लखनऊ: महात्मा गांधी के बलिदान दिवस के मौके पर गुरुवार को हजरतगंज चौराहे पर स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया गया. शराबबंदी मोर्चा के साथ तमाम सामाजिक संगठन और महिलाओं ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया. लोगों का कहना है कि शराब हमारे समाज के लिए हानिकारक है. शराब पीने से लोगों की मौतें हो रही हैं. पूरा देश महात्मा गांधी का है, लेकिन सिर्फ उनकी जन्मस्थली गुजरात में शराबबंदी की गई है.
विदेशियों के लिए नई नीति
नाराज लोगों का कहना है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के लिए आबकारी विभाग में नई नीति अपनाई गई है. इन्होंने गुजरात में शराबबंदी की तर्ज पर देश में शराबबंदी की मांग की है. पूरे प्रदेश में शराबबंदी को लेकर राज्यपाल के लिए ज्ञापन भी दिया गया.
विदेशियों को देना चाहिए अपना संस्कार
शराबबंदी मोर्चा के सदस्य मुर्तजा हुसैन ने कहा कि प्रदेश में विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए प्रदेश में नई आबकारी नीति में बदलाव किया गया है. अब मॉडल शॉप और शराब की दुकानें रात में चार बजे तक खुली रहेंगी. सरकार ने पर्यटकों को लुभाने के लिए ऐसा किया है, जबकि हमारी विचारधारा उन्हें अपने संस्कार में डालने की होनी चाहिए.
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'राजस्व से अधिक है शराब पीने से नुकसान'
आचार्य संतोष आनंद ने कहा कि गांधीवादी नेताओं ने गांधीजी की विचारधारा का अनुसरण नहीं किया, जिसकी वजह से शराब लगातार बिक रही है. राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार शराब पर पाबंदी नहीं लगा रही है, जबकि सरकार को पता है कि राजस्व से ज्यादा धन शराब से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है. वहीं आर्य समाज के प्रधान देवेंद्र पाल वर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी के बलिदान दिवस के मौके पर हम सरकार से शराबबंदी की मांग कर रहे हैं.