लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या शहर में नई सड़कों के निर्माण और पुरानी सड़कों के चौड़ीकरण के लिए जमीन के अधिग्रहण से पूर्व प्रभावित लोगों के पुनर्वास की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने अयोध्या उद्योग व्यापार मंडल की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया है. याचिका में कहा गया था कि अयेाध्या में इस समय सड़कों के चौड़ीकरण का काम जोरों पर है. इससे वहां के निवासियों और व्यापारियों को अपने पुश्तैनी मकानों, दुकानों को चौड़ीकरण के लिए जगह छोड़नी पड़ रहा है. मांग की गई कि मकानों और दुकानों को खाली कराने से पहले प्रभावितों के लिए अलग कहीं पुनर्वास की व्यवस्था की जाए. कहा गया कि अयोध्या शहर के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए वहां की सड़कें चौड़ी की जा रही हैं लेकिन, इसके लिए बिना पुनर्वास की व्यवस्था किए पहले से मौजूद दुकानों को गिराने से रोका जाए और बिना कानूनी प्रवाधानों का पालन किए दुकानदारों को उनकी दुकानें हटाने के लिए मजबूर न किया जाए.
हालांकि न्यायालय ने इस संबंध में जनहित याचिका पर सुनवाई का औचित्य पूछा जिसका याची की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जा सका. याचिका पर कुछ देर बहस के बाद याची के अधिवक्ता ने स्वयं ही कहा कि वह इस याचिका पर बल नहीं देना चाहते, लिहाजा इसे खारिज कर दिया जाए. इस पर न्यायालय ने याचिका केा खारिज कर दिया और इस विषय पर नई याचिका दाखिल करने की छूट भी नहीं प्रदान की है.