लखनऊ: कृषि कानून को लेकर सरकार और राजनीतिक दलों में तनातनी जारी है. विपक्षी दल सरकार पर विरोध प्रदर्शन के जरिए कानून को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं, वहीं सरकार अपने फैसले पर अडिग है. पंजाब से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब उत्तर प्रदेश में भी पहुंच चुका है. विपक्षी दल सड़कों पर उतर कर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं. राजधानी लखनऊ में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी( लोहिया) के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून के विरोध में सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया तो आपसी झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया और जबरन गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया.
राजधानी लखनऊ में शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के कार्यकर्ता सोमवार को बड़ी संख्या में सड़क पर प्रदर्शन करने उतरे थे. उन्होंने सरकार से तत्काल कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग की. कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पुलिस ने आक्रोशित कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने, जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
जब स्थिति नियंत्रित होते नजर नहीं आई तो पुलिस ने प्रसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें भी आई हैं.
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पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने केंद्र सरकार के साथ ही प्रदेश सरकार पर भी किसान विरोधी होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या उठाने वाली पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं पर पुलिस की लाठीचार्ज की कड़ी निंदा होनी चाहिए. सरकार किसान विरोधी है. इस कानून के विरोध में लगातार आवाजें उठ रही हैं. सरकार को इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए और तत्काल इस बिल को वापस लेना चाहिए.