्बाई के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं. इस दौरान 63 टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत की गई है. उन्होने बताया कि इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में लगभग 1500 किमी लम्बाई के नवीनीकरण कार्यों में वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग का लक्ष्य है. इसमें लगभग 2 हजार टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत होगी.

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