लखनऊ: प्रदेश में कोरोना संकट को देखते हुए राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 2021-22 के लिए नई बिजली दर की जनसुनवाई को टाल दिया है. अब यह सुनवाई 17, 19 और 21 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी. बिजली कंपनियों की ओर से दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता प्रस्ताव पर आयोग ने पहले ही 30 अप्रैल 3 और 5 मई को जन सुनवाई तय की है. वैसे राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद से कोविड संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए जनसुनवाई टालने का अनुरोध किया गया था. अब नई घोषित हुई तिथियों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई होगी.
नई बिजली दरों पर जन सुनवाई टली
उत्तर प्रदेश में 202-22 के लिए नई बिजली दरों को लेकर राज्य विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई होनी थी, जिसे फिलहाल 15 दिनों के लिए टाल दिया गया है. बिजली कंपनियों की ओर से दाखिल 2020-21 और 22 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) तथा 2020-21 की एनुअल परफॉर्मेंस रिव्यू याचिका को स्वीकार करने के बाद आयोग ने पावर कॉरपोरेशन को इसका सार्वजनिक प्रकाशन कराने को कहा था. उपभोक्ता परिषद ने कंपनियों पर कोरोना काल में बिजली दर बढ़ाने की साजिश का आरोप लगाते हुए आयोग में याचिका दाखिल कर जन सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी. अब बिजली दरों पर सुनवाई 17, 19 और 21 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएगी.
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राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि लोग कोरोना संकट में बेहाल हैं. ऐसे में नियामक आयोग को दरों में कमी करनी चाहिए. कंपनियों पर उपभोक्ता का लगभग 19,535 करोड़ रुपये बकाया है. इसके एवज में तीन साल तक 8-8 फीसदी बिजली दरों की कमी का एलान किया जाए.